एसएफआइ नेता सुकृति आश को जमानत, रिहा होने पर फूल-मालाओं से भव्य स्वागत
पुलिस पर पेट्रोल डालकर जलाकर मारने की कोशिश की आरोपी एसएफआइ नेता सुकृति आश को सिलीगुड़ी की अदालत से जमानत मिल गई। इससे माकपाइयों में खुशी की लहर है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 10:36 PM (IST)
सिलीगुड़ी, [जागरण संवाददाता] ।स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) नेता सुकृति आश को रविवार को अदालत से जमानत मिल गई। पेट्रोल डाल कर पुलिस वालों को जलाकर मारने की कोशिश करने के आरोप में हावड़ा से इनकी गिरफ्तारी की गई थी। इससे सुकृति के परिवार समेत माकपाईयों में खुशी की लहर है। सिलीगुड़ी अदालत में रविवार शाम सुकृति की पेशी व जमानत की प्रक्रिया के दौरान उसके परिजन समेत कई माकपा नेता व समर्थक जुटे रहे। सुकृति के जमानत पर रिहा होते ही उसे फूलों की माला पहना कर व मिठाइयां खिला कर उसका स्वागत व अभिनंदन किया गया।
इस दिन अदालत से रिहा होने से लेकर घर तक जाने के क्रम में माकपा नेता सिलीगुड़ी के विधायक व मेयर अशोक भट्टाचार्य, माकपा के दार्जिलिंग जिला सचिव जीवेश सरकार व अन्य कई सम्मिलित रहे। माकपा नेता अशोक जीवेश सरकार ने कहा कि यह जन आंदोलन की जीत है। राज्य सरकार व पुलिस के तानाशाही रवैये की पराजय हुई है। इंसाफ के लिए हम सतत आंदोलनरत रहेंगे। सुकृति के घर पर भी देर रात तक बधाई देने आने वालों का तांता लगा रहा।
उल्लेखनीय है कि गत 10 अक्टूबर को सुकृति को हावड़ा से गिरफ्तार किया गया था। 11 अक्टूबर को उसे सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया। जहां अदालत ने उसे पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इधर, शनिवार को सुकृति अस्वस्थ हो गई। उसके मद्देनजर पुलिस द्वारा उसे अदालत में पेश किया गया। उसी दौरान सुकृति की ओर से अधिवक्ता पार्थ चौधरी ने जमानत की अर्जी दी। मामले के जांच अधिकारी की ओर से अनापत्ति व्यक्त करने पर अदालत ने सुकृति को जमानत दे दी। इसके साथ ही मामले में अब अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। सुकृति के पक्षकार वकीलों की ओर से ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की सिलीगुड़ी शाखा के सचिव दिवाकर राय ने यह जानकारी दी।
याद रहे कि इस्लामपुर में गोलीकांड में दो छात्र की हत्या के खिलाफ गत 24 सितंबर को माकपा की ओर से सिलीगुड़ी शहर में प्रतिवाद रैली निकाली गई थी। उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला जलाने की कोशिश की थी, जिससे पुलिस ने प्रदर्शनकारियोंको रोका। उसे लेकर पुलिस व प्रदर्शनकारियों में तू-तू-मैं-मैं व धक्का-मुक्की तक हो गई। आरोप है कि उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुतला जलाने के लिए लाए गए पेट्रोल को पुलिस वालों पर छिड़क दिया व जला कर मारने की कोशिश की। उसी मामले में सुकृति आश की गत 10 अक्टूबर को हावड़ा में गिरफ्तारी हुई। बताया जाता है कि उक्त घटना को ले उसके खिलाफ मामला दर्ज हो जाने के बाद से ही सुकृति सिलीगुड़ी में नहीं थी। ज्ञातव्य हो कि इस मामले में सिलीगुड़ी के विधायक व मेयर अशोक भट्टाचार्य समेत नौ वरिष्ठ माकपा नेता नामजद अभियुक्त हैं। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
इस दिन अदालत से रिहा होने से लेकर घर तक जाने के क्रम में माकपा नेता सिलीगुड़ी के विधायक व मेयर अशोक भट्टाचार्य, माकपा के दार्जिलिंग जिला सचिव जीवेश सरकार व अन्य कई सम्मिलित रहे। माकपा नेता अशोक जीवेश सरकार ने कहा कि यह जन आंदोलन की जीत है। राज्य सरकार व पुलिस के तानाशाही रवैये की पराजय हुई है। इंसाफ के लिए हम सतत आंदोलनरत रहेंगे। सुकृति के घर पर भी देर रात तक बधाई देने आने वालों का तांता लगा रहा।
उल्लेखनीय है कि गत 10 अक्टूबर को सुकृति को हावड़ा से गिरफ्तार किया गया था। 11 अक्टूबर को उसे सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया। जहां अदालत ने उसे पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इधर, शनिवार को सुकृति अस्वस्थ हो गई। उसके मद्देनजर पुलिस द्वारा उसे अदालत में पेश किया गया। उसी दौरान सुकृति की ओर से अधिवक्ता पार्थ चौधरी ने जमानत की अर्जी दी। मामले के जांच अधिकारी की ओर से अनापत्ति व्यक्त करने पर अदालत ने सुकृति को जमानत दे दी। इसके साथ ही मामले में अब अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। सुकृति के पक्षकार वकीलों की ओर से ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन की सिलीगुड़ी शाखा के सचिव दिवाकर राय ने यह जानकारी दी।
याद रहे कि इस्लामपुर में गोलीकांड में दो छात्र की हत्या के खिलाफ गत 24 सितंबर को माकपा की ओर से सिलीगुड़ी शहर में प्रतिवाद रैली निकाली गई थी। उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला जलाने की कोशिश की थी, जिससे पुलिस ने प्रदर्शनकारियोंको रोका। उसे लेकर पुलिस व प्रदर्शनकारियों में तू-तू-मैं-मैं व धक्का-मुक्की तक हो गई। आरोप है कि उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुतला जलाने के लिए लाए गए पेट्रोल को पुलिस वालों पर छिड़क दिया व जला कर मारने की कोशिश की। उसी मामले में सुकृति आश की गत 10 अक्टूबर को हावड़ा में गिरफ्तारी हुई। बताया जाता है कि उक्त घटना को ले उसके खिलाफ मामला दर्ज हो जाने के बाद से ही सुकृति सिलीगुड़ी में नहीं थी। ज्ञातव्य हो कि इस मामले में सिलीगुड़ी के विधायक व मेयर अशोक भट्टाचार्य समेत नौ वरिष्ठ माकपा नेता नामजद अभियुक्त हैं। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
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