एग्रीकल्चर मार्केटिंग टैक्स से व्यवसाय होगा प्रभावित
यह टैक्स लगने से जिस सामान की कीमत झारखंड, बिहार में 10 रुपये होगी, उसी सामान की कीमत वर्द्धमान में 12 रुपये लगेगी।
धेमोमेन, जेएनएन। पश्चिम वर्द्धमान जिला में एग्रीकल्चर मार्केिटिंग टैक्स के विरोध में फास्बेक्की की ओर से सोमवार की देर संध्या नियामतपुर अग्रसेन भवन में बैठक की गई। बैठक में नियामतपुर चैंबर ऑफ कामर्स, मर्चेंट चैंबर ऑफ कामर्स के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
बैठक के दौरान कहा गया कि आगामी 19 मई को 11 बजे से 2 बजे तक आसनसोल नगर निगम गेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें अधिक से अधिक संख्या में व्यवसायी पहुंचे। फास्बेक्की के महासचिव सुब्रत दत्ता ने कहाकि पूरे पश्चिम बंगाल में जब यह कानून नहीं है तो सिर्फ पश्चिम वर्द्धमान में इसे क्यों लागू किया जा रहा है। एग्रीकल्चर मार्केिटिंग टैक्स लागू करने से व्यवसायी और ग्राहकों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसलिए इस टैक्स को हटाने की मांग की जा रही है।
बराकर, नियामतपुर, आसनसोल, रानीगंज की गल्ला मंडी में आने से पहले ही यह टैक्स वसूल लिया जाता है। जिसका व्यापार पर असर पड़ रहा है। यह टैक्स लगने से जिस सामान की कीमत झारखंड, बिहार में 10 रुपये होगी, उसी सामान की कीमत वर्द्धमान में 12 रुपये लगेगी। उन्होंने कहाकि इससे पहले उड़ीसा में भी एग्रीकल्चर मार्के¨टग टैक्स लगाया गया था। जिसके विरोध में वहां के व्यवसायियों ने उड़ीसा हाईकोर्ट में केस कर दिया। जिसके बाद व्यवसायियों की जीत हुई।
यदि सरकार व्यवसायियों की बात नहीं मानेगी तो हमलोग भी हाईकोर्ट जाने के लिए बाध्य होंगे। मौके पर फास्बेक्की के कार्यकारी अध्यक्ष आरपी खेतान, सलाहकार प्रेम गोयल, राज कुमार गोयल, शिव कुमार अग्रवाल, मुरारी लाल अग्रवाल, जय प्रकाश डोकानिया, संदीप बलोडिया, रामनाथ यादव, महेंद्र संघाई, सचिन बलोडिया आदि थे।