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आप भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत : ममता

-बंगाल में किसी हाल में लागू नहीं होने देंगे काला कानून -भारत के लोगों को हर हाल मे

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 07:33 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 07:33 PM (IST)
आप भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत : ममता
आप भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत : ममता

-बंगाल में किसी हाल में लागू नहीं होने देंगे काला कानून

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-भारत के लोगों को हर हाल में उनका हक दिलाएंगे

- 22 को पहाड़ पहाड़ पर रैली और पदयात्रा की घोषणा

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजेंस व सिटिजेनशिप एमेंडमेंड एक्ट सीएए के खिलाफ शुक्रवार को सिलीगुड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा भारत एक बड़ा देश है जिसकी संस्कृति और विरासत काफी समृद्ध है। आप हमारे देश की पाकिस्तान से क्यों बार-बार तुलना करते हैं? ममता ने मोदी से सवाल किया कि आप भारत के प्रधानमंत्री हैं या पाकिस्तान के राजदूत। मुख्यमंत्री सीएए और एनआरसी के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की महारैली को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि आजादी से 70 साल बाद भी हमें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। हम हिंदुस्तान की बात करते हैं तो प्रधानमंत्री पाकिस्तान की बात करते है। आज भारत के लोग रोजी रोजगार की बात करते हं,ै उद्योग धंधे की बात करते हैं तो उन्हें पाकिस्तान जाने को कहा जा रहा है। स्वाधीन देश के नागरिकों को देश में रहने का पूरा अधिकार है। देश के लोगों के साथ प्रधानमंत्री देश की बात करें विदेश की नहीं। ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता कानून के नाम पर देश को बाटने की कोशिश की जा रही है। पहले कहा आधार बनाओ, राशन कार्ड बनाओ, वोटर लिस्ट बनाया, पेन कार्ड बनाओ। जब सब बनाया तो कहा जा रहा है इसे नहीं मानते,प्रमाण दिखाओ तुम्हारे बाप-दादा कहां के थे। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि 15 जनवरी तक वोटर कार्ड बनाया जा रहा है। सभी लोग वोटर कार्ड बनायें। जो देश में आजादी के बाद अब तक पीढ़ी दर पीढ़ी रहते हैं उनसे सबूत क्यों मागा जा रहा है, यह संविधान के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू का मतलब त्याग,मुस्लिम का मतलब ईमान, ईसाई का मतलब प्यार और सिख का मतलब बलिदान है। इसलिए तो कहते है सारे जहां से अच्छा हिदुस्तान हमारा...। बंगाल में रहने वालों को नागरिकता कानून या एनआरसी के नाम पर डराया जा रहा है। भाजपा मतुआ समाज को डरा रही है। उन्हें उन्हें डरने की कोई जरुरत नहीं। बंगाल में रहने वाले सभी भारतीय नागरिक है। उन्हें कोई निकाल नहीं सकता। हमारे जीते जी बंगाल में एनआरसी नहीं होगा। यहा ना तो एनपीआर होगा और ना सीएए। मुख्यमंत्री ने केंद्र के मंत्रियों पर हमला करते हुए कहा कि गृहमंत्री, प्रधानमंत्री और कानून मंत्री अलग-अलग बात करते हैं। नागरिकता कानून के नाम पर उत्तर प्रदेश, असम और कर्नाटक में लोगों को गोली मारी गई। मारे गये लोगों के परिवार वालों से किसी दूसरे दलों के प्रतिनिधि को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। संवेदनाहीन इन प्रदेशों में तृणमूल कांग्रेस की ओर से मृत परिवार को पांच-पांच लाख दिया है। भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा शासित प्रदेश में टीएमसी के प्रतिनिधियों को जाने नहीं दिया जाता। वहीं बंगाल में आकर भाजपा के नेता ना सिर्फ रैली करते हैं बल्कि हमें गाली भी देते है। भाजपा कुछ करे हम डरने वाले नहीं है। हम फिर 22 जनवरी को पहाड़ पर आएंगे। वहां काला कानून के खिलाफ रैली और पदयात्रा में शामिल होंगी। ममता ने कहा कि केंद्र की सरकार जब से सत्ता में आई है तब से लगातार धर्म के नाम पर समाज के अंदर विभाजन पैदा कर रही है । जनसभा को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री ने मैनाक टूरिस्ट लॉज से निकट रोड पर हजारों की संख्या में आए लोगों को नागरिकता कानून के खिलाफ शपथ दिलाई। सड़क के दोनों किनारे हजारों की संख्या में खड़े लोगों का हाथ हिलाकर वह अभिवादन करती रहीं। उसके बाद वह पदयात्रा पर निकल गई। 200 मीटर चलने के बाद ही हल्की बूंदाबादी शुरू हो गई। उसकी परवाह नहीं करते हुए हल्की बारिश के बीच ही मुख्यमंत्री तेज कदम से चलते हुए बाघाजतीन पार्क तक पहुंचीं।


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