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विमल गुट के लोग सत्ता के लोभी व विश्वासघाती: एलएम लामा

- विमल गुट के राज्य सरकार से बातचीत करने के पत्र को लेकर विनय गुट ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 04:03 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 04:03 PM (IST)
विमल गुट के लोग सत्ता के लोभी व विश्वासघाती: एलएम लामा
विमल गुट के लोग सत्ता के लोभी व विश्वासघाती: एलएम लामा

- विमल गुट के राज्य सरकार से बातचीत करने के पत्र को लेकर विनय गुट ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

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संवाद सूत्र, दार्जिलिंग: विमल गुट के कर्नल रमेश आले द्वारा राज्य सरकार से बातचीत करने का पत्र भेजे जाने पर विनय गुट के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विनय गुट की तरफ से केंद्रीय सांगठनिक सचिव एलएम लामा ने बयान जारी करते हुए बताया कि विमल गुट के लोग सत्ता के लोभी व स्वार्थी हैं। उनलोगों ने जनता को धोखा दिया है। विमल गुट के लोग भाजपा के साथ मिलकर पहाड़ के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। दिशाहीन आंदोलन के चलते 13 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। हजारों लोगों को पुलिस के अत्याचार का शिकार होना पड़ा। इसके अलावा करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ। जब पहाड़ आर्थिक संकट में थी तो किसी भाजपा नेता व सांसद ने एक शब्द नहीं बोला। मदद के लिए भी आगे नहीं आए। भाजपा की केंद्र में सरकार होने के बावजूद न तो पहाड़ के लोगों के गोरखालैंड मिला और न 11 गैर जनजाति को गोरखा जनजाति का दर्जा मिला। उन्होंने कहा कि जीटीए चुनाव को सामने देखकर ही राज्य सरकार से बातचीत करने का प्रस्ताव भेजा है। भाजपा के सांसद ने चुनाव जीतने से पहले विश्वविद्यालय व कर्सियांग में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का भी वादा किया था जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। आगामी लोकसभा चुनाव को देखकर ही जनता को धोखा देने वाले विमल के लोग फिर एक बार पहाड़ में अशांति व राजनीति करने की कोशिश में जुटी है। आज भी विमल गुरुंग व उसके साथी किसी जंगल में नहीं बल्कि आराम की जिंदगी जी रहे होंगे, लेकिन अगर उनलोगों ने फिर पहाड़ अशांत करने का प्रयास किया तो अंजाम सही नहीं होगा। विमल गुरुंग ने गोरखाओं के साथ गद्दारी की है।

लामा ने कहा कि गोरखालैंड आंदोलन के बाद पहाड़ में शांति वापस लाने के लिए विनय तामांग व अनित थापा ने काफी प्रयास किया है। इसी कारण लोग आज फिर एक बार व्यवसायी और कामकाज कर रहे हैं। बच्चे स्कूल जा रहे हैं। अब वापस लोगों को मुसीबत में नहीं डाल सकते हैं। गौरतलब है कि गत 25 अक्टूबर को शहीद वरुण भूजेल के प्रथम पुण्यतिथी पर कर्णेल रमेश आले ने राज्य सरकार से बातचीत करने के पत्र का खुलासा किया था। इसके बाद ही फिर विनय गुट व विमल गुट के बीच राजनीति गरमा गई है।


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