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West Bengal: एनआइए ने पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो को किया तलब

Chhatradhar Mahto पूर्व माओवादी नेता छत्रधर महतो को दो मामलों के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तलब किया है। संभवत महतो को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 09:06 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Chhatradhar Mahto: तृणमूल कांग्रेस के नेता और पुलिस अत्याचार के खिलाफ पीपुल्स कमेटी के पूर्व संयोजक (पीसीपीए) छत्रधर महतो को दो मामलों के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने तलब किया है। संभवत महतो को अगले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। एनआइए पश्चिम मिदनापुर जिले में 2009 में राजधानी एक्सप्रेस हमले और बेहरामपुर के माकपा नेता अबीर महतो की हत्या के मामले में महतो से पूछताछ करना चाहती है। जांच के बारे में बात करते हुए महतो ने कहा कि उन्हें तृणमूल के साथ रहने के लिए भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। एक राजनीतिक साजिश है। उन्होंने कहा कि वह अबीर महतो को नहीं जानते। माकपा नेता का घर उनके घर से लगभग 20 किमी दूर है।

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पूर्ववर्ती पीसीपीए नेता बोले-माओवादी गतिविधि के बारे में जानकारी नहीं थी

दूसरी बात, राजधानी एक्सप्रेस पर हमला तब हुआ जब वह 2009 में हिरासत में थे। पूर्ववर्ती पीसीपीए नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास इस क्षेत्र में वर्तमान में माओवादी गतिविधि के बारे में जानकारी नहीं थी। महतो को 2009 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में डाल दिया गया और 10 साल जेल में बिताने पड़े।

सालबोनी के पास लैंड माइन ब्लास्ट के मामले में यूएपीए तहत जेल गए थे

उन्होंने पूर्ववर्ती माकपा शासन के दौरान विद्रोह किया। राज्य में वाम शासन के दौरान, वह पश्चिम मिदनापुर जिले के सालबोनी के पास लैंड माइन ब्लास्ट के मामले में यूएपीए के तहत जेल गए थे। यह विस्फोट तब हुआ था, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का काफिला जिंदल पावर प्लांट के शिलान्यास समारोह से जा रहा था। दो केंद्रीय मंत्रियों की कारें भी काफिले का हिस्सा थीं। 

गौरतलब है कि 2008 में सालबनी में जिंदल कारखाने के शिलान्यास कार्यक्रम से मेदिनीपुर लौटते वक्त बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का काफिला राष्ट्रीय राजमार्ग-60 पर नक्सलियों द्वारा बिछाए गए बारूदी सुरंग की चपेट में आ गया था। इस मामले में पुलिस ने 2009 में छत्रधर महतो समेत कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। 12 मई, 2015 में मेदिनीपुर जिला अदालत ने महतो को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सुजा सुनाई थी। अगस्त, 2019 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने छत्रधर महतो की आजीवन कारावास की सजा को खारिज कर दिया था।


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