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कैंसर व हार्ट अटैक से बचाता है रक्तदान

-अन्य कई बीमारियों से भी मिलती है मुक्ति -30 को सिलीगुड़ी मे मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:50 PM (IST)
कैंसर व हार्ट अटैक से बचाता है रक्तदान
कैंसर व हार्ट अटैक से बचाता है रक्तदान

-अन्य कई बीमारियों से भी मिलती है मुक्ति

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-30 को सिलीगुड़ी मे मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन

अशोक झा, सिलीगुड़ी : अगर आपने कभी रक्तदान नहीं किया है तो आज ही रक्तदान करने का मन बनाएं। 30 अगस्त को मारवाड़ी युवा मंच द्वारा दैनिक जागरण के सहयोग से आयोजित रक्तदान शिविर में जरूर एक यूनिट रक्तदान करें। आप स्वयं भी आएं और अपने साथ अपने परिवार को भी लाएं। यह इसलिए कहा जा रहा है कि रक्तदान से जहां आप दूसरे को नया जीवन दे रहे हैं, वहीं स्वयं अपना जीवन भी बचा रहे है। यह बात जरुर कुछ अटपटा लगे परंतु सौ टके की है। रक्तदान से आप कैंसर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों को अपने पास आने नहीं देते। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक पी एन सिन्हा का भी यही कहना है। उन्होंने बताया कि रक्तदान करने से खून पतला होता है। जिससे हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। हार्ट के कई प्रकार की समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है। जो लोग बराबर रक्तदान करते हैं,उनके पास कैंसर जैसी घातक बीमारी भी नहीं आती। इस प्रकार की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। कई लोगों में मन में यह भ्रम बैठा हुआ है कि वे अगर रक्तदान करेंगे तो उनका शरीर कमजोर हो जाएगा। यह बात बिल्कुल ही गलत है। रक्तदान के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदरुस्ती भी मिलती है।

कई बार प्रश्न आता है कि कौन कर सकता है रक्तदान। इसके लिए यह भी जानना जरुरी है। रक्तदान कोई भी कर सकता है। यह सुरक्षित प्रक्रिया है। रक्तदान 16 साल से अधिक और 50 किलोग्राम से अधिक वजन का कोई भी व्यक्ति कर सकता है। रक्तदान करने से शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है। शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए नई रक्त कोशिकाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नियमित रक्तदान करने के बाद जो नया रक्त बनता है वह स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। एक यूनिट रक्तदान करने से शरीर से 650 कैलोरी जलती है। यह वजन को नियंत्रित करता है। अगर नियमित रक्तदान करें तो आप शरीर के भारीपन से भी मुक्ति पा सकते है। एक व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट यानि 5-6 लीटर रक्त होता है। रक्तदान में केवल एक यूनिट ही रक्त लिया जाता है। एक बार रक्तदान करने से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। भारत में सिर्फ सात प्रतिशत लोगों के पास ही ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है। ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है। इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है। पुरुष तीन माह में और महिलाएं चार माह में एक बार रक्तदान कर सकती हैं। रक्तदान के पहले सबसे अच्छी बात है कि उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर, वजन,ब्लड ग्रुप और उसके बाद एचआइवी, मलेरिया, एचबीएसएजी, एचसीबी,वीडीआरएल और एंटीबॉडी की स्क्रिनिंग जैसी जांच की जाती है। इतना पढ़ने के बाद अब तो मन में कोई शंका नहीं रही होगी। तो आएं और 30 तारीख को रक्तदान करने के लिए कदम से कदम मिलाएं।


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