डेंगू के साथ स्क्रब टाइफस ने दी दस्तक
-चार साल की एक मासूम बच्ची पाजिटिव -परिवार वालों में खौफ व दहशत का माहौल -डेंगू से एक
-चार साल की एक मासूम बच्ची पाजिटिव
-परिवार वालों में खौफ व दहशत का माहौल
-डेंगू से एक व्यक्ति की पहले ही हो चुकी है मौत, चिंता ही चिंता
-मच्छर ही है कारण, मच्छरों को रोकें, नाश के हर उपाय अपनाएं जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शहर के 36 नंबर वार्ड अंतर्गत विनय मोड़ इलाके में चार साल की एक मासूम बच्ची के डेंगू के साथ स्क्रब टाइफस पाजिटिव होने का मामला सामने आया है। यह खबर पाते ही इलाके के घर-घर में लोगों के मन में भय घर कर गया। उक्त बच्ची गत सप्ताह भर से नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनबीएमसीएच) में चिकित्साधीन है। उल्लेखनीय है कि हफ्ते भर पहले ही सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी के एक व्यक्ति की डेंगू से मौत का मामला सामने आया था। इधर, शहर व आसपास सर्वत्र मच्छरों का प्रकोप भी बहुत बढ़ा हुआ है। इसी बीच डेंगू व स्क्रब टाइफस के मामले भी सामने आ गए हैं। इसे लेकर आम लोगों में बहुत खौफ व दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
उपरोक्त मामले की सूचना पाते ही 36 नंबर वार्ड के पार्षद रंजनशील शर्मा भी इलाके में पहुंचे व लोगों से बातचीत कर पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली। वहीं, लोगों से कहा कि ज्यादा चिंता की कोई बात नहीं है। हर कुछ को नियंत्रित किया जाएगा। उसके लिए हर एक आवश्यक उपाय किए जाएंगे। इसी दिन उन्होंने सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से इलाके में नालों की सफाई करवाई। गंदगी व कचरों की भी की गई। इसके साथ ही मच्छर नाशक रसायन का छिड़काव किया गया व फॉगिंग भी कई गई। वार्ड पार्षद ने लोगों से अपने घर व आसपास सफाई का पूरा ख्याल रखने एवं सजगता बरतने की भी अपील की।
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बॉक्स क्या है स्क्रब टाइफस?
स्क्रब टाइफस घातक रोग है जो बुश टाइफस के नाम से भी जाना जाता है। यह ओरिएंटिया सुत्सुगामुशी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह रोग संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से लोगों में फैलता है। इसके आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द व कभी-कभी शरीर पर दाने-चकत्ते हो जाना आदि शामिल हैं। स्क्रब टाइफस तीव्र अविभाज्य ज्वर संबंधी एक जानलेवा संक्रामक रोग है। वैसे चिकित्सकों का यह भी कहना है कि यदि समय रहते इसकी जांच व चिकित्सा हो तो इलाज द्वारा इस रोग से मुक्ति संभव है। वरना, देरी अनर्थ कर दे सकती है।
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डेंगू : सतर्कता सबसे बेहतर जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी महकमा समेत शहर में डेंगू व उसके साथ ही स्क्रब टाइफस ने दस्तक दे दी है। एक व्यक्ति की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। यह हाल अभी गर्मी के मौसम में है। ऐसे में आने वाले बरसात के मौसम में न जाने क्या हाल होगा। इसलिए, डेंगू से बचे रहने को होशियारी बरतना यानी सतर्क रहना बहुत जरूरी है। शहर के जाने-माने जेनरल फीजिशियन डॉ. पी. एन. सिन्हा कहते हैं कि यदि व्यक्ति सतर्क रहें तो डेंगू से बहुत हद तक बचा जा सकता है। इस बारे में आवश्यक जानकारी पेश हैं। डेंगू क्या है?
डेंगू मच्छरजनित एक खतरनाक रोग है। यह डेंगू के वायरस के कारण उत्पन्न होता है। डेंगू मच्छर (एडिस इजिप्शिया) के काटने के तीन दिन से लेकर सप्ताह या दो सप्ताह के अंदर व्यक्ति में डेंगू के लक्षण सामने आने लगते हैं। डेंगू के चलते मनुष्य के शरीर के रक्त के सबसे अहम अवयव 'प्लेटलेट्स' धीरे-धीरे कम होते जाते हैं और उसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
क्या हैं लक्षण?
बुखार, सर दर्द, मांस पेशियों व हड्डी के जोड़ों में दर्द, त्वचा में दिदोरा, लाल चकत्ता व फटन, मुंह व नाक से लार व द्रव्य स्त्राव, जी मितलाना, उल्टी-उल्टी लगना, डायरिया आदि।
क्या हैं कारण?
एडिस इजिप्शिया नामक मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि डेंगू का मच्छर आम तौर पर सूर्योदय व सूर्यास्त के आसपास काटता है। डेंगू पीड़ित किसी व्यक्ति के संक्रमित रक्त को अच्छे व्यक्ति को चढ़ा दिए जाने से भी उस व्यक्ति को डेंगू हो सकता है।
क्या करें?
डेंगू के ऊपरोक्त लक्षण नजर आते ही तुरंत निकट के सरकारी अस्पताल अथवा विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें। समय रहते डेंगू का इलाज संभव है अन्यथा यह जानलेवा सिद्ध हो सकता है।
यह भी है जरूरी
अपने घर व आसपास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें। कहीं भी किसी भी जगह या पात्र में जल जमाव न होने दें। मच्छरनाशक उपायों का हरसंभव इस्तेमाल करें।