बंगाल से आइएसआई कनेक्शन को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित
बांग्लादेश सीमांत पड़ोसी राज्य त्रिपुरा से गिरफ्तार 24 बांग्लादेशी युवकों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संपर्क का खुलासा होने से बंगाल की सुरक्षा एजेंसियां हरकत में है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। बांग्लादेश सीमांत पड़ोसी राज्य त्रिपुरा से गिरफ्तार 24 बांग्लादेशी युवकों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से संपर्क का खुलासा होने से बंगाल की सुरक्षा एजेंसियां हरकत में है। मुख्यमंत्री के पांच दिवसीय उत्तर बंगाल दौरा को लेकर भी अभी से सुरक्षा एजेंसियां सर्तकता बरत रही है। बंगाल से जुड़ी सभी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा जांच तेज कर दिए गये है।
बांग्लादेश सीमा पर प्रत्येक आने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अपने अपने स्तर से इसको लेकर जांच एजेंसियां काम कर रही है। जांच के दौरान एनआइए को पता चला कि ये सभी लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेस इंटेलिजेंस (आइएसआई) के साथ संबंध बनाए हुए थे। पकड़े गये आरोपितों के कॉल रिकॉर्ड की जांच की गयी है।
जांच में यह पता चला है कि ये सभी बांग्लादेशी युवकों ने आइएसआई ऑपरेटरों के साथ नियमित रूप से संपर्क साधा था। ये सभी एक विशेष प्रकार के मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे। ये सभी पाकिस्तान और काश्मीर में आइएसआई के साथ संपर्क करने के लिए किया जाता है। इन सभी को बंगाल कनेक्शन और दस्तावेजों की जांच के लिए लगातार बंगाल में सुरक्षा एजेंसियों को कहा गया है।
बताया जाता है कि अगरतला रेलवे स्टेशन से संदिग्ध 24 बांग्लादेशी युवकों को 10 मई को गिरफ्तार किया था। उसके पास से जाली आधार कार्ड पाए गये थे। ये सभी त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस से दिल्ली से अगरतला पहुंचे थे। खुफिया अधिकारियों की माने तो ये सभी 20-22 वर्ष के युवा है।
ये पश्चिम बंगाल सीमा से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए उत्तर प्रदेश में ठहरते थे। इसके पास से विभिन्न राज्यों के मदरसा के पहचान पत्र, दस्तावेज के साथ मोबाइल पाया गया है। सभी के पास कोई पासपोर्ट नहीं था। मामला की गंभीरता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी समेत करीब चार केंद्रीय एजेंसियां जांच में जुटी थी।
लश्कर ए तैयबा भी हो सकती है सक्रिय सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के छात्र संगठन अल मुहम्मदिया स्टूडेंट्स की भी सक्रियता से इंकार नहीं किया जा सकता।
इसमें 450 लड़कों की ट्रेनिंग दी जा रही है। जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार यह संगठन एक ऐसा मोबाइल तैयार करने में लगा है जिसे जांच एजेंसी ट्रेस नहीं कर पाएंगे। इसमें वह एक ऐसा चिप लगाया जाएगा जिससे वह पास के किसी भी टॉवर से जुड़ जाएगा। इसके पीछे पूर्वोत्तर के उग्रवादियों द्वारा शांति मार्ग पर लौटने को लेकर की जा रही है।
अल्फा के साथ शांति वार्ता अंतिम चरण में
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के वरिष्ठ नेता अरविंद राजखोवा के साथ केंद्र सरकार की शांति वार्ता अंतिम चरण में में पहुंच गयी है। इस वार्ता में जल्द ही एक हल निकल जाएगा।