दार्जिलिंग में विभिन्न दलों के लोगों ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
-गोजमुमो सुप्रीमो की पत्नी आशा गुरूंग व समर्थकों ने दी श्रद्धासुमन -गोजमुमो (2) के कार्यवाहक अध्यक्ष
-गोजमुमो सुप्रीमो की पत्नी आशा गुरूंग व समर्थकों ने दी श्रद्धासुमन
-गोजमुमो (2) के कार्यवाहक अध्यक्ष अनित थापा बोले : शहीदों के परिवार की स्थिति की जानकारी है मगर अभी मेरे पास जीटीए नहीं
-गोरामुमो समर्थकों ने शहीदों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
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संवाद सूत्र, दार्जिलिंग: 27 जुलाई 1986 को अलग गोरखालैंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में 1200 से अधिक लोग शहीद हो गए थे। इन्हीं शहीदों की याद में पार्वत्य क्षेत्र, तराई व डुवार्स में हर वर्ष 27 जुलाई को शहीद दिवस मनाकर आंदोलन में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इसी के तहत शहर में भी विभिन्न दलों के प्रमुख लोगों द्वारा शहीद वेदी पर शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित की गई। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा टू के कार्यवाहक अध्यक्ष अनित थापा ने गोरखा रंगमंच भवन परिसर में शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ ही हवन भी किया और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा रंगमंच भवन परिसर में पौधरोपण भी किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में अनित थापा ने कहा कि कोविड-19 की वजह से हम बड़ा कार्यक्रम नहीं कर पाए ,अभी हमारे हाथ में जीटीए नहीं है हम शहीदों के परिवारों की स्थिति से वाकिब है। अगर हमारे पास (जीटीए) होगा तो हम शहीद के परिवारों के लिए कुछ अवश्य करेंगे। जीएनएलए ब्राच कमेटी में भी शहीद दिवस मनाया गया जहां ब्राच कमेटी के अध्यक्ष अजय एडवर्ड ने शहीदों के चित्र पुष्प अर्पित किए। इस दौरान अजय भट्ट ने कहा कि 35 साल पहले कालिम्पोंग में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी जिसमें गंगा माया अनीता का बलिदान हुई थी ये लोग जीएनएलएफ द्वारा 35 साल पहले किए गए गोरखालैंड आदोलन में शहीद हुए थे उनकी याद में ही हम शहीद दिवस मना रहे हैं उन्होंने बताया कि मैंने शहीद के परिवारों से आज ही बातचीत की शहीद किसी पार्टी विशेष का नहीं होता है शहीदों के सपने को हम सब मिलकर पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पीपीएस को हम गोरखालैंड समझते हैं परंतु सिक्स शेड्यूल से ऊपर की व्यवस्था चाहते हैं ताकि राज्यस्तर पर मिलने वाली सुविधाओं को प्राप्त कर सकें, हम जीटीए जैसी संवैधानिक व्यवस्था नहीं चाहते हैं। इसी तरह गोजमुमो विमल गुट की ओर से भी शहीद दिवस मनाया गया गोरखा रंगमंच परिसर में शहीद वेदी पर आशा गुरुंग के अगुवाई में अनेकों पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से मोमबत्ती प्रज्जवलित कर पुष्प माला अíपत की गई साथ ही तृणमूल पार्टी की ओर से एम बी खवास की अगुवाई में शहीद वेदी में मोमबत्ती और खादा अर्पित किया गया इस अवसर पर तृणमूल काग्रेस पार्टी के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। इसी तरह सीपीआईएम ने रोड में आकर शहीद दिवस मनाया सीपीआरएम कार्यकर्ता अरुण दत्तानी ने कहा कि भारतीय गोरखाओं की नागरिकता पर प्रश्न चिन्ह लगाया जाता है। 27 जुलाई 1986 में वामफट सरकार द्वारा पुलिस के बल पर गोरखाओं को नरसंहार हुआ था उसंी दिन को हम काला दिवस के रूप में मनाते हैं शहीदों का सही मूल्याकन नहीं हुआ है हम भारत सरकार से माग करते हैं शहीदों का सही मूल्याकन हो और गोरखा ओं का अलग राज्य स्थापित हो इसी तरह आने को पाíटयों द्वारा पहाड़ के विभिन्न भागों में आज शहीद दिवस मनाया गया