West Bengal: नौसेना को जल्द मिलेगा पनडुब्बी रोधी युद्धपोत कवरत्ती
Navy. कवरत्ती जीआरएसइ द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा। इसके 90 फीसद घटक स्वदेशी तौर पर निर्मित हैं और नई तकनीक की बदौलत इसकी देखरेख की जरूरत भी कम होगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Navy. नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्धपोत 'आइएनएस कवरत्ती' जल्द मिल सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रम गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसइ) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक रीयर एडमिरल वीके सक्सेना ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रडार की पकड़ में नहीं आने वाले इस युद्धपोत से नौसेना की ताकत में इजाफा होगा। 'कवरत्ती' उन चार पनडुब्बी रोधी युद्धपोतों की श्रेणी में से अंतिम है, जिनका निर्माण जीआरएसइ ने परियोजना 'पी28' के तहत भारतीय नौसेना के लिए किया है। इस पोत के सभी परीक्षण सफल रहे हैं और पूरे हो चुके हैं। हमारी इसे इस महीने के अंत तक सौंपने की योजना है।
कवरत्ती जीआरएसइ द्वारा निर्मित 104वां पोत होगा। इसके 90 फीसद घटक स्वदेशी तौर पर निर्मित हैं और नई तकनीक की बदौलत इसकी देखरेख की जरूरत भी कम होगी। परमाणु युद्ध के दौरान भी करेगा कामरक्षा सूत्रों ने बताया कि यह युद्धपोत परमाणु, रासायनिक तथा जैविक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। बाकी तीन रडार रोधी और पनडुब्बी रोधी पोतों के नाम हैं-आइएनएस कमोर्ता, आइएनएस कदमत और आइएनएस किलतान। ये नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के द्वीपों के नाम पर रखे गए हैं।
गौरतलब है कि समुद्री सीमाओं के प्रहरीहाल के वर्षों में देश की समुद्री सीमाओं की चौकसी पर अधिक जोर दिए जाने के चलते भारतीय नौसेना देश के युवाओं के लिए एक बेहतर जॉब विकल्प के रूप में सामने आया है। देश की रक्षा से जुड़े इस क्षेत्र में न केवल एक प्रतिष्ठित और सम्मानित जॉब है, बल्कि इसमें युवाओं को अपने देश की सेवा करने का भी सुअवसर मिलता है। आकर्षक सैलरी और सुख-सुविधाओं को देखते हुए युवाओं का रुझान भी क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है।
परमानेंट कमीशन के रूप में नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एनडीए और सीडीएस परीक्षा के माध्यम से होती है, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में नियुक्ति नेशनल कैडेट कोर के स्पेशल एंट्री द्वारा होती है। इसकी सेवा अवधि 10 वर्ष होती है जो 14 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। अफसर के रूप में नौसेना में मुख्य रूप से चार ब्रांच होते हैं-एग्जीक्यूटिव, इंजीनियरिंग, इलेक्टि्रकल और एजुकेशनल ब्रांच। एग्जीक्यूटिव ब्रांच के ऑफिसर्स जहाजों के परिचालन और उससे संबंधित अन्य सेवाएं देते हैं, जबकि इंजीनियरिंग ब्रांच की जिम्मेदारी नेवी की मशीनरी के मेंटिनेंस से जुड़ी होती है।