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चिकन पॉक्स एक बीमारी,जल्द इलाज कराएं- डॉ प्रकाश अग्रवाल

-सही समय पर इलाज नहीं तो दाग होने की संभावना -लाइलाज बीमारी नहीं है सफेद दाग -पचास प्रति

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 08:00 PM (IST)
चिकन पॉक्स एक बीमारी,जल्द इलाज कराएं- डॉ प्रकाश अग्रवाल
चिकन पॉक्स एक बीमारी,जल्द इलाज कराएं- डॉ प्रकाश अग्रवाल

-सही समय पर इलाज नहीं तो दाग होने की संभावना

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-लाइलाज बीमारी नहीं है सफेद दाग

-पचास प्रतिशत मामलों में सफल इलाज संभव

-किसी भी क्रीम के इस्तेमाल से पहले सावधानी जरूरी जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी: चिकन पॉक्स एक बीमारी है और इसे हल्के में ना लें। यदि आपने चिकन पॉक्स की चिकित्सा नहीं कराई तो चेहरे एवं शरीर पर दाग तक हो सकते हैं। इतना ही नहीं अगर परिवार में किसी एक व्यक्ति को चिकन पॉक्स हो जाए तो दूसरे को भी यह बीमारी लगनी तय है। यह बातें ना केवल सिलीगुड़ी बल्कि पूरे उत्तर बंगाल के प्रख्यात स्किन स्पेशलिस्ट एवं कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश अग्रवाल ने कही। वह शुक्रवार को प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दैनिक जागरण कार्यालय आए थे। डॉक्टर प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि आज भी चिकन पॉक्स को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं। अगर किसी को चिकन पॉक्स हो जाए तो मरीज को नहाने तक नहीं देते। पूजा पाठ करने में लग जाते हैं। जबकि यदि चिकन पॉक्स की बीमारी हो तो 24 से 48 घटे के अंदर डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। नहीं तो चिकन पॉक्स खत्म होने के बाद शरीर पर दाग के निशान हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को यदि चिकन पॉक्स हो तो दाग पड़ने की संभावना नहीं होती। यदि बड़ों को चिकन पॉक्स हो जाए तो चेहरे और शरीर पर दाग पड़ना तय है। इसलिए इलाज कराना जरूरी है। आमतौर पर ठंड में यह बीमारी ज्यादा होती है। खासकर फरवरी और मार्च महीने में। इसलिए ठंड के समय चिकन पॉक्स से बचने के लिए सावधान रहना भी जरूरी है। डॉ अग्रवाल ने चिकन पॉक्स के अलावा और भी कई बीमारियों पर बातचीत की। सफेद दाग के संबंध में उन्होंने कहा कि यह एक लाइलाज बीमारी नहीं है। 50 प्रतिशत मामले में सफेद दाग की चिकित्सा की जा सकती है। लेकिन यदि सफेद दाग शरीर के कई अंगों में हो तो फिर इस दाग को दूर करना संभव नहीं है। स्किन की और भी कई बीमारी है जिसके प्रति लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। सोरायसिस ऐसी ही एक बीमारी है। यदि किसी को सोरायसिस की बीमारी हो तो नशा तो बिल्कुल ही छोड़ दें। तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें एवं चिकित्सा कराएं। फंगल इंफेक्शन, दाद,खाज,खुजली एक्जिमा आदि स्किन की आम बीमारी है।

डॉक्टर अग्रवाल ने इसके साथ ही कहा कि आजकल बाजार में गोरा होने के तरह-तरह की क्रीम है। जबकि वास्तविकता यह है कि आप किसी भी क्रीम से गोरा नहीं हो सकते। उल्टे आप तरह-तरह की क्रीम लगाकर अपने चेहरे को खराब करते हैं। डॉक्टर अग्रवाल ने पाठकों द्वारा फोन पर पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का जवाब भी दिया।

प्रश्न: सोरायसिस क्या है और यह बीमारी कैसे होती है।

-रंजीत प्रसाद,सिलीगुड़ी

उत्तर: सोरायसिस की बीमारी में चमड़ी में खुजली होती है। चमड़ी नोचने पर निकलने लगती है। इसकी चिकित्सा सही समय पर नहीं कराया तो जॉइंट पेन की भी समस्या होती है। गर्मी में त्वचा ठीक रहती है लेकिन ठंड आते ही सोरायसिस की बीमारी बढ़ने लगती है। इसका कोई स्थाई इलाज नहीं है। हा दवा लगाकर आप इस बीमारी को काबू में कर सकते हैं। आमतौर पर यह बीमारी वंशानुगत होती है।

प्रश्न: चेहरे पर कील मुंहासे हैं। दवा लगाने पर ठीक हो जाता है। बाद में फिर समस्या बढ़ जाती है।

-शकर साहनी,सिलीगुड़ी

उत्तर: आपको धूप से एलर्जी की समस्या हो सकती है। धूप में कम से कम निकलें। यदि निकलना ही पड़े तो सनस्क्रीन क्रीम लगाएं। संभव हो तो किसी चिकित्सक को दिखाकर स्किन बायोप्सी करा लें। डर्मोस्कोपी कराना भी अच्छा होता है। इसमें कोई अधिक खर्च नहीं है। प्रश्न: चेहरे पर बाल निकल आते हैं।

कील मुंहासे की भी समस्या है।

- प्रीति गुप्ता वानरहाट

उत्तर: चेहरे पर बाल होना एक वंशानुगत बीमारी है। इसका अस्थाई समाधान नहीं है। हालाकि लेजर ट्रीटमेंट से यह समस्या दूर की जा सकती है। लेकिन दो-तीन साल बाद फिर से यह समस्या हो सकती है। जहा तक कील मुंहासे की बात है तो इसके लिए आपका खान-पान ठीक करना चाहिए। यदि मासिक अनियमित है तो फॉलिकल्स की जाच करा लें। खाने में तेल-मसाले से परहेज करें। आप किवी फल खा सकती हैं। कील मुंहासे रोकने के लिए या फल काफी प्रभावी है। एक बार हारमोंस की जाच कराना भी ठीक रहेगा।

प्रश्न:शरीर में कई स्थानों पर खुजली होती है। जाघों में यह समस्या ज्यादा है।

- प्रमोद कुमार सिंह अलीपुरद्वार

उत्तर: यह फंगल इंफेक्शन के कारण हो सकता है। आपको तत्काल चिकित्सा करानी चाहिए। नहीं तो यह बीमारी आपके परिवार के दूसरे लोगों को भी हो सकती है। इसमें देरी ना करें।

प्रश्न: कम उम्र में ही मेरे बेटे का बाल सफेद हो रहा है। इसकी कोई चिकित्सा संभव है क्या।

-अनिल कुमार प्रसाद

उत्तर: कम उम्र में बाल सफेद होने की समस्या आजकल कईयों में देखने को मिली है। यह समस्या वंशानुगत भी है। यदि आपके बाल भी कम उम्र में सफेद हो गए थे तो आपके बेटे के बाल भी कम उम्र में ही सफेद हो सकते हैं। हालाकि इसकी चिकित्सा की जा सकती है। चिकित्सा लंबी चलेगी। फिर भी इससे बहुत अधिक फायदा होने की संभावना कम है। यदि सिर में खुजली होती है तो इसका बाल सफेद होने से कोई लेना-देना नहीं है। प्रश्न: चेहरे पर दाग है। एक महीना पहले दुर्घटना में गिर गए थे। चेहरे पर खरोंच आई थी। जो दाग हुआ वो खत्म नहीं हो रहा है।

-हर्ष गुप्ता,सिलीगुड़ी

उत्तर: दुर्घटना में चोट लगने या पटाखे से जल जाने के कारण जो दाग होता है,उसे दूर करना संभव नहीं है। हा उसे आप इलाज के जरिए कुछ कम कर सकते हैं। आप धूप से बचें। सन स्क्रीन लोशन लगाएं।

प्रश्न: सिर में कई स्थानों पर फुंसी हो गई है। रूसी की भी समस्या है।

- निरंजन अग्रवाल,जयगाव

उत्तर: यदि आप सिर में तेल लगाते हैं तो इसे बंद कर दें। सिर में डैंड्रफ के कारण आपको यह समस्या हो रही है। एंटी डैंड्रफ शैंपू का इस्तेमाल करें। यदि बाल छोटे हैं तो कंघी का इस्तेमाल बंद कर दें। बहुत जरूरी हो तो नरम कंघी का उपयोग करें। एक बार शुगर टेस्ट भी करा सकते हैं। शुगर के कारण भी सिर में फुंसी होती है।


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