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बाहर से चमाचम, भीतर से बेदम है सिलीगुड़ी जिला अस्पताल

- सफाई कर्मचारियों की संख्या काफी कम -वर्षो से नहीं की गई है कोई नई नियुक्ति -ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 07:08 PM (IST)
बाहर से चमाचम, भीतर से बेदम है सिलीगुड़ी जिला अस्पताल
बाहर से चमाचम, भीतर से बेदम है सिलीगुड़ी जिला अस्पताल

- सफाई कर्मचारियों की संख्या काफी कम

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-वर्षो से नहीं की गई है कोई नई नियुक्ति

-हर वार्ड में निजी आया का दबदबा,सुरक्षा में सेंध

बेड-360

वार्ड- 13

सफाई कर्मचारी-मात्र 18

फोटो:

मोहन झा, सिलीगुड़ी : कहावत है न, उंची दुकान और फीकी पकवान। कुछ ऐसा ही आलम सिलीगुड़ी जिला अस्पताल का है। अस्पताल के बाहरी व भीतरी दीवारों पर सफेद और नीला रंग चढ़ाकर चमाचम कर दिया गया है,लेकिन स्वास्थ्य सेवा बेदम है। डॉक्टरों और नर्सो की बात छोड़ दें,यहां तो साफ-सफाई के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नहीं है। ऐसे में सिलीगुड़ी जिला अस्पताल की बदहाली का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही सरकारी इमारतों पर सफेद-नीले की परत चढ़ा दी गई है। इस रंग ने अस्पताल सहित अन्य सरकारी इमारतों को बाहर से चमका तो दिया, लेकिन भीतर की स्थिति अभी भी बदहाल ही है।

उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के बाद सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाका वासियों के लिए सिलीगुड़ी जिला अस्पताल ही दूसरा बड़ा अस्पताल है। 360 बेड वाले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में करीब हमेशा ही क्षमता से दो गुना मरीज भर्ती रहते हैं। सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में मेल और फीमेल सर्जिकल, मेल व फीमेल मेडिसिन, मेल व फीमेल डाउन वार्ड के साथ गाइनो व डिलीवरी, ऑवजरवेशन, एसएनसीयू, सीसीयू, एसडीयू, ओटी व आपातकाल मिलाकर कुल 13 वार्ड हैं।

कर्मचारियों की कमी से प्रत्येक वार्ड के लिए सफाई कर्मचारी नियुक्त करना संभव नहीं हो रहा है। तोड़-जोड़ कर काम चलाया जा रहा है। इस अस्पताल में कम से कम 40 सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है। तब जा कर 8 घंटे की तीन शिफ्ट में अस्पताल के सभी वार्डो में एक सफाई कर्मचारी को रखा जा सकेगा। जबकि वर्तमान में सफाई कर्मचारियों की संख्या आधे से भी कम है। अस्पताल सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थाई सफाई कर्मी के रिटायर होने के बाद नये कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। जिसकी वजह से कर्मचारियों की संख्या घटने के साथ काम का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। किसी एक कर्मचारी के छुंट्टी पर जाने से समस्या और भी बढ़ जाती है। इन्हीं सफाई कर्मचारियों से आउटडोर व अस्पताल परिसर की सफाई का काम भी कराया जाता है। सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में ग्रुप-डी व सफाई कर्मियों की कमी के कारण निजी आया अपनी पैठ बना रही हैं। जो अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध है। लेकिन ग्रुप-डी व सफाई कर्मचारी के अभाव में निजी आया को रखना मरीज के परिजनों की आवश्यकता है, वहीं आया के प्रवेश को नजरअंदाज करना अस्पताल प्रबंधन की मजबूरी है।

कितने डॉक्टर और कर्मचारी

इस अस्पताल में फिजिशियन, पीडियाट्रिक, सर्जन, ऑर्थो, गायनो व विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों को मिलाकर डॉक्टरों की कुल संख्या 50 है। 65 स्थाई व 10 अस्थाई ग्रुप-डी कर्मचारी हैं। स्थायी नर्सो की संख्या 131 है। लेकिन 13 वार्ड वाले सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में सफाई कर्मचारियों की कुल संख्या 18 है। जिसमें से 11 स्थाई और 7 अस्थाई हैं। इस समस्या से हम अवगत हैं। राज्य स्वास्थ विभाग से ग्रुप-डी और स्थाई सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति का आवेदन किया गया है। स्वास्थ विभाग ने शीघ्र कर्मचारियों की नियुक्ति का भरोसा दिया है। - डॉ. रूद्रनाथ भंट्टाचार्य, चेयरमैन,रोगी कल्याण समिति


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