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लोकसभा चुनाव में भाजपा को जवाब देगी हिल्स की जनता

आने वाले लोकसभा चुनाव में दार्जीलिंग में भाजपा की राह आसान नहीं होगी। यहां उन्होंने पहाड़ में किए गए वायदे को पूरा नहीं किया। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विनय तमांग का यह आरोप है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 10:39 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 10:39 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में भाजपा को जवाब देगी हिल्स की जनता
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (विनय गुट) की दो दिवसीय चिंतन बैठक की समाप्ति पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए गोजमुमो सुप्रीमो विनय तमांग ने कहा कि हिल्स में भाजपा के झांसे में गोजमुमो नहीं आने वाला है। आने वाले लोकसभा चुनाव में हिल्स के मतदाता भाजपा को करारा जवाब देंगे।उन्होंने कहा कि वोटबैंक के लिए जिस प्रकार से गोरखाओं की भावनाओं से भारतीय जनता पार्टी ने खिलवाड़ किया है, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। जिन 11 जातियों को जनजाति का दर्जा देना था, उससे संबंधित बिल शीतकालीन सत्र में नहीं पेश किया गया। अब 2019 में जो भी सरकार आएगी, उससे इन 11 जातियों को उनका अधिकार दिलाया जाएगा।
बैठक में 55 प्रतिनिधियों ने अपनी बातें रखीं। पत्रकार वार्ता में अनित थापा, सूरज शर्मा छिरिंग दहाल और सतीश पोखरेल शामिल थे। तमांग ने बताया कि जिन बिंदुओं पर निर्णय लिया गया, उनमें प्रमुख हैं पार्टी को हिल्स, तराई और डुवार्स के साथ दिल्ली एनसीआर और हरियाणा में मजबूत किया जाएगा।
25 फरवरी को चाय बागान आंदोलन में मारे गए मजदूरों की याद में स्मृति सभा का आयोजन किया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व या बाद में जिन भी गोरखाओं ने अपने प्राणों की बलि दी है, उनकी याद में दार्जिलिंग में म्यूजियम तैयार कराया जाएगा। गोरखालैंड आंदोलन के दौरान जो भी मारे गए, उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग राज्य सरकार से की जाएगी।
आंदोलन में मारे गए गोरखाओं की याद में आठ फरवरी को स्मृति सभा का आयोजन किया जाएगा। राज्य से बाहर देश के कोने-कोने में बसने वाले गोरखाओं की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने की मांग राज्य सरकार के माध्यम से गृह मंत्रालय से की जाएगी। हिल्स के चाय बागानों के श्रमिकों और वनबस्ती में रहने वाले परिवारों को उन्हें वहीं जमीन का पट्टा मुहैया हो, इसके लिए राज्य सरकार से मांग की जाएगी। जीटीए समझौता के तहत जो अधिकार जीटीए को मिलने थे, वे नहीं मिल पाए हैं। जीटीए चुनाव के बाद गोजमुमो इसे अविलंब राज्य सरकार से मांग करेगी।  

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