Move to Jagran APP

दार्जिलिंग पहाड़ पर जारी है पुलिसिया अत्याचार : राजू बिष्ट

-पांच हजार से अधिक युवा जंगल में रहने पर विवश -जांच के लिए संसदीय समिति बनाने की मांग जागरण्

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 11:01 PM (IST)
दार्जिलिंग पहाड़ पर जारी है पुलिसिया अत्याचार : राजू बिष्ट
दार्जिलिंग पहाड़ पर जारी है पुलिसिया अत्याचार : राजू बिष्ट

-पांच हजार से अधिक युवा जंगल में रहने पर विवश

loksabha election banner

-जांच के लिए संसदीय समिति बनाने की मांग

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : पुलिस के अत्याचार से दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के पांच हजार से ज्यादा युवा जंगल में रहने को विवश हैं। यह गंभीर आरोप दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने लगाया है। उन्होंने मंगलवार को राज्य की कानून व्यवस्था, राज्य में कथित पुलिसिया अत्याचार समेत विभिन्न मुद्दों पर संसद का ध्यान आकृष्ट कराया। इसके अलावा इन सब मामले की जांच के लिए एक संसदीय समिति भी गठित करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र दार्जिलिंग में राज्य सरकार के निर्देशों के तहत पुलिस आम नागरिकों की अवैध गिरफ्तारी कर रही है।

पिछले महीने 29 नवंबर, 2019 की रात एनडीए गठबंधन के साथी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के 14 पार्टी कार्यकर्ताओं को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से गैर कानूनी रूप से गिरफ्तार कर ली। इसके अलावा सादे कागज पर उनसे हस्ताक्षर भी करवा लिया गया।

उन्होंने कहा कि संसद में मैंने इस बात पर प्रकाश डाला कि दार्जिलिंग पार्वत्य क्षेत्र व तराई-डुवार्स के पांच हजार से ज्यादा युवाओं पर पुलिस द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के कारण उन्हें जंगलों में जीवन व्यतीत करने लिए मजबूर किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों के अंदर भय व्याप्त है। तृणमूल काग्रेस राज्य में पुलिस का इस्तेमाल विशेष रूप से राजनीतिक विरोधियों को डराने, प्रताड़ित करने और धमकाने और प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करने के लिए कर रही है। राज्य में स्थिति इतनी विकट है कि जो भी वर्तमान राज्य सरकार से असहमत है, उसे या तो पीटा जाता है, अथवा उसके घरों को जलाया जाता है व उन्हें मार दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वषरें में पश्चिम बंगाल में 150 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है, जबकि पुलिस प्रशासन द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

सांसद बिस्ट ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल संभवत: भारत का एकमात्र राज्य है, जहां पुलिस को पार्टी कैडर के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

राज्य में सिर्फ आम लोग ही पुलिस के हाथों पीड़ित नहीं हैं। यहां तक कि निर्वाचित प्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर 2019 को मरी हत्या की कोशिश की गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.