डुवार्स में बंद पड़े टेकलापाड़ा चाय बागान में हाथी का तांडव, एक घर को पहुंचाया नुकसान
डुवार्स में बंद पड़े टेकलापाड़ा चाय बागान के अपर लाइन इलाके में पास के रेती जंगल से निकलकर एक हाथी ने काफी उत्पात मचाया। इस दौरान उसने उकिल कुम्हार के घर को नुकसान पहुंचाया।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 11:00 AM (IST)
वीरपाड़ा [संवादसूत्र]। डुवार्स में बंद पड़े टेकलापाड़ा चाय बागान के अपर लाइन इलाके में पास के रेती जंगल से निकलकर एक हाथी ने काफी उत्पात मचाया। उसने उकिल कुम्हार के घर को काफी नुकसान पहुंचाया है। घर में रखे कुछ अनाज को खा गया और कुछ को इधर-उधर बिखेर दिया।
एक तरफ बागान बंद तो दूसरी ओर लगातार हो रहे हाथियों के हमले से यहां के लोगों का बुरा हाल है। उकिल कुम्हार ने बताया कि मंगलवार की रात में एक हाथी ने उनके घर की दीवार को तोड़ दिया। इस दौरान तोडफ़ोड़ की आवाज सुनकर परिवार के लोग किसी तरह जान बचाकर भागे। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से टेकलापाड़ा चाय बागान बंद पड़ा है। किसी तरह श्रमिक परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। इस स्थिति में हाथियों के लगातार हो रहे हमले से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
बांदापानी ग्राम पंचायत के पूर्व उप-प्रधान रमेश उरांव ने कहा कि बागान में प्रतिदिन हाथियों के हमले हो रहे हैं। वह जल्द से जल्द बागान खोलने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर वन विभाग के दलगांव के रेंजर राजीव दे ने कहा कि परिवार नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ आवेदन देता है तो वन विभाग के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।
एक तरफ बागान बंद तो दूसरी ओर लगातार हो रहे हाथियों के हमले से यहां के लोगों का बुरा हाल है। उकिल कुम्हार ने बताया कि मंगलवार की रात में एक हाथी ने उनके घर की दीवार को तोड़ दिया। इस दौरान तोडफ़ोड़ की आवाज सुनकर परिवार के लोग किसी तरह जान बचाकर भागे। उन्होंने कहा कि काफी दिनों से टेकलापाड़ा चाय बागान बंद पड़ा है। किसी तरह श्रमिक परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं। इस स्थिति में हाथियों के लगातार हो रहे हमले से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
बांदापानी ग्राम पंचायत के पूर्व उप-प्रधान रमेश उरांव ने कहा कि बागान में प्रतिदिन हाथियों के हमले हो रहे हैं। वह जल्द से जल्द बागान खोलने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर वन विभाग के दलगांव के रेंजर राजीव दे ने कहा कि परिवार नुकसान के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ आवेदन देता है तो वन विभाग के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।
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