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पवित्र रमजान के रोजे आज से, तरावीह शुरू

-आज से महीना भर दैनिक निर्जला उपवास रखेंगे इस्लाम धर्मावलंबी उसके बाद मनेगा ईद का तयोह

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 11:15 PM (IST)
पवित्र रमजान के रोजे आज से, तरावीह शुरू

-आज से महीना भर दैनिक निर्जला उपवास रखेंगे इस्लाम धर्मावलंबी, उसके बाद मनेगा ईद का तयोहार जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इस्लाम धर्म के इस्लामी कैलेंडर का पवित्र महीना रमजान शुरू हो गया है। इसके तहत इस्लाम धर्मावलंबी बुधवार 14 अप्रैल से लगातार महीना भर रमजान के रोजे अर्थात उपवास रखेंगे। सूर्योदय के कुछ समय पूर्व से सूर्यास्त के कुछ समय उपरांत तक मुस्लिम धर्मावलंबी निर्जला व्रत रखेंगे। इस दौरान कुछ भी खाना-पीना वर्जित होगा। प्रतिदिन सूर्यास्त के कुछ समय उपरांत लोग उपवास तोड़ते हैं यानी इफ्तारी यानी आहार ग्रहण करते हैं। इस बाबत एनजेपी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल मन्नान जीलानी अशरफी सहरसावी ने बताया कि रमजान महीना के पूर्व बीते शोबान महीने की 29 तारीख यानी सोमवार 12 अप्रैल को देश भर में जगह-जगह रमजान का चांद देखने का प्रयास किया गया था। पर, उस दिन कहीं से भी चांद देखे जाने की खबर नहीं मिल पाई। इसलिए स्वाभाविक रूप में शोबान महीने के 30 दिन पूरे के होने के उपरांत मंगलवार शाम से रमजान का महीना शुरू हो गया। इसके तहत इसी रात से मस्जिदों में इशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज शुरू कर दी गई।

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उल्लेखनीय है कि तरावीह की विशेष नमाज रमजान का चांद हो जाने के बाद से ही शुरू कर दी जाती है। यह अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग दिनों में, कहीं 10-11 दिन, कहीं 15 दिन, कहीं 21 दिन, 23 दिन, 25 दिन अथवा 27 दिनों में पूरी की जाती है। इस दौरान हाफिज-ए-कुरआन (पवित्र कुरआन को कंठस्थ याद रखने वाले) की इमामत में लोग तरावीह की नमाज अदा करते हैं। हाफिज-ए-कुरआन प्रति दिन पवित्र कुरआन के कुछ अंश का पाठ करते हुए उपरोक्त निर्धारित दिनों में पूरे पवित्र कुरआन का पाठ संपन्न करते हैं। उसे नमाज की हालत में सुनते हुए लोग सर्वशक्तिमान अल्लाह के दरबार में नमाज अदा करते हैं व दुआएं मांगते हैं। तरावीह की नमाज संपन्न हो जाने अर्थात पवित्र कुरआन का पूरा पाठ हो जाने के उपरांत जब तक ईद का चांद नजर नहीं आता तब तक हर दिन रात में इशा की नमाज के बाद सूरह-तरावीह की नमाज अदा की जाती है। रमजान महीने के 29वें दिन अथवा 30वें दिन ईद का चांद हो जाने के बाद उसके अगले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इसके तहत लोग सुबह-सुबह ईदगाह जा कर सामूहिक रूप में ईद की नमाज अदा करते हैं। एक-दूसरे से गले मिल कर ईद की बधाइयां दी जाती हैं। गरीबों में दान वितरित किया जाता है। हर कोई एक-दूसरे के घर जाता है। सेवइयां खाई-खिलाई जाती हैं। बड़े लोग बच्चों को ईदी यानी त्योहार के उपहार स्वरूप कुछ रुपये अथवा कोई भेंट देते हैं। इस प्रकार ईद का त्योहार मनाया जाता है। पवित्र रमजान के महीने में इस्लाम धर्मावलंबी दिन भी रोजा रखते हैं, पांचों वक्त की नमाज और रात में विशेष तरावीह की नमाज अदा करते हैं। इसके साथ ही पवित्र कुरआन के पाठ और गरीबों में वस्त्र, अनाज, रुपये आदि का दान-पुण्य कर अल्लाह की इबादत करते हैं।


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