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सिक्किम में जीत की घोषणा होते ही रोने लगे लगे विधायक यंग छिरिंग लेप्चा

सिक्किम में भारतीय जनता पार्टी और सिक्किम क्रांतिमोर्चा को तीन सीटों पर हुए उप- चुनाव में भारी विजय मिली है। गठबंधन तीनों सीट पर विजय हासिल करने में सफल रहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 01:00 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 01:00 PM (IST)
सिक्किम में जीत की घोषणा होते ही रोने लगे लगे विधायक यंग छिरिंग लेप्चा
सिक्किम में जीत की घोषणा होते ही रोने लगे लगे विधायक यंग छिरिंग लेप्चा

गंगटोक, जेएनएन। सिक्किम में भारतीय जनता पार्टी और सिक्किम क्रांतिमोर्चा को तीन सीटों पर हुए उप- चुनाव में भारी विजय मिली है। गठबंधन तीनों सीट पर विजय हासिल करने में सफल रहा।

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घोषणा होते ही रोने लगे भाजपा प्रत्याशी:

गंगटोक विस सीट से निर्वाचित विधायक विधायक यंग छिरिंग लेप्चा जीत की जैसे ही घोषणा वे रो पड़े। उन्होंने मीडिया के सामने भी भावुक स्वर में मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए पूर्वी सिक्किम 32 नंबर निमटार स्थित अपने मकान में डेढ़ साल बाद गुरुवार को प्रवेश करने की जानकारी दी।

उन्होंने इस जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष डीबी चौहान, मुख्यमंत्री पीएस गोले आदि के प्रति आभार व्यक्त किया। मारतम रुमतेक से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक सोनाम छिरिंग वेंचुंगपा ने इस जीत का श्रेय एसकेएम को दिया। पत्रकारों को बताया कि नामंकन करने से दो दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुआ था। पार्टी ने सम्मान करते हुए मुङो उम्मीदवार बनने का मौका दिया। जिसके लिए आभारी हूं। लेकिन इस भारी जीत लोगों को मत बिना असंभव था। जिसके लिए मैं कृतज्ञ हूं।

लंबित मांगों को पूरा करने का वादा भाजपा ने नहीं किया : राई

भाजपा ने इस चुनाव में सिक्किम के विचाराधीन मांगे पूरी करने का कहीं भी वादा नहीं करने का आरोप सिक्किम रिपॉब्लिकन पार्टी ने लगाया है। पार्टी अध्यक्ष केबी राई ने पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्रीय खेल राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने चुनावी रैली को संबोधन किया। लेकिन केंद्र सरकार में विचाराधीन कोई मांगों संबंधी एक शब्द भी नहीं निकाला। यह राज्यवासियों के लिए अति विडंबना है। क्योंकि उन्होंने केंद्र सरकार व केंद्रीय नेताओं का प्रतिनिधित्व किया था।

उन्होंने कहा कि सिक्किम के 11 विभिन्न समुदायों को जनजाति के सूची में शामिल करने की मांग पूराना है। हालांकि यह पिछले 2014 से भाजपा केंद्र में सत्ता में है। लेकिन अभी तक उक्त मांग पूरी नहीं होने के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। इसी तरह राज्य के अनुसूचित जनजाति लिम्बु-तमांग समुदायों को सीट आरक्षण के लिए कोई सकारात्मक संदेश व संकेत नहीं दिया है। जो बड़ी विडंबना है।

इसी तरह केंद्रीय आयकर के छूट के दायरे से वंचित राज्य के पूराने व्यापारियों को छूट दिलाने के लिए भी एक शब्द का आश्वासन अपने भाषण नहीं दिया। इसी तरह आधार भाजपा को मतदान करना सही नहीं होगा। उन्होंने अपने अपने उम्मीदवार एसटी लेप्चा को वोट करने का गुजारिश किया है।

ध्वस्त हो गया चामलिंग का किला

विपक्षी दल सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी के किला माने जाने वाला पोकलोक कामरांग में मुख्यमंत्री पीएस गोले के फतेह के साथ धराशाई कर दिया है। उन्हें भारतीय निर्वाचण आयोग से चुनाव लड़ने की आधिकारिक निर्णय देने के बाद सभी राजनीतिक अटकलों के विरूद्ध उन्होंने खुद उम्मीदवार खड़े किए। जबकि पिछले चुनाव में एसडीफ पार्टी उम्मीदवार पवन चामलिंग ने 2900 मतों से जीतीं थीं। जहां अत्यधिक आबादी भी चामलिंग के अपने समुदायों की है। लेकिन उन्होंने चामलिंग के किला पर ही राजनीतिक धावा बोला।

हालांकि चुनाव के दौरान एसकेएम पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दिया था। हरेक स्तर से पार्टी के अन्य क्षेत्रों के पदाधिकारियों ने इस दरमियान डेरा डाला था। उक्त जीत के घोषणा के साथ मुख्यमंत्री पीएस गोने बतौर निर्वाचित विधायक के रूप में नामची जिलाधिकारी एवं रिटानिर्ंग अफिसर रगुल के ने प्रमाण पत्र दिया। जिसके बाद उन्होंने वेटनेरी ग्राउंड में लोगों को संबोधन करते हुए कहा कि इस जीत जनता का जीत है।

पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने 25 वषों तक विधायक के रूप में शासन किया। लेकिन विकास सही अर्थ में लोगों को नहीं मिला। अब, मुङो काम करना अच्छा लगेगा। उन्होंने इस जीत के लिए लोगों को आभार व्यक्त किया। उन्होंने भविष्य में विकास में भाजपा के साथ भी मिलकर काम करने का प्रतिबद्धता जाहिर की।

गठबंधन को मिले जनादेश का सम्मान करता हूं : चामलिंग

पूर्व मुख्यमंत्री एवं सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) पार्टी अध्यक्ष पवन चामलिंग ने तीन उपचुनाव में हार की जिम्मेदारी खुद ने लिया है। हालांकि उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के संबंध में चुप्पी साध रखा है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि भाजपा एवं सिक्किम Rांतिकारी मोर्चा गठबंधन को लोगों ने पसंद किया है। इस जनादेश का हम सम्मान करते है। लेकिन बतौर विपक्ष के रूप में एसडीएफ अपना दायित्व निर्वहन करेगा। लेकिन उन्होंने विधानसभा में प्रवेश के संबंध में भी चुप्पी साधा। उन्होंने समय आने पर विधानसभा बहिष्कार पर निर्णय करने का विचार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री पीएस गोले का चुनाव लड़ने देने की भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित में याचिका दायर करने तथा इसका फैसला नहीं आने तक अपने फैसला भी नहीं बदलने का विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सिक्किम के राजनीति में नागरिक समाच मौन है। बुद्धिजीवी वर्ग को खुल कर स्वतंत्र रूप में अपने विचारों को व्यक्त करना होगा। दूसरी ओर सत्तासीन दल सिक्किम क्रांतिकारक मोर्चा पार्टी भी राज्य में प्रजातांत्रिक माहौल के सुरक्षा में अपना विचार को स्पष्ट करें। ताकि पत्रकारों व बुद्धिजीवी वर्ग आजादी का लुत्फ उठा सके। उन्होंने एसडीएफ हार के कारण विपक्ष में होने तथा एसकेएम सत्ता में होने के कारण उपचुनाव का भारी लाभ मिलने समीक्षात्मक विचार रखे।

पत्रकार वार्ता करते पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग व अन्य ’ जागरण

नवंबर में होगा 10 विधायकों का फैसला

भाजपा के दो निर्वाचित विधायकों तथा सिक्किम डेमोRेटिक फ्रंट से 10 भाजपा में शामिल विधायकों का विधानसभा के भीतर विपक्ष व ट्रेजरी बेंच रहने के संबंध में अनिश्चितता यथावत है। यह बातें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डीबी चौहान ने व्यक्त किया है। पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सिक्किम की राजनीति में भाजपा व सिक्किम Rांतिकारी मोर्चा गठबंधन को लोगों भारी मत से समर्थन किया है। गठबंधन के परिणाम के बाद पार्टी चिंतन में जुटेगा। क्योंकि भविष्य में हमारे अस्तित्व विधानसभा में अभी तक निर्णय नहीं हुआ है। इस निर्णय के लिए केंद्रीय महासचिव राम माधव ही शीघ्र सिक्किम आएंगे। आगामी नवंबर माह में इस बात का फैसला होगा। पार्टी विपक्ष में रहना से विपक्षी नेता का चयन करना होगा। लेकिन हमें विपक्ष में रहने के संबंध में भी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व से होगा। उन्होंने इस जीत के लिए लोगों तथा एसकेएम पार्टी प्रति आभार व्यक्त किया। भविष्य में गठबंधन के धर्म को निभाने का प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए स्थानीय निकाय व पंचायत चुनाव में भी इसी तरह के राजनीति चलने की विचार व्यक्त किया। उन्होंने सिक्किम के केंद्र सरकार में विचाराधीन मांगों में 11 समुदायों को अनुसूचित जनजाति के सूची में शामिल करना, लिम्बु-तमांग जनजाति को विधानसभा आरक्षण, केंद्रीय आयकर के छूट के दायरे से वंचित पुराने व्यापारियों को आयकर छूट दिलाने आदि मुख्य बताया। 


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