Chhath Puja 2020: लोकआस्था का महापर्व छठ संपन्न, घाट पर उमड़ी लोगों की भीड़
सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सूर्योपासना का महापर्व छठ संपन्न हो गया है इस खास मौके पर संतोषी नगर के मां संतोषी घाट गंगा नगर घाट प्रकाश नगर घाट पार्वती घाट लुगाड़ा घाट व अन्य कई छठ घाट को खासतौर पूजा के लिए सुसज्जित किया गया था।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। देश भर के साथ-साथ सिलीगुड़ी शहर व आसपास में भी शनिवार तड़के सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ सूर्योपासना भरा लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। गत शुक्रवार के शाम की भांति शनिवार सुबह में भी शहर की हृदय स्थली एयर व्यू मोड़ के निकट महानंदा ब्रिज के नीचे महानंदा नदी किनारे लालमोहन मौलिक निरंजन घाट से लेकर संतोषी नगर के मां संतोषी घाट, गंगा नगर घाट, प्रकाश नगर घाट, पार्वती घाट, लुगाड़ा घाट व अन्य कई छठ घाट पर साज-सज्जा एवं छठमय वातावरण में श्रद्धालुओं की गहमागहमी की रौनक देखते ही बन रही थी।
छठ के उपलक्ष्य में छठ व्रतियों ने नदी में उतरकर शुक्रवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य और शनिवार तड़के उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया। इस दिन पारण के साथ ही छठ पर्व संपन्न हो गया। इस बार कोरोना महामारी के खतरों के बावजूद छठ के उपलक्ष्य में हर एक घाट पर लोगों की काफी भीड़ उमड़ी। वैसे गत वर्षों की भांति इस वर्ष भीड़ में कुछ कमी रही। वर्तमान कोरोना महामारी के मद्देनजर इस बार बहुत से लोगों ने अपने-अपने मुहल्लों में व अपने-अपने घर पर ही कृत्रिम घाट बना कर छोटे स्तर पर भी छठ पूजा की। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था हेतु जगह-जगह काफी संख्या में पुलिस भी तैनात रही। इसके साथ ही किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी को रोकने की दिशा में आम पोशाक में भी पुलिस मुस्तैद रही।
छठ पूजा के लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से शहर अंतर्गत महानंदा नदी, फूलेश्वरी नदी व अन्य नदियों के लगभग 145 घाटों पर साफ-सफाई एवं कचरा संग्रह की विशेष व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही विभिन्न छठ पूजा आयोजन समितियों की ओर से भी अपने-अपने घाट पर उद्घोषणा की विशेष व्यवस्था की गई थी। वहीं, लोगों के बीच मास्क एवं सैनिटाइजर वितरित करने की भी विशेष व्यवस्था की गई थी। इस दौरान जगह-जगह पूजा आयोजन समितियों की ओर से यह उद्घोषणा की जाती रही कि लोग हर हाल में मास्क लगाकर रखें और सैनिटाइजर का उपयोग करें व एक-दूसरे के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी का अनुपालन करें। इसके साथ ही किसी भी प्रकार का कोई कचरा नदी में न फेंकें कि नदी प्रदूषित हो। इस हेतु राष्ट्रीय हरित न्यायालय के जो भी दिशा-निर्देश हैं उसका अनुपालन करें। इस दिशा में लोगों का भी काफी सहयोग सहयोगी रवैया रहा। छठ पर्व सिलीगुड़ी व आसपास में शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।