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एमएसएमई के लिए होगा सिंगल विंडो, लघु उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: ममता

राज्य सरकार सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग (एमएसएमई) के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था करेगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:55 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 03:56 PM (IST)
एमएसएमई के लिए होगा सिंगल विंडो, लघु उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: ममता
एमएसएमई के लिए होगा सिंगल विंडो, लघु उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं: ममता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता।राज्य सरकार सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग (एमएसएमई) के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विश्व बांग्ला कांवेंशन सेंटर में 'एमएसएमई कांक्लेव 2018' के उद्घाटन समारोह में यह घोषणा करते हुए कहा कि लघु उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। लघु उद्योगों के उत्पादों का निर्यात बढ़ाना होगा। निर्यात बढ़ने से आय में वृद्धि होगी और लघु उद्योगों की स्थिति मजबूत होगी।

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारी उद्योगों की एक सीमा है। स्टील प्लांट व कोई बड़ा पावर प्लांट ज्यादा नहीं लगाया जा सकता लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में अधिक से अधिक लघु उद्योग शुरू किए जा सकते हैं। लघु उद्योगों के बढ़ने से राज्य की अर्थव्यस्था मजबूत होगी और रोजगार बढ़ने से बेरोजगारी की समस्या दूर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित युवाओं को भी लघु उद्योगों में रुचि बढ़ानी चाहिए।

लघु उद्योग शुरू करने के लिए राज्य सरकार की कई योजनाएं हैं। सरकारी आत्म निर्भर योजना का लाभ उठाकर शिक्षित युवा लघु उद्योग शुरू कर सकते हैं। युवतियों को भी लघु उद्योग में रुचि बढ़ानी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि युवतियां उद्योग व व्यवसाय से दूर रहती हैं लेकिन लघु उद्योग में हस्तशिल्प समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें युवतियां बेहतर कर सकती हैं। टेक्सटाइल क्षेत्र का दायरा बढ़ा है। पहले इस क्षेत्र में मोटा कपड़ा ही तैयार होता था लेकिन आज टेक्सटाइल क्षेत्र के उत्पाद में विविधता आई है। सेवा क्षेत्र का भी दायरा बढ़ा है। पर्यटन क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनएं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद लघु उद्योगों पर प्रभाव पड़ा है। उद्योगों की स्थिति मजबूत करने के लिए बैंक के मार्फत पूंजी का प्रभाव बढ़ाना होगा। लघु उद्योगों में पूंजी एक बड़ी समस्या है। वाणिज्यिक बैंक लघु उद्योगों को पूंजी प्रदान नहीं कर रहे हैं। बैंक से ऋण का परिमाण बढ़ाकर एसएमएसई के लिए पूंजी की व्यवस्था करनी होगी। राज्य सहकारिता बैंकों के जरिए वित्तीय सहयोग प्रदान करने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।

इस मौके पर वित्त व उद्योग मंत्री अमित मित्रा समेत संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। 


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