सक्रिय है सीमावर्ती क्षेत्र में साइबर अपराधी,कोड पूछ डालते है एटीएम पर डाका
इन दिनों नेपाल बांग्लादेश और बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों मे साइबर ठग काफी सक्रिय है। इसके चक्रव्यूह को भेद पाने में अबतक पुलिस विफल है।
By Edited By: Published: Fri, 03 May 2019 12:13 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 02:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इन दिनों नेपाल, बांग्लादेश और बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों मे साइबर ठग काफी सक्रिय है। इसके चक्रव्यूह को भेद पाने में अबतक पुलिस विफल है। एटीएम क्लोनिंग के नाम पर रुपये की ठगी यहां आम बात है। इस प्रकार की घटना पुलिस के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। बैंक के द्वारा भी लगातार सभी को जागरुक करने के लिए मैसेज भी दिए जा रहे है परंतु ज्यादातर एटीएम धारक इससे अंजान है। कहते है कि बैंक का एटीएम कार्ड धारक के पास ही रहता है, और उस कार्ड से रुपये की निकासी हो जाती है। ऐसे में यदि आप एटीएम के प्रयोग में सावधानी नहीं बरतते हैं, तो ठग आपको भी निशाना बना सकते हैं। एटीएम क्लोनिंग के करीब आधा दर्जन मामले अब तक खोरीबाड़ी, नक्सलबाड़ी, फांसीदेवा, विधाननगर, एनजेपी और पानीटंकी क्षेत्र में घटी है। कैसे किया जा रहा हैं एटीएम क्लोनिंग प्रत्येक एटीएम में काले रंग की एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती है, इसी में आपके एकाउंट से जुड़ी सारी जानकारियां सेव रहती है। इस जानकारी से ठग स्किमर नाम के एक डिवाइस का इस्तेमाल कर आपके कार्ड का एक क्लोन बना लेते है। अब साइबर ठग इस डिवाइस को कार्ड स्वाइप मशीन में लगा देते हैं। वहीं जब कोई भी अपना एटीएम उसमें डालकर गोपनीय फीड कर रुपये निकालता है वहीं जब कोई भी अपना एटीएम उसमें डालकर रुपये निकालते है तो सारी गोपनीय जानकारी स्कैन हो जाती है। डाटा स्किमर डिवाइस की मेमोरी में सेव हो जाता है। इसका उपयोग करते हुए लोग साइबर ठग के शिकार होते हे। इसमें बचाव के तरीके साइबर थाना के एसीपी अमित पॉल इसको लेकर बताते है कि एटीएम क्लोनिंग की घटनाओं से बचने के लिए सावधानी ही एक मात्र बचाव का उपाय है। यदि आप थोड़ी भी लापरवाही करते हैं तो आप भी इसके शिकार हो सकते हैं। एटीएम से रुपये निकालने के लिए बिना गार्ड के एटीएम का प्रयोग करने बचें। ठग ऐसे एटीएम में स्कीमर डिवाइस असानी से लगा लेते हैं। एटीएम से रकम निकालने से पूर्व पहले जाच लें कि कोई स्कीमर तो स्वाइप करने वाली जगह पर नहीं लगी है। स्वैपिंग प्वाइंट के अगल-बगल हाथ लगाकर देखें। कोई अतिरिक्त संदिग्ध वस्तु नजर आए तो सावधान हो जाएं। स्कीमर की डिजाइन ऐसी होती है कि वह मशीन का पार्ट लगे। इसी प्रकार की जानकारी सभी बैक के माध्यम से भी बैंक उपभोक्ताओं को जानकारी दी जाती है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें