तीस्ता में मिले मोर्टार में हुआ विस्फोट तो हिल गई धरती, दो सौ मीटर से ज्यादा उठा पानी
तीस्ता में मिले चार मोर्टार सेल को शुक्रवार को पानी में ही निष्क्रिय कर दिया गया। इस दौरान बड़ा धमाका होने से लगा कि भूकंप आ गया है। तीस्ता का पानी करीब दो सौ मीटर उछला था।
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। धरती कांप उठी, तीस्ता का पानी करीब दो सौ मीटर उछल गया। धुआं ही धुआं। लगा कि भूकंप आ गया है। अवसर था सिलीगुड़ी शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर फांसीदेवा के चटहाट भारत-बांग्लादेश सीमांत में बुधवार की सुबह तीस्ता कैनाल में पाए गए चार मोर्टार सेल को निष्क्रिय कराने का। धमाका हो गया और पास में स्थित पुल सुरक्षित बचा रहा तो लोगों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार की दोपहर बाद करीब तीन बजे आर्मी के बम निरोधक दस्ता और तकनीकी टीम ने निष्क्रिय करते हुए विस्फोट कर उड़ा दिया।
- आर्मी के बम निरोधक दस्ता व तकनीकी टीम ने दिया इसको अंजाम
- सभी सेल से आरडीएक्स निकालने के बाद कराया गया विस्फोट
- मौजूद पुलिस पदाधिकारियों व आम नागरिकों के एक किमी से भी ज्यादा दूर हटाया गया
- कोई भी बाहर निकालता तो फट जाते मोर्टार, पीछे चकरी पर पत्थर लगने से भी होता विस्फोट
इस पूरे प्रकरण के दौरान पुलिस समेत सभी नागरिकों को एक किलोमीटर से भी दूर तक हटा दिया गया था। किसी भी स्थिति में आगे नहीं आने के निर्देश दिए गए थे। मौके पर दार्जिलिंग ग्रामीण डीएसपी प्रवीण मंडल अपने सहयोगियों के साथ मौजूद थे। मोर्टार सेल में विस्फोटक की तीव्रता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि विस्फोट के समय तीस्ता का पानी कम से दो सौ मीटर के उपर गुब्बारा के रूप में उठा। पुलिस और आर्मी के किसी अधिकारी ने इस संबंध में सुरक्षा का हवाला देते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया।
मौके पर मिली जानकारी के अनुसार सभी मोर्टार सेल को तकनीकी दल ने पूरी सुरक्षा के साथ पहले तोड़कर उसके अंदर का आरडीएक्स बाहर निकाला। उसके बाद उसमें विस्फोट कराकर उसे वही निष्क्रिय कर दिया। सभी मोर्टार के निष्क्रिय होने से शासन और प्रशासन ने राहत की सांस ली है। आर्मी सूत्रों की माने तो यह संयोग ही था कि नदी के अंदर धार कम थी, अन्यथा इस मोर्टार के पीछे की चकरी पर एक पत्थर भी लगने से यह विस्फोट कर सकता था। इसे अगर कोई बाहर निकाल लेता तो भी विस्फोट कर सकता था। यह तीव्र विस्फोटक से भरा अति संवेदनशील विस्फोटक माना जाता है। यह सभी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात यूनिट के पास उपलब्ध रहता है। यह यहां कैसे पहुंचा, इसकी विभागीय जांच की जाएगी।