तिरंगे में लिपटकर आया जम्मूू में शहीद हुए दार्जीलिंग के जीवन का पार्थिव शरीर
गत शुक्रवार को जम्मू के नौशेहरा में हुए आतंकवादी हमले में जीवन शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर पूरा दार्जीलिंग गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 07:07 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 07:07 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। जम्मू के नौशेहरा सेक्टर में बीते शुक्रवार को आतंकवादियों द्वारा किए गए आइईडी ब्लास्ट में शहीद हुए गोरखा रेजीमेंट के जवान राइफलमैन जीवन गुरुंग का तिरंगे में लिपटा हुआ शव रविवार की शाम लगभग पौने पांच बजे विमान से बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचा। यहां एयरपोर्ट के कार्गो एरिया में पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद को सलामी दी गई। इसके बाद भारत माता की जय के नारों के साथ सेना के सुसज्जित वाहन से पार्थिव शरीर को शहीद के पैतृक गांव दार्जीलिंग के लामाहाटा भेजा गया। सोमवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि होगी।
श्रद्धांजलि अर्पित करते मंत्री गौतम देव।
तिरंगे में लिपटा हुआ शव जैसे कार्गो एरिया में पहुंचा तो उस समय चारो तरफ सन्नाटा छा गया। बेंगडूबी मिलिट्री स्टेशन के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर अधीश यादव ने मातमी धुन के बीच पुष्पचक्र अर्पित कर सलामी दी तो एक मिनट के लिए घड़ी की सूई थम सी गई। ऐसा हो भी क्यों न। आखिर जीवन ने आखिरी सांस तक देश की आन, बान व शान की रक्षा की।
श्रद्धांजलि देने जातीं जिलाधिकारी जोयशीदास गुप्ता।
माहौल बड़ा ही कारुणिक था। बागडोगरा एयरपोर्ट पर जहां विमानों के आवागमन से हर समय आवाजें आती थीं, उस समय ऐसा लगा कि विमानों के पंख भी जाम हो गए हों। सेना के जवानों ने जब शहीद के सम्मान में शस्त्र उल्टा कर सलामी दी तो वहां पर उपस्थित सभी के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत हो गई।
बागडोगरा एयरपोर्ट पर ही राज्य पर्यटन मंत्री गौतम देव व दार्जिलिंग जिले की डीएम जोयशी दास गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सेना के वाहन से परिजन की उपस्थिति में उनके पैतृक गांव लामाहाटा के लिए रवाना किया गया। काफिले के पीछे जा रहे लोगों ने जीवन गुरुंग अमर रहें व भारत माता की जय के नारे लगाए। सेना द्वारा मिली जानकारी के अनुसाीर शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव लामाहाटा में सोमवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा। 24 वर्ष आठ महीने की उम्र में ही देश की सेवा करते हुए जीवन गुरुंग ने सर्वोच्च बलिदान दिया। बताया गया कि जीवन गुरुंग साढ़े चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।
श्रद्धांजलि अर्पित करते मंत्री गौतम देव।
तिरंगे में लिपटा हुआ शव जैसे कार्गो एरिया में पहुंचा तो उस समय चारो तरफ सन्नाटा छा गया। बेंगडूबी मिलिट्री स्टेशन के स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर अधीश यादव ने मातमी धुन के बीच पुष्पचक्र अर्पित कर सलामी दी तो एक मिनट के लिए घड़ी की सूई थम सी गई। ऐसा हो भी क्यों न। आखिर जीवन ने आखिरी सांस तक देश की आन, बान व शान की रक्षा की।
श्रद्धांजलि देने जातीं जिलाधिकारी जोयशीदास गुप्ता।
माहौल बड़ा ही कारुणिक था। बागडोगरा एयरपोर्ट पर जहां विमानों के आवागमन से हर समय आवाजें आती थीं, उस समय ऐसा लगा कि विमानों के पंख भी जाम हो गए हों। सेना के जवानों ने जब शहीद के सम्मान में शस्त्र उल्टा कर सलामी दी तो वहां पर उपस्थित सभी के अंदर देशभक्ति की भावना जागृत हो गई।
बागडोगरा एयरपोर्ट पर ही राज्य पर्यटन मंत्री गौतम देव व दार्जिलिंग जिले की डीएम जोयशी दास गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों ने भी पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।
एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने के बाद शहीद का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से सेना के वाहन से परिजन की उपस्थिति में उनके पैतृक गांव लामाहाटा के लिए रवाना किया गया। काफिले के पीछे जा रहे लोगों ने जीवन गुरुंग अमर रहें व भारत माता की जय के नारे लगाए। सेना द्वारा मिली जानकारी के अनुसाीर शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव लामाहाटा में सोमवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया जाएगा। 24 वर्ष आठ महीने की उम्र में ही देश की सेवा करते हुए जीवन गुरुंग ने सर्वोच्च बलिदान दिया। बताया गया कि जीवन गुरुंग साढ़े चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे।
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