West Bengal: चुनाव के पहले सिलीगुड़ी नगर निगम में बड़े घोटाले का खुलासा
Siliguri Municipal Corporation. बिल्डिंग प्लान पास कराने को शुल्क के रूप में जो रकम ली जाती है उसमें हेराफेरी की गई है। पैसे लेने के बाद पुरानी रसीद देने का मामला सामने आया है।
जागरण संवादाता, सिलीगुड़ी। Siliguri Municipal Corporation. चुनाव के पहले सिलीगुड़ी नगर निगम में घोटाले का एक बड़ा मामला सामने आया है। बिल्डिंग प्लान पास कराने के लिए शुल्क के रूप में जो रकम ली जाती है, उसमें हेराफेरी की गई है। पैसे लेने के बाद पुरानी रसीद देने का मामला सामने आया है। लाखों रुपये इस तरह से हजम कर लिया गया है। जालसाजी का यह खेल सिलीगुड़ी नगर निगम के एक नंबर बोरो कार्यालय में काफी समय से चल रहा था। इसको लेकर विरोधी दलों ने निगम में वाम मोर्चा बोर्ड को कटघरे में खड़ा किया है। साथ ही, निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, बिल्डिंग प्लान पास कराने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम की एक शुल्क निर्धारित है। शुल्क जमा कराने पर नागरिकों को रसीद दी जाती है। सिलीगुड़ी नगर निगम के एक नंबर बोरो कार्यालय में इसी मनी रसीद में जालसाजी किए जाने का खुलासा हुआ है। आरोप है कि एक नंबर बोरो कार्यालय में बिल्डिंग प्लान के लिए नियुक्त कर्मचारी प्लान पास कराने के लिए शुल्क जमा कराने वाले आवेदकों को पुरानी रसीद दे रहे थे। जो पैसे लेते थे वह हजम कर जाते थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑडिट के बाद सभी मनी रसीद की बुकलेट बदल दी जाती है।
प्रत्येक बुकलेट की निर्धारित समय सीमा होती है। अवधि समाप्त होने पर पूरे बुकलेट को बदलना होता है। एक नंबर बोरो कार्यालय में भी मनी रसीद की बुकलेट बदली गई थी। लेकिन फिर से पुरानी मनी रसीद का व्यवहार किया गया। यह मामला सामने आने के बाद सिलीगुड़ी नगर निगम में खलबली मच गई है। मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम में 46 नंबर वार्ड की निवासी लक्ष्मी छेत्री और अरुणा सिन्हा ने अपने मकान का प्लान पास कराने के लिए बीते बीस जनवरी को एक नंबर बोरो कार्यालय में शुल्क जमा कराया था। इन दोनों आवेदकों को पुरानी मनी रसीद दी गई। यह मामला सामने आते ही एक नंबर बोरो कार्यालय की चेयरमैन स्निगधा हाजरा ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की है। वहीं दूसरी ओर इस जालसाजी के खिलाफ निगम की विरोधी दल तृणमूल कांग्रेस ने भी आंदोलन की हुंकार भरी है।
एक नंबर बोरो कार्यालय में नियुक्त लोअर डिवीजनल क्लर्क (एलडीसी) मोहम्मद ताहिर हुसैन पर यह जालसाजी करने का आरोप लगा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार लक्ष्मी छेत्री और अरुणा सिन्हा को जिस क्रमांक की मनी रसीद मुहैया कराई है, उस रसीद की बुकलेट काफी पहले गुम हो गई थी। गुम बुकलेट की मनी रसीद सामने आने से एक बड़े घोटाले का खुलासा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त आरोपी कर्मचारी मोहम्मद ताहिर हुसैन पुराना दागी है। इसके पहले भी उन पर आर्थिक घोटाले का आरोप लग चुका है। जिसकी वजह से उसे सस्पेंड भी किया गया था। बाद में उसे फिर से नियुक्त किया गया। सिलीगुड़ी नगर निगम के विरोधी दल नेता रंजन सरकार ने इस जालसाजी में निगम की वाम मोर्चा बोर्ड पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड और बोरो चेयरमैन की नाक के नीचे इतना बड़ी जालसाजी कैसे हो रही थी।
बगैर मिलीभगत के ऐसी जालसाजी संभव नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पुरानी मनी रसीद की रकम निगम में जमा नहीं कराई जा सकती। फिर यह रकम कहां और किस-किस के जेब तक पहुंची है। कर्मचारी को मोहरा बनाकर जालसाजी का खेल खेलने वाले बड़े लोगों को सामने लाना निगम बोर्ड की नैतिक जिम्मेदारी है। बुधवार को इस जालसाजी के खिलाफ निगम के कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यह मनी रसीद बुकलेट व्यवहार में असंगति का मामला है।
दो दिन पहले ही यह मामला मेरे सामने आया है। आरोपित कर्मचारी के खिलाफ निगम बोर्ड व प्रशासन से शिकायत की गई है। साथ ही पूरे मामले की जांच कराने की मांग भी की गई है। हांलाकि अभी तक किसी भी नागरिक ने पुरानी रसीद मिलने की शिकायत नहीं की है।
-स्निगधा हाजरा,चेयरमैन।
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एक नंबर बोरो कमेटी यह मामला मेरे संज्ञान में भी आया है। निगम प्रशासन को छानबीन का निर्देश दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-राम भजन महतो, डिप्टी मेयर।