अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर भाषा आंदोलन के शहीदों को सिलीगुड़ी में किया गया याद
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से बाघाजतीन पार्क में शहीद मेमोरियल स्तंभ पर उन शहीदों को याद किया गया जिन्होंने भाषा आंदोलन में अपना बलिदान दिया था।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 08:58 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण संवाददाता]। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से बाघाजतीन पार्क में स्थापित शहीद मेमोरियल स्तंभ पर उन शहीदों को याद किया गया, जिन्होंने भाषा के आंदोलन में अपने प्राणों का बलिदान किया था। इस मौके पर मेयर अशोक भट्टाचार्य, डिप्टी मेयर राम भजन महतो, एमआइसी शंकर घोष समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
बांग्ला भाषा के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभानेवाले प्रो. विमलेंदु दाम को सम्मानित करते मेयर।
इस अवसर पर नगर निगम की ओर से सिलीगुड़ी के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मेयर ने मातृभाषा पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अपनी मातृभाषा को भूलते जा रहे हैं। खासकर उन्होंने बांग्ला भाषा का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में युवा वर्ग व बच्चे बांग्ला भाषा से विमुख हो रहे हैं। बांग्ला माध्यम के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती चली जा रही है। उनका झुकाव आइसीएसई तथा सीबीएसई माध्यम के विद्यालयों में बढऩे लगा है। मेयर ने लोगों से अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक होने की अपील की।
दून हेरिटेज स्कूल में मना अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
दून हेरिटेज स्कूल में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने स्कूल ड्रेस से अलग हटकर अपनी संस्कृति के अनुसार रंग-बिरंगी ड्रेस पहनकर विद्यालय पहुंचे। सभी काफी आकर्षक लग रहे थे। मातृभाषा दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने व पुलवामा में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक शांति रैली भी निकाली गई।
फूड फेस्टिवल में स्टाल लगाए बच्चे।
रैली स्कूल परिसर से शुरू होकर देवीडांगा, बाबूभाषा व कोलाबाड़ी होते हुए स्कूल परिसर पहुंचकर संपन्न हुई। रैली में विद्यालय के निदेशक, प्रधानाचार्य व उप-प्रधानाचार्य समेत अन्य शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी शामिल थे।
रैली में शामिल बच्चे व शिक्षक-शिक्षिकाएं।
रैली के बाद विद्यार्थियों की ओर से फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों के दुर्लभ व विलुप्त हो रहे खाद्य पदार्थों का अच्छा सामंजस्य देखने को मिला।
मशाल जुलूस निकाला गया
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर गुरुवार को एयरव्यू के निकट से मशाल रैली निकाली गई। रैली बाघाजतीन पार्क पहुंचकर शहीद बेदी पर शहीदों को नमन करने के बाद समाप्त हुई। इस मौके पर प्रफुल्य विज्ञान कॉलेज और सिलीगुड़ी कॉलेज की महिलाओं ने सांस्कृतिक रैली निकाली। इसमें विभिन्न स्कूल, कॉलेज के छात्र, शिक्षक, बुद्धिजीवी, तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधि शामिल रहे। सभी ने भाषा और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया। बाघाजतीन पार्क में इस अवसर पर टीएमसी युवा जिलाध्यक्ष विकास रंजन सरकार ने कहाकि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रत्येक व्यक्ति के संस्कारों का संवाहक है। इसके माध्यम से सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता का प्रसार करता है। उन्होंने कहा कि भाषा का मनुष्य के जीवन की अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है। आज का दिन बांग्लाभाषियों के लिए महत्वपूर्ण दिवस है।
नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा, नांटू पाल, पांच नंबर टाउन युवा टीएमसी अध्यक्ष संतोष साहा ने बताया कि 1952 में पूर्वी पाकिस्तान के ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए आनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए आंदोलन किया था। पाकिस्तानी पुलिस की फायरिंग में कई लोगों की जान चली गई। भाषाई आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने पहली बार 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की। वर्तमान में दुनिया में चार हजार से अधिक भाषाओं के खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे पूर्वोत्तर का यह क्षेत्र विविध भाषाओं का क्षेत्र है। यहां सभी भाषाओं का सम्मान हो इसके लिए सभी को एकजुट होकर संकल्प लेने की आवश्यकता है। यही कारण है कि माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी, बागडोगरा, फांसीेदेवा, न्यू जलपाईगुड़ी, खोरीबाड़ी समेत अन्य क्षेत्रों में भाषा दिवस को सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाया।
बांग्ला भाषा के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभानेवाले प्रो. विमलेंदु दाम को सम्मानित करते मेयर।
इस अवसर पर नगर निगम की ओर से सिलीगुड़ी के कुछ वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मेयर ने मातृभाषा पर प्रकाश डाला। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग अपनी मातृभाषा को भूलते जा रहे हैं। खासकर उन्होंने बांग्ला भाषा का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में युवा वर्ग व बच्चे बांग्ला भाषा से विमुख हो रहे हैं। बांग्ला माध्यम के विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती चली जा रही है। उनका झुकाव आइसीएसई तथा सीबीएसई माध्यम के विद्यालयों में बढऩे लगा है। मेयर ने लोगों से अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूक होने की अपील की।
दून हेरिटेज स्कूल में मना अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
दून हेरिटेज स्कूल में गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने स्कूल ड्रेस से अलग हटकर अपनी संस्कृति के अनुसार रंग-बिरंगी ड्रेस पहनकर विद्यालय पहुंचे। सभी काफी आकर्षक लग रहे थे। मातृभाषा दिवस के प्रति लोगों को जागरूक करने व पुलवामा में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक शांति रैली भी निकाली गई।
फूड फेस्टिवल में स्टाल लगाए बच्चे।
रैली स्कूल परिसर से शुरू होकर देवीडांगा, बाबूभाषा व कोलाबाड़ी होते हुए स्कूल परिसर पहुंचकर संपन्न हुई। रैली में विद्यालय के निदेशक, प्रधानाचार्य व उप-प्रधानाचार्य समेत अन्य शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी शामिल थे।
रैली में शामिल बच्चे व शिक्षक-शिक्षिकाएं।
रैली के बाद विद्यार्थियों की ओर से फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों के दुर्लभ व विलुप्त हो रहे खाद्य पदार्थों का अच्छा सामंजस्य देखने को मिला।
मशाल जुलूस निकाला गया
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर गुरुवार को एयरव्यू के निकट से मशाल रैली निकाली गई। रैली बाघाजतीन पार्क पहुंचकर शहीद बेदी पर शहीदों को नमन करने के बाद समाप्त हुई। इस मौके पर प्रफुल्य विज्ञान कॉलेज और सिलीगुड़ी कॉलेज की महिलाओं ने सांस्कृतिक रैली निकाली। इसमें विभिन्न स्कूल, कॉलेज के छात्र, शिक्षक, बुद्धिजीवी, तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधि शामिल रहे। सभी ने भाषा और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया। बाघाजतीन पार्क में इस अवसर पर टीएमसी युवा जिलाध्यक्ष विकास रंजन सरकार ने कहाकि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रत्येक व्यक्ति के संस्कारों का संवाहक है। इसके माध्यम से सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता का प्रसार करता है। उन्होंने कहा कि भाषा का मनुष्य के जीवन की अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है। आज का दिन बांग्लाभाषियों के लिए महत्वपूर्ण दिवस है।
नगर निगम में विपक्ष के नेता रंजन सरकार उर्फ राणा, नांटू पाल, पांच नंबर टाउन युवा टीएमसी अध्यक्ष संतोष साहा ने बताया कि 1952 में पूर्वी पाकिस्तान के ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए आनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए आंदोलन किया था। पाकिस्तानी पुलिस की फायरिंग में कई लोगों की जान चली गई। भाषाई आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने पहली बार 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की। वर्तमान में दुनिया में चार हजार से अधिक भाषाओं के खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे पूर्वोत्तर का यह क्षेत्र विविध भाषाओं का क्षेत्र है। यहां सभी भाषाओं का सम्मान हो इसके लिए सभी को एकजुट होकर संकल्प लेने की आवश्यकता है। यही कारण है कि माटीगाड़ा, नक्सलबाड़ी, बागडोगरा, फांसीेदेवा, न्यू जलपाईगुड़ी, खोरीबाड़ी समेत अन्य क्षेत्रों में भाषा दिवस को सांस्कृतिक उत्सव की तरह मनाया।
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