सिलीगुड़ी नगर निगम के निर्माण कार्यों की जांच को शुरू किया गया गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला
इस प्रयोगशाला का शुभारंभ मेयर गौतम देब ने किया। उन्होंने कहा कि इससे और अधिक गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चालू किए गए प्रयोगशाला का उद्देश्य सड़कों सहित इसके निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच के लिए सोमवार को सिलीगुड़ी नगर में गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया। इसका उद्घाटन सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव ने किया।
इस मौके पर उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रयोगशाला से और अधिक गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि चालू किए गए प्रयोगशाला का उद्देश्य सड़कों सहित इसके निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना है।
मेयर देव ने कहा कि जब पहले आठ महीने नगर निगम प्रशासकीय बोर्ड में थे, तभी हमने ऐसी प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बनाई थी। हमने इस अवधि के दौरान गुणवत्ता निर्माण कार्यों के लिए प्रयास किया था, लेकिन पिछले छह महीने से भारी बारिश के कारण हम पर्याप्त निर्माण कार्य नहीं कर सके। हमारी योजना प्रयोगशाला का अधिकतम स्तर पर उपयोग करने की है, ताकि सर्वोत्तम निर्माण कार्यों को सुनिश्चित किया जा सके।
नगर निगम के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार प्रयोगशाला के उपकरण में चलनी शेकर गाइरेटरी, पूरी तरह से स्वचालित सर्वो कंट्रोल कंप्रेशन टेस्टिंग , टैंपिंग राड स्लंप टेस्टिंग उपकरण, अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग उपकरण, स्क्रीउ गेज माइक्रोमीटर, डिजिटल वर्नियर कैलिपर समेत अन्य उपकरण शामिल हैं। बताया गया कि उत्तर बंगाल के किसी नगर निकाय में पहली बार इस तरह का प्रयोगशाला चालू किया गया है।
नगर निगम के इंजीनियरों ने कहा कि प्रयोगशाला में उच्च स्तर से लेकर निम्न स्तर तक के बुनियादी ढांचे में लगने वाले सीमेंट, पत्थर, बालू, ईंट और अन्य निर्माण सामग्री की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जा सकेगा। बताया गया कि इस उपकरण की कीमत करीब 15 लाख रुपये है। उनमें से ज्यादातर दिल्ली से खरीदे गए है। पूरी तरह से स्वचालित सर्वो स्वचालित सर्वो कंट्रोल कंप्रेशन टेस्टिंग मशीन की लागत करीब पांच लाख रुपये है। इस मशीन का उपयोग प्रयोगशाला में सीमेंट, कंक्रीट, ईंट और अन्य निर्माण सामग्री की कंप्रेशन पावर का परीक्षण करने के लिए किया जाता है।