सिंहलीला में बनेगा देश का पहला रेड पांडा ब्रीडिंग सेंटर
- बंगाल सफारी में रॉयल बंगाल टाइगर प्रजनन केंद्र बनाने की तैयारी -कीका और रीका को खुले
- बंगाल सफारी में रॉयल बंगाल टाइगर प्रजनन केंद्र बनाने की तैयारी
-कीका और रीका को खुले बाड़े में छोड़ा गया
फोटो : संजय (02)
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : राज्य का पहला रेड पांडा व रॉयल बंगाल टाइगर कैप्टिव ब्रीडिंग सेंटर बनाने की योजना वन मंत्रालय की है। यह सेंटर राज्य का ही नहीं बल्कि देश का पहला होगा। वहीं रॉयल बंगाल टाईगर प्रजनन केंद्र संभवत: देश का चौथा होगा। अगले वर्ष 2020 के फरवरी महीने तक दोनों प्रजनन केंद्र की शुरूआत करने का भरोसा राज्य के वनमंत्री ब्रात्य बसु ने दिया है।
दार्जिलिंग वाइल्ड लाइफ डिवीजन के सिंहलीला राष्ट्रीय उद्यान में रेड पांडा कैप्टिव प्रजनन केंद्र व सिलीगुड़ी से सटे सालूगाड़ा स्थित बंगाल सफारी पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर प्रजनन केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है। दार्जिलिंग स्थित पद्मजा नायडू हिमालयान जूलॉजिकल पार्क में रेड पांडा के प्रजनन पर किए गए शोध में वन विभाग को सफलता मिली है। इसके बाद वन विभाग ने रेड पांडा की मूल वास भूमि सिंहलीला राष्ट्रीय उद्यान में इसका प्रजनन केंद्र बनाने का निर्णय लिया है। सिंहलीला राष्ट्रीय उद्यान के 12 हेक्टेयर जमीन पर प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपया वन विभाग ने आवंटित किया है। 297 हेक्टेयर जमीन पर फैले बंगाल सफारी पार्क के 22 हेक्टेयर जमीन पर रॉयल बंगाल टाइगर का इन्कोलजर है। अतिरिक्त पांच हेक्टेयर जमीन पर रॉयल बंगाल टाइगर प्रजनन केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने करीब एक करोड़ रुपया आवंटित किया है।
इससे पहले मंगलवार को बंगाल सफारी पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर परिवार के दो नटखट कीका व रीका को खुले बाड़े में छोड़ दिया गया। दोनों की उम्र डेढ़ वर्ष है। ओडिशा के नंदन कानन पार्क से लाए गए स्नेहाशीष के साथ से शीला ने बीते वर्ष 11 मई को तीन रॉयल बंगाल टाइगर को जन्म दिया। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इनका नाम कीका, रीका और इका रखा। इनमें बाद में इका की मौत हो गई थी। राज्य के वन मंत्री ब्रात्य बसु, पर्यटन मंत्री गौतम देव, उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्र नाथ घोष, राज्य के मुख्य वनपाल (वन्यप्राण) रविकांत सिन्हा, पश्चिम बंगाल जू अथोरिटी के सदस्य सचिव विनोद यादव, दार्जिलिंग के अतिरिक्त मुख्य वनपाल (वन्यप्राण) विपिन कुमार सूद, दार्जिलिंग पद्मजा नायडू जूलॉजिकल पार्क के निदेशक राजेंद्र जाखर, बंगाल सफारी पार्क के निदेशक धर्मदेव राय व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में कीका और रीका को रॉयल बाड़े में छोड़ा गया।