राम मंदिर भूमि घोटाला के विरुद्ध धरना प्रदर्शन
- दो करोड़ की भूमि 18 करोड़ में खरीदने का मामला गरमाया -जो न हुआ श्री राम का वह देश के
- दो करोड़ की भूमि 18 करोड़ में खरीदने का मामला गरमाया -जो न हुआ श्री राम का, वह देश के किस काम का दिया नारा -दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की माग, जोरदार आदोलन की चेतावनी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के भूमि घोटाले के विरुद्ध दाíजलिंग जिला युवा काग्रेस की ओर से सोमवार को यहा हिलकार्ट रोड के हाशमी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल व लाकडाउन नियमों का अनुपालन करते हुए सीमित संख्या में युवा काग्रेस सदस्य हाशमी चौक पर एकत्रित हुए और सड़क पर बैठ कर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान राम मंदिर का चित्र प्रदर्शीत करते हुए प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए कि <स्हृद्द-क्तञ्जस्>जो न हुआ श्री राम का, वह देश के किस काम का<स्हृद्द-क्तञ्जस्>। इसके साथ ही उक्त भूमि घोटाले के दोषियों के विरुद्ध अविलंब कड़ी कार्रवाई करने की माग की। अन्यथा, जोरदार आदोलन की चेतावनी दी। इस अवसर पर गहरा रोष जताते हुए दाíजलिंग जिला युवा काग्रेस अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा कि, खुद को धर्म का ठेकेदार कहने वाले लोग इतने अधर्मी हैं कि उन्होंने भगवान श्री राम को भी नहीं छोड़ा। उनके नाम पर भी घोटाला किया, लूट और बंदरबाट की। आरोप है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो करोड़ की जमीन 18.5 करोड़ में खरीदी। ऊपर से ये खरीदारी भी महज पाच मिनट में ही की गई। जो जमीन पाच मिनट पहले दो करोड़ की थी, वो पाच मिनट बाद 18.5 करोड़ की हो गई। उन्होंने दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि कुसुम पाठक व हरीश पाठक ने अयोध्या में 12 080 वर्ग मीटर जमीन 18 मार्च 2021 को शाम 7:10 बजे रजिस्टर्ड सेल डीड से दो करोड़ रुपये में रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी को बेची। उसी दिन, 18 मार्च 2021 को ही शाम 7:15 बजे यही जमीन रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मार्फत सेक्रेटरी चंपत राय को 18.5 करोड़ रुपए में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर पैसे का भुगतान कर दिया गया। मात्र, पाच मिनट में जमीन की कीमत दो करोड़ से बढ़ कर 18.5 करोड़ हो गई। विश्व के इतिहास में प्रति सेकंड 5,50,000 रुपये जमीन की कीमत बढ़ने का यह अपने आप में सबसे अनोखा मामला है। यह तो एक घोटाला है जो सबके सामने आ गया है। ऐसे न जाने औल कितने घोटाले हुए होंगे। श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित हुए चंदे के घृणित दुरुपयोग व मंदिर की जमीन खरीद में करोड़ों के घोटाले की जितनी निंदा की जाए कम है। इस घोटाले की राशि कहा जा रही है ? धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बना कर यह लूट-खसोट, घोटाला व भ्रष्टाचार और अधर्म का खेल कब तक चलेगा? इस पूरे मामले की सीबीआई व ईडी से जाच कराई जाए। इसके साथ ही इसकी न्यायिक जाच भी करवाई जाए। समस्त दोषियों को अविलंब कठोर से कठोर सजा दिलाई जाए। हमारी इस माग पर अविलंब अमल नहीं हुआ तो हम और जोरदार आदोलन करने को बाध्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर दो करोड़ की जमीन 18 करोड़ में खरीदने का आरोप लगा है। इस पर राजनीति भी खूब गरमा गई है। वहीं, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से यह सफाई दी गई है कि वास्तु के अनुसार सुधार के लिए मंदिर परिसर के पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रा को सुलभ बनाने और मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए कुछ छोटे-बड़े मंदिर और गृहस्थों के मकान खरीदने आवश्यक हैं। जिनसे मकान खरीदा जाएगा, उन्हें पुनर्वास के लिए जमीनें दी जाएंगी। उसी के लिए भूमि की खरीदारी की जा रही है।