ऑन लाइन खरीदते है सामान तो रहे सावधान : पुलिस आयुक्त
-प्रलोभन में फंसने से बचें अपनाया जा रहा है फिसिग विसिग व स्मेसिग तकनीक जागरण संवाददाता
-प्रलोभन में फंसने से बचें, अपनाया जा रहा है फिसिग, विसिग व स्मेसिग तकनीक
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इन दिनों चुनाव और सरकार के योजनाओं को लेकर कई प्रकार के गलत मैसेज मोबाइल में आ रहे है। इसके माध्यम से प्रलोभन में फंसने वालों के साथ ठगी हो रहा है। इसके अलावा उपभोक्ता किसी सामान को ऑन लाइन खरीदते है तो कई बार वह ठगी के शिकार हो रहे है। इससे उपभोक्ता को ऑनलाइन ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। यह कहना है सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त डीपी सिंह का। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार ठग सोने की चूड़ियों को दोगुना करने,गहनों को साफ करने के लालच या अन्य प्रलोभन देकर ठगते हैं। इसी प्रकार ऑनलाइन में भी ठगी और फ्रांड करने वाले होते हैं। जो ऑनलाइन में फिसिग, विसिग व स्मेसिग तकनीक कहलाती है। ठगी की स्मेसिग तकनीक के बारे में बताया कि ठगी करने वाले ग्राहकों को एसएमएस, फोन कॉल अथवा ई-मेल के माध्यम से उपभोक्ता को सूचना देते हैं कि उनकी लाखों-करोड़ों रुपये की लॉटरी निकल आई है। आपको वह किसी दस्तावेज के लोन दिला सकता है। उपभोक्ता उसकी बात को सच मान कर, उसके जाल में फंस जाता है। नतीजन ग्राहक ठग के द्वारा दिए फोन नंबर पर बात कर, मैसेज अथवा मेल पर आए लिक पर क्लिक करता है। उपभोक्ता वेरीफिकेशन के नाम पर अपनी एकाउंट संबंधी डिटेल, एटीएम नंबर, पिन कोड, सीवीवी कोड व व्यक्तिगत जानकारी अपलोड कर देता है। तब यह लोग उसके खाते से धनराशि को उड़ा लेते हैं। इस प्रकार बैंक खाता धारक ठगी का शिकार हो जाता है। इस प्रकार उपभोक्ता को लालच देने वाले मैसेजेज को इग्नोर करना चाहिए। इसकी सूचना तुरंत साइबर सेल या संबंधित थाने में देनी चाहिए। इसको लेकर कई बार उपभोक्ता घटना घटने के बाद काफी दिनों बाद थाना पहुंचते है। ऐसा नहीं करना चाहिए। जिस समय घटना घटे तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए। इससे वे इस प्रकार के ठगी से बच सकते है।