अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, गंभीर हो केंद्र सरकार
-मंत्री ने की व्यवसायी संगठनों के साथ बैठक -अनलॉक-1 में पूरी सतर्कता के साथ कारोबार करने का
-मंत्री ने की व्यवसायी संगठनों के साथ बैठक
-अनलॉक-1 में पूरी सतर्कता के साथ कारोबार करने का निर्देश
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना संकट व लॉकडाउन संकट के चलते देश भर में अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा कर रह गई है। इसके प्रति केंद्र सरकार को गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। अभी लॉकडाउन के बाद अब अनलॉक-1 शुरू हो गया है। मगर, कारोबार पर जो विपरीत असर पड़ा है उसके प्रति मोदी सरकार कुछ भी नहीं कर रही है। यह देशव्यापी संकट है। इसीलिए इसके निदान हेतु राष्ट्रीय स्तर पर ही योजना बनानी पड़ेगी व उसे क्रियान्वित करना पड़ेगा।
पश्चिम बंगाल के पर्यटन मंत्री गौतम देव ने ये बातें कही हैं। वह मंगलवार को मैनाक टूरिस्ट लॉज में पेट्रो डीलर्स एसोसिएशन, हार्डवेयर मर्चेंट्स एसोसिएशन और मोटर डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों संग बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि कारोबार का बहुत बुरा हाल है। इधर लॉकडाउन-4 में छूट और अब अनलॉक-1 में और भी छूट के बावजूद कारोबार सही नहीं है। मुश्किल से 15-16 प्रतिशत कारोबार हो रहा है। यह अत्यंत चिंतनीय है। ऐसी विकट स्थिति में भी उन लोगों को कर्मचारियों का वेतन अदा करना पड़ रहा है। इस मामले में उन लोगों ने सरकार से सहयोग की अपील की है। मैंने उनकी सारी बातों को नोट कर लिया है और अब राज्य सरकार को अग्रसारित करूंगा। मगर, यह केंद्र सरकार का मामला है। इस पर केंद्र को गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए व कुछ करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संकट अभी टला नहीं है, और गंभीर होता जा रहा है। जबकि, जनजीवन भी जरूरी है। इसीलिए लोग कारोबार या जो कुछ भी करें उसमें पूरी स्वास्थ्य सतर्कता और सावधानी बरतें। क्योंकि, एक ओर जहा रोजी-रोटी जरूरी है वहीं दूसरी ओर जीवन भी जरूरी है।
कोरोना संकट से मुकाबले के मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मात्र चार घटे की नोटिस पर देश में लॉकडाउन किया जाना बहुत ही घातक सिद्ध हुआ। पश्चिम बंगाल राज्य पर भी इसका बहुत ही भयावह असर पड़ा है। कोरोना संकट के साथ-साथ पश्चिम बंगाल को भयावह तूफान <स्हृद्द-क्तञ्जस्>एम्फन<स्हृद्द-क्तञ्जस्> का भी सामना करना पड़ा है। <स्हृद्द-क्तञ्जस्>एम्फन<स्हृद्द-क्तञ्जस्> के चलते राज्य के पाच जिले तहस-नहस हो गए हैं। विशेषज्ञों की ओर से यह आकलन किया गया है कि <स्हृद्द-क्तञ्जस्>एम्फन<स्हृद्द-क्तञ्जस्> तूफान से पश्चिम बंगाल राज्य में लगभग एक लाख करोड़ रुपये मूल्य की क्षति हुई है। उसके लिए केंद्र सरकार की ओर से मात्र 1000 करोड़ रुपए के सहयोग की बात की गई है। उससे क्या आने जाने को है। यह बहुत ही भीषण तूफान था। 267 सालों में पहली बार पश्चिम बंगाल को इसका सामना करना पड़ा। मगर मोदी जी पर इसका कोई असर नहीं है। वह कोरोना संकट में भी ताली, थाली और घटा बजवाते रहे और मोमबत्ती जलवते रहे। कुछ धर्मगुरुओं के जैसे अवैज्ञानिक बात, मन की बात कह कर के लोगों को बहलाते रहे। सोशल मीडिया पर अपने भक्तों द्वारा झूठा प्रचार कर करके लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया और कुछ नहीं किया।