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ममता ने कहा 'पर्यटकों का स्वर्ग' बनेगा दार्जिलिंग समेत पूरा हिल्स

ममता ने कहा उनका सपना नया दार्जिलिंग बनाना है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कर्सियांग व मिरिक में विकास की जरूरत है। बहुत सी योजनाएं पहाड़ में चल रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 10:38 AM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:25 AM (IST)
ममता ने कहा 'पर्यटकों का स्वर्ग' बनेगा दार्जिलिंग समेत पूरा हिल्स
ममता ने कहा 'पर्यटकों का स्वर्ग' बनेगा दार्जिलिंग समेत पूरा हिल्स

दार्जिलिंग,जेएनएन। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दार्जिलिंग समेत पूरे हिल्स को पर्यटकों का स्वर्ग बनाने का सपना संजोया है। पर्यटन के साथ आइटीआइ, सिनकोना, कृषि क्षेत्र में समग्र विकास करना है। इसके लिए विधायक अमर कुमार राई के नेतृत्व में समिति का गठन किया गया है जो छह माह में रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट के आधार पर विकास का रोड मैप बनाकर काम किया जाएगा। इसमें जीटीए प्रमुख विनय तामांग की प्रमुख भूमिका रहेगी।

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मुख्यमंत्री मंगलवार को हिल्स दौरे पर दार्जिलिंग पहुंचने के बाद रिचमंड हॉल में जीटीए और राज्य के अफसरों के साथ विशेष बैठक करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहीं थीं।

ममता बनर्जी ने कहा कि देश-विदशों में दार्जिलिंग शहर काफी प्रसिद्ध है। ऐसे में शहर का पर्यटन क्षेत्र के रूप में अधिक से अधिक विकास हो, इसके लिए हर तरह से प्रयास कर रही हैं। वह हर हाल में दार्जिलिंग शहर को आगे ले जाना चाहती हैं।

इसके लिए विधायक अमर कुमार राई के नेतृत्व में विशेष कमेटी का गठन किया गया है। इसमें जीटीए चेयरमैन, अधिकारियों, नगरपालिका चेयरमैन, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक शामिल हैं। प्लानिंग के तहत यह कमेटी काम करेगी। यह कमेटी छह महीने में सरकार को विकास कार्य पर रिपोर्ट देगी। कमेटी में सलाहकार के रूप में विनय तामांग रहेंगे।

उन्होंने कहा कि उनका सपना नया दार्जिलिंग बनाना है। इसके लिए दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कर्सियांग व मिरिक क्षेत्र में विकास की जरूरत है। बहुत सी योजनाएं पहाड़ में चल रही है। कर्सियांग को शिक्षा हब बनाने का काम चल रहा है। केवल दार्जिलिंग शहर नहीं आसपास क्षेत्र में टूरिस्ट स्पॉट बनाया जाएगा। इससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

मंग्पो में ग्रीनफिल्ड विश्वविद्यालय स्थापना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी दिनों से पहाड़ के लोगों की मांग थी। इसके लिए केंद्र सरकार से भी मांग की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार राज्य सरकार ने लोगों की मांग को पूरा किया। इसको अब दार्जिलिंग हिल्स विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा।

बैठक में मंत्री अरूप विश्वास, जीटीए चेयरमैन विनय तामांग, उपाध्यक्ष अनित थापा, विधायक अमर राई, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 


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