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ऐसे में कैसे कर पाएंगे महानंदा नदी में स्नान

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्थान का विशेष महत्व है। उत्तर बंगाल क

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Oct 2018 01:30 PM (IST)Updated: Sun, 28 Oct 2018 01:30 PM (IST)
ऐसे में कैसे कर पाएंगे महानंदा नदी में स्नान

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्थान का विशेष महत्व है। उत्तर बंगाल की गंगा महानंदा को भी मानकर सभी धार्मिक कार्य लोगों द्वारा यहां संपन्न कराया जाता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश को लेकर छठ पूजा के समय तो जिला प्रशासन काफी शोर गुल मनाचा। छह पूजा के बाद महानंदा नदी में दोबारा से गंदगी की जा रही है। इसकी ओर न तो नगर निगम का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन का। ऐसे में कैसे गंदगी से भरे इस नदी में कार्तिक व्रती महिलाएं स्थान कर पाएंगी? इतना ही नहीं छठ पूजा को लेकर भी नदी के अंदर घंटों खड़ा रहने वाली व्रतधारी महिलाओं के सामने मुश्किल की घड़ी आ गयी है। कार्तिक पूर्णिमा का शास्त्रों में बहुत महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली मनाने की प्रथा है। कहते है कि भगवान शंकर ने देवताओं की प्रार्थना पर सभी को उत्पीडि़त करने वाले राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया। उसके बाद उत्लास में देवताओं ने धरती पर पहुंचकर दीपावली मनाया था। यह पर्व ऋतुओं में श्रेष्ठ शरद मासों में श्रेष्ठ पूर्णमासी के दिन मनाया जाता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है। मंदिरों और नदी के तीर के निकट दीप जलाने से भाग्य उज्ज्वल होता है।

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