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कोरोना काल में मुहर्रम सादगी भरा, अखाड़ा जुलूस की जगह जिक्र की महफिल

-यौम-ए-आशुरा को कुरआन ख्वानी व लंगर वितरण -जगह जगह रक्तदान शिविर और पौधरोपण - जरूरतमंदों

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 06:04 PM (IST)
कोरोना काल में मुहर्रम सादगी भरा, अखाड़ा जुलूस की जगह जिक्र की महफिल

-यौम-ए-आशुरा को कुरआन ख्वानी व लंगर वितरण

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-जगह जगह रक्तदान शिविर और पौधरोपण

- जरूरतमंदों में भोजन व वस्त्र वितरण कार्यक्रम भी जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के संकट के मद्देनजर इस बार शहर व आसपास में मुस्लिम धर्मावलंबी कोरोना काल में मुहर्रम पूरी तरह सीधे सादे तौर पर मना रहे हैं। इस मुहर्रम की 10वीं तारीख (30 अगस्त) को यौम-ए-आशुरा के उपलक्ष्य में कहीं भी कोई अखाड़ा जुलूस नहीं निकाला जाएगा। कोरोना सतर्कता के मद्देनजर प्रशासन की अपील को ध्यान में रखते हुए शहर की लगभग सभी कमेटियों ने यह निर्णय लिया है कि वे सामूहिक रूप से शहर में कोई अखाड़ा जुलूस नहीं निकालेंगी। उसकी जगह स्थानीय स्तर पर गली मोहल्लों में चंद लोगों को ही लेकर जिक्र की महफिल आयोजित की गई है।

शहर के छह नंबर वार्ड अंतर्गत दरभंगा टोला के गरीब नवाज चौक पर बीते मुहर्रम से ही जिक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला का आयोजन किया जा रहा है। हर शाम मगरिब की नमाज के बाद से ईशा की अजान तक घटे-डेढ़ घटे महफिल लगती है। उसमें उलेमा इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नाती हजरत इमाम हुसैन व उनके अनुयायियों की शहादत, कर्बला के वाकये के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हैं और श्रद्धालु उसे सुनते हैं। यह सिलसिला 10 मुहर्रम तक चलेगा। बताया गया है कि 10 मुहर्रम को चूंकि इस बार अखाड़ा जुलूस नहीं निकलेगा। इसीलिए उस दिन सुबह कुरआन ख्वानी (पवित्र क़ुरआन का सामूहिक पाठ) और शाम में असर की नमाज के बाद लंगर वितरण का आयोजन किया गया है। इन सारे छोटे स्तर के आयोजनों में भी कोरोना सतर्कता के मद्देनजर सभी के मास्क पहनने और एक-दूसरे से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखने आदि पहलुओं पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है। शहर में केवल एक जगह ही नहीं बल्कि कुरैशी मुहल्ला, डागी पाड़ा, कोयला डिपो, आदर्श नगर, एनजेपी, टिकिया पाड़ा, अशरफ नगर आदि विभिन्न जगहों पर इसी तर्ज पर इस बार मुहर्रम मनाया जा रहा है।

शहर की सामाजिक संस्था अंजुमन खिदमत-ए-खल्क के सचिव फिरोज अहमद खान ने भी शहर के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों से अपील की है कि वे प्रशासन की अपील को ध्यान में रखें और कोरोना महामारी के खतरों के प्रति सतर्क रहते हुए इस बार कहीं भी कोई अखाड़ा जुलूस न निकालें। सीधे सादे रूप में ही मुहर्रम मनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार मुहर्रम के उपलक्ष्य में विभिन्न मुहर्रम कमेटियों की ओर से रक्तदान शिविर, पौधरोपण, जरूरतमंदों में भोजन एवं वस्त्र वितरण आदि कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। इन सारे कार्यक्रमों में कोरोना सतर्कता के तमाम पहलुओं जैसे मास्क पहनना व सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखना आदि का भी ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने सभी से इसमें सहयोग की अपील की है।

कोरोना के खतरे को देखते हुए मुस्लिम धर्मावलंबियों से प्रशासन के निर्देश के पालन की अपील गई है। कोरोना महामारी के खतरों के प्रति सतर्क रहते हुए इस बार कहीं भी कोई अखाड़ा जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया गया है। इस साल कई सामाजिक कार्य विशेष रूप से किए जाएंगे।

-फिरोज अहमद खान,सचिव,अंजुमन खिदमत-ए-खल्क


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