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4 वर्षो से पार्टी के अंदर दम घुट रहा था: शकर घोष

बगावत -अभी भाजपा या किसी अन्य पार्टी मे जाने से इंकार -पार्टी फोरम में उनकी बातों को महत्व

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 07:38 PM (IST)
4 वर्षो से पार्टी के अंदर दम घुट रहा था: शकर घोष
4 वर्षो से पार्टी के अंदर दम घुट रहा था: शकर घोष

बगावत

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-अभी भाजपा या किसी अन्य पार्टी मे जाने से इंकार

-पार्टी फोरम में उनकी बातों को महत्व नहीं देने से नाराजगी

-नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: माकपा नेता तथा सिलीगुड़ी नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य शकर घोष ने पार्टी छोड़ दी है। इसके साथ ही उन्होंने नगर निगम प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफा दे दिया है।

बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी और सरकारी पद से इस्तीफा देने की जानकारी दी। इस दौरान वह बार- भावुक हो रहे थे। उन्होंने कहा कि वह 30 वर्ष पहले जिस प्रकार राजनीति में शून्य थे एक बार फिर से राजनीतिक रूप से शून्य हो गए है। 30 वर्षो से वामपंथी राजनीति में निष्ठापूर्वक काम करते रहे हैं। पिछले 4 वर्षो से पार्टी में उनका दम घुट रहा था। वह अपनी बातें पार्टी फोरम में रखते थे,लेकिन उनकी बातें सुनकर भी अनसुनी कर दी जाती रही है। इससे वह लगातार दुखी हो रहे थे। 4 वर्षो से पर दिल पर बोझ लेकर पार्टी में थे। अपने दिल की बात किसी को बोल भी नहीं पा रहे थे। आखिरकार बिना किसी को कहे मैंने पार्टी और उससे जुड़े सभी पदों से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। अपनी बातों को लिखित रूप से जिला सचिव को दी है। साथ ही नगर निगम के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मेरे उठाए गए प्रश्नों पर अगर पार्टी कदम उठाती है तो वामपंथ को मानने वाले युवा आने वाले दिनों में परेशान नहीं होंगे,यह मेरी सोच है। जहा तक राजनीति में कहा जाने का प्रश्न है,यह तय नहीं है। फिलहाल तो मुझे यह तय करना है कि मैं राजनीति करूं या ना करूं। अगर फिर से राजनीति में आएंगे तो पत्रकारों को बुलाकर बताएंगे। उन्होंने कहेा मा बीमार है। उनके लिए भी समय निकालना पड़ रहा है।

शंकर घोष के प्रश्नों पर होगा विचार: जीवेश सरकार

माकपा दाíजलिंग जिला सचिव जीवेश सरकार ने कहा की शकर घोष ने एक पत्र देकर कई तरह के सुझाव दिए हैं और कई प्रश्नों को भी रखा है। इसको लेकर पार्टी के अंदर चर्चा की जाएगी। इस पत्र का अर्थ यह नहीं की उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। मा के अस्वस्थ होने की बात कहते हुए उन्होंने सरकारी पदों से इस्तीफे की अनुमति भी मागी है। सरकार ने कहा कि शकर घोष ने कभी भी विधानसभा चुनाव में टिकट देने की मांग नहीं की। यदि उनको किसी प्रकार की समस्या है तो उनसे बातचीत की जाएगी। उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।


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