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पर्यटन महोत्सव के मौके पर दौड़ती दिखेंगे लैंडरोवर

-घूम से चौरास्ता के बीच यात्रा का लुत्फ देंगे वाहन -आयोजकों ने किया निश्शुल्क ठहरने तथा

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 07:58 PM (IST)Updated: Thu, 14 Dec 2017 07:58 PM (IST)
पर्यटन महोत्सव के मौके पर दौड़ती दिखेंगे लैंडरोवर
पर्यटन महोत्सव के मौके पर दौड़ती दिखेंगे लैंडरोवर

-घूम से चौरास्ता के बीच यात्रा का लुत्फ देंगे वाहन

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-आयोजकों ने किया निश्शुल्क ठहरने तथा रियायत की व्यवस्था

संवादसूत्र,दार्जिलिंग : गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन बोर्ड आफ एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीस्ता रंगीत पर्यटन महोत्सव के आयोजकों ने क्षेत्र की धरोहर के रूप में प्रसिद्ध ट्रवाय ट्रेन तथा पहाड़ पर प्रख्यात लैंडरोवर वाहनों का काफिला घूम से शहर के चौरास्ता तक लाने की जानकारी प्राप्त हुई है। बताते चलें कि वर्ष 1954 में लंदन में बनी लैंडरोवर वाहन पर्वतीय क्षेत्र में विशेष ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। इस संबंध में सिंहलीला लैंडरोवर संगठन ने माने भंजयांग से सुकिया पोखरी होकर लाप्चे जगत क्षेत्र में चाय प्रदान कर उक्त वाहन घूम रेलवे स्टेशन से होकर 42 वाहनों के काफिले के साथ चौरास्ता पहुंचेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार माने भंजयांग के स्थानीय लोगों के सहयोग से आयेाजित होने वाले कार्यक्रम के अनुसार जीटीए के इस उत्सव के अवसर पर आगामी 27 दिसंबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयेाजन के बाद 28 दिसंबर को वाहनों का काफिला सुबह नौ बजे से पर्यटकों का मनोरंजन करेगा। संगठन के सचिव चंदन प्रधान ने बताया कि 27 दिसंबर को माने भंजयांग में रात्रि विश्राम करने वाले सैलानियों के लिए क्षेत्र में निश्शुल्क ठहरने की व्यवस्था की जाएगी। प्रधान के अनुसार पर्यटकों को मात्र होटल में खाने का शुल्क देना होगा। इसी के साथ संदकपुर तथा फालूट जाने वाले पर्यटकों को वाहन के किराए में भी छूट दी जाएगी। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में लैंडरोवर वाहनों को 70 वर्ष पूरे हो जाएंगे। हाल फिलहाल यह वाहन माने भंजयांग के संदकपुर से होकर फालूट के रास्ते में पाई जाती है। हालांकि वाहनों की बढ़ती प्रतिस्पर्धा में लैंडरोवर वाहन आधुनिकीकरण के दौर में कहीं पीछे छूट गए थे। वाहनों को चलाने के लिए विशेष प्रशिक्षित वाहन चालकों की भी आवश्यकता होती है। वर्तमान में इन क्षेत्रों में यदि वाहन किराए की बात की जाए तो संदकपुर क्षेत्र से रात्रि का किराया 4800 तथा फालटू क्षेत्र में विश्राम करने पर किराए में वृद्धि होकर यह 7800 तक पहुंच जाता है। गौरतलब हो कि संदकपुर की दूरी जहां 48 किलोमीटर है तो वहीं फालटू क्षेत्र की दूरी 51 किलोमीटर है। इन जगहों का मार्ग भी इतना दुर्गम है कि मार्ग पर मात्र लैंडरोवर वाहन ही आवागमन करने में सक्षम है। आयोजकों का प्रयास होगा कि इस दफे पर्यटकों को शहर की धरोहर से परिचित करवाएं। आयोजकों का यहां तक कहना है कि मानेभंजयाग क्षेत्र से दार्जिलिंग का सफर निश्शुल्क करवाया जा सके। इन सबके साथ ही लाप्चे जगत की खूबसूरती के दर्शन पर्यटकों को करवाकर सुबह का नाश्ता भी निश्शुल्क करवाने की व्यवस्था की जाएगी।


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