उत्तर बंगाल के मशरूम व ऑर्किड को मिलेगी वैश्विक पहचान
-राज्य सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी एवं बायोटेक्नोलोजी विभाग ने की पहल -कालिम्पोंग मे
-राज्य सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी एवं बायोटेक्नोलोजी विभाग ने की पहल
-कालिम्पोंग में बायो टेक्नोलोजी हब बनाया जाएगा, डीपीआर भी जल्द ही जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
उत्तर बंगाल के मशरूम व ऑर्किड को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। पश्चिम बंगाल राज्य सरकार के विज्ञान व प्रौद्योगिकी एवं बायोटेक्नोलोजी विभाग के प्रधान सचिव बरुण कुमार राय ने यह बात कही है। वह बुधवार को यहां मिनी सचिवालय 'उत्तर कन्या' में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर बंगाल के मशरूम व ऑर्किड को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है।
इसके लिए पूरी योजना बना ली गई है। इसके तहत कालिम्पोंग में बायो टेक्नोलोजी हब बनाया जाएगा। वहीं, इसके डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। डीपीआर भी जल्द ही तैयार हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस दिशा में व्यापक शोध भी जारी है। नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी (एनबीयू) में स्थित प्रयोगशाला में मशरूम व अन्य पौधों के बाबत व्यापक शोध किया जा रहा है। इसे जल्द ही जमीनी स्तर पर उतारा जाएगा और यहां के मशरूम व ऑर्किड को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से अत्यंत संपन्न उत्तर बंगाल में कृषि जनित उत्पादों के विकास एवं विपणन की अपार संभावनाएं हैं। यहां के पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यंत ही उन्नत किस्म की मशरूम व ऑर्किड फूलों एवं अन्य औषधीय पौधों व फूलों की पैदावार होती है। इनके विकास एवं विपणन को बड़े पैमाने पर ले जाए जाने की आवश्यकता है। उससे न सिर्फ कृषकों की दशा-दिशा में उल्लेखनीय सुधार होगा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी संबल मिलेगा।
इसे लेकर उन्होंने इस दिन 'उत्तर कन्या' में समस्त भागीदारों संग बैठक भी की। कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के संयोजन में हुई इस बैठक में उत्तर बंगाल के विभिन्न इलाकों से कृषक, उद्यमी व संबंधित विभागों के अधिकारी सम्मिलित हुए। बैठक में विषय से संबंधित विस्तृत चर्चा हुई। इसबैठक में सीआईआई की उत्तर बंगाल क्षेत्रीय परिषद के चेयरमैन संजीत साहा, वइस चेयरमैन संजय टिबड़ेवाल व अन्य कई सम्मिलित रहे।