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West Bengal: 11 नवंबर से पश्चिम बंगाल में फिर से शुरू होंगी 696 उपनगरीय ट्रेन सेवाएं: पीयूष गोयल

West Bengal 11 नवंबर से पश्चिम बंगाल में 696 उपनगरीय ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। यह जानकारी रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी। बंगाल में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को आने-जाने में काफी सहूलियत मिल जाएगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 09:37 PM (IST)
West Bengal: 11 नवंबर से पश्चिम बंगाल में फिर से शुरू होंगी 696 उपनगरीय ट्रेन सेवाएं: पीयूष गोयल
रेल मंत्री पीयूष गोयल बंगाल में उपनगरीय ट्रेने चलने का एलान करते हुए। फोटोः एएनआई

कोलकाता, एएनआइ। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि 11 नवंबर से पश्चिम बंगाल में 696 उपनगरीय सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। बंगाल में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को आने-जाने में काफी सहूलियत मिल जाएगी। कोरोना वायरस संकट की वजह से रेलवे ने उपनगरीय ट्रेन सेवा बंद की थी। हालांकि अभी भी प्रदेश में कोरोना संकट काम है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। बंगाल में रविवार को कोरोना के 3920 नए मामले सामने आए जबकि 59 लोगों की मौत भी हुई। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, इसी के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4 लाख 5 हजार 314 हो गई, जिसमें 34,566 एक्टिव केस है। वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 7,294 हो गई है।

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गौरतलब है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से बंगाल के हावड़ा के बीच शुरू की गई पहली किसान रेल गुरुवार को यहां पहुंची। फल व सब्जियां लेकर बुधवार सुबह 5 बजे छिंदवाड़ा से चली यह ट्रेन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ व झारखंड होते हुए अपने समय से करीब 20 मिनट पहले ही गुरुवार सुबह करीब 11:40 बजे हावड़ा स्टेशन पहुंच गई। यहां स्टेशन पर व्यापारी बेसब्री से इस ट्रेन के पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। आरपीएफ की निगरानी में सब्जियों व फल सहित अन्य खाद्य सामग्री ट्रेन से उतारी गई। इसके बाद वहां मौजूद व्यापारी के एजेंट वाहनों में फल व सब्जियों को उठाकर सीधे मंडियों की तरफ रवाना हो गए।

इधर, पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) निखिल चक्रवर्ती ने बताया कि पहली बार हावड़ा पहुंची इस किसान रेल से पपीता, अंगूर, संतरा सहित हरी मिर्च व अन्य सब्जियां यहां लाई गई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम में ही यह ट्रेन वापस छिंदवाड़ा के लिए रवाना हो गई। चक्रवर्ती ने बताया कि किसान रेल की कई खूबियां हैं। इस ट्रेन की मदद से सभी छोटे-बड़े किसान और व्यापारी देश के एक कोने से दूसरे कोने तक बहुत कम समय में ताजा फल और सब्जियां सहित जल्द खराब होने वाली खाद्य सामग्रियों को भेज सकेंगे। फल और सब्जियों की ढुलाई के लिए उन्हें मालभाड़ा में भी 50 फीसद की छूट दी जाएगी, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा। यह साप्ताहिक ट्रेन प्रत्येक बुधवार को छिंदवाड़ा से चलेगी। गौरतलब है कि देश में पहली किसान रेल इस साल सात अगस्त को महाराष्ट्र के नासिक जिले के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच शुरू की गई थी।


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