20 जुलाई से शुरू होगा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र
20 जुलाई से शुरू हो रहा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहे इसके प्रबल आसार हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। 20 जुलाई से शुरू हो रहा बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहे इसके प्रबल आसार हैं। दरअसल विपक्ष पंचायत चुनाव हिंसा से लेकर राज्य में भ्रष्टाचार, कालेज दाखिले में अनियमितता जैसे मुद्दे पर इस बार सरकार को घेरने की जुगत में है तो सरकार की कोशिश सत्र के सुचारु रूप से संचालन की रहेगी क्योंकि सत्र में कई अहम विधेयक पेश किए जाने हैं। इसे लेकर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा तथा 31 जुलाई तक चलेगा। बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में संसदीय मंत्री पार्थ चटर्जी, मुख्य सचेतक निर्मल घोष, विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती, भाजपा नेता दिलीप घोष सहित अन्य नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद पार्थ चटर्जी ने बताया कि सत्र के दौरान पश्चिम बंगाल संशोधनागार संशोधन विधेयक, पश्चिम बंगाल लोकायत संशोधन विधेयक व अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे। खास बात यह है कि इसी सत्र में एक बार फिर राज्य के नाम परिवर्तन का विधेयक भी पेश किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले विधेयक को पारित कर केंद्र के पास भेजा गया था लेकिन केंद्र से इसकी मंजूरी नहीं मिली है।
इस विधेयक में हिंदी, बांग्ला व अंग्रेजी में बंगाल के अलग-अलग नाम निर्धारित किये गये थे, लेकिन केंद्र ने एक ही नाम रखने को कहा है। पार्थ चटर्जी ने बताया कि इस बाबत संशोधन विधेयक एक बार फिर विधानसभा में पेश किया जाएगा। 1कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक मनोज चक्रवर्ती व विधायक असीत मित्र ने कहा कि कांग्रेस सत्र के दौरान पंचायत चुनाव के पूर्व व बाद में हिंसा, कालेजों में दाखिले को लेकर धांधली सहित अन्य मुद्दे उठायेगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमत आदि को लेकर नियम 185 के तहत हम बहस की मांग करेंगे।