हम सेना के बल पर भी सोते है चैन की नींद : राजू बिष्ट
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी आज अगर हम चैन की नींद सो पाते है तो वह हैं हमारी सेना की च
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : आज अगर हम चैन की नींद सो पाते है तो वह हैं हमारी सेना की चौकसी। यह कहना है दार्जिलिंग के सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिष्ट का। वे भारतीय सेना दिवस पर उत्तर बंगाल के अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को याद कर जवानों को नमन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का दिन एतिहासिक दिन है। अपने उन बहादुर सैनिकों का आभार व्यक्त करते है जिन्होंने अपने कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान दिया। अपनी सच्ची परंपरा और चरित्र में उनका अद्भुत साहस अदम्य भाव और कर्तत्व के प्रति अद्वितीय प्रतिबद्धता आने वाली पीढि़यों को भी प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अपनी गौरवशाली परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रतिवर्ष जनवरी में सेना दिवस मनाती है।
सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुंरत बाद भारतीय थलसेना की स्थापना हुई थी। प्रत्येक वर्ष थलसेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) केएम करियप्पा ने 15 जनवरी के दिन भारतीय सेना के पहले भारतीय कमाडिग इन चीफ के रूप में वर्ष 1948 में अंतिम ब्रिटिश कमाडर सर फ्रैंसिस बुचर से पद भार संभाला था। लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतात्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने। उन्हीं की याद में भारत में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाती आ रही है। भारतीय थलसेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत थलसेना का नियंत्रण और संचालन का कार्य होता है। वर्तमान में थलसेना के प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे हैं। जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 को यह पद संभाला। भारतीय सेना समय आने पर देश में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के वक्त भी अपनी जी जान लगाकर देशवासियों की रक्षा करने में जुट जाती है।