मार्केट बसाकर करोड़ों की उगाही के खेल मे आया नया मोड़
-अब तक नहीं हुआ है डीड ऑफ लीज का रजिस्ट्रेशन -तमाम दस्तावेज लेकर कोलकाता गए थे बीएलएलआ
-अब तक नहीं हुआ है डीड ऑफ लीज का रजिस्ट्रेशन
-तमाम दस्तावेज लेकर कोलकाता गए थे बीएलएलआरओ
-अभी भी है विभाग से हरी झंडी मिलने का इंतजार
200 करोड़ की उगाही का खेल-22 7.92
एकड़ सरकारी जमीन लीज पर देने की है तैयारी
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-मेची मार्केट व्यवसाई वेलफेयर एसोसिएशन की भूमिका संदिग्ध
-भारत-नेपाल सीमा पानीटंकी में है यह सरकारी जमीन
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : भारत-नेपाल सीमात पानीटंकी में मार्केट बसाकर करोड़ो की उगाही के खेल ने नया मोड़ लिया है। जिस 7.92 एकड़ सरकारी भेस्ट जमीन की लीज प्रक्रिया 45 दिनों मे पूरी कराने का निर्देश राज्य के डिप्टी सेक्रेटरी ने दाíजलिंग जिला शासक को दिया था, उस डीड ऑफ लीज के रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को फिर से कोलकाता की हरी झडी का इंतजार है। डीड ऑफ लीज का रजिस्ट्रेशन को लेकर तमाम दस्तावेजों के साथ खोरीबाड़ी ब्लॉक के भूमि व भूमि सुधार अधिकारी (बीएलएलआरओ) शुभ्रजीत मजूमदार कोलकाता गए थे। हांलाकि वह लौट भी आए हैं,लेकिन अभी भी विभाग से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। जबकि विवादित जमीन पर निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इससे भारत-नेपाल सीमात इलाके में सरकारी भेस्ट जमीन पर मार्केट बसाकर करोड़ो की उगाही के खेल में मिलीभगत साफ है। मिलीभगत का तार अब तो कोलकाता तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी ओर दुकान की जमीन के लिए लाखों देने के बाद भी कई लोगों को दुकान की जमीन अब तक नहीं मिली है।
खोरीबाड़ी प्रखंड के अंतर्गत सीमात पानीटंकी मे 7.92 एकड़ सरकारी भेस्ट जमीन एक फर्जी संस्था मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन को लीज पर देने का प्रस्ताव वर्ष 2018 मे बीएलएलआरओ खोरीबाड़ी ने दिया। जिस पर राज्य मंत्रिमंडल की मुहर लगने के बाद राज्य के डिप्टी सचिव ने बीते 12 मार्च को उक्त 7.92 एकड़ सरकारी भेस्ट जमीन फर्जी संस्था को तीस वर्षो के लिए लीज पर देने का निर्देश दाíजलिंग जिला शासक को दिया। निर्देशिका मे डिप्टी सेक्रेटरी ने राजस्व जमा कराने से लेकर डीड ऑफ लीज के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 45 दिनों में सम्पन्न कराने को कहा। लेकिन 45 दिनों की मियाद समाप्त होने के 35 दिन बाद फर्जी संस्था ने सरकारी खाते मे राजस्व की पहली किस्त जमा कराई। इसके बाद दैनिक जागरण ने उगाही के इस खेल का परत दर परत खुलासा किया है। जिसमें मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन के एक फर्जी संस्था होने की बात सामने आई है। इनके वित्तीय और आपराधिक षडयंत्र को भी उजागर किया गया है। खुलासे के बाद अभी तक डीड ऑफ लीज का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। लेकिन सरकारी भेस्ट जमीन पर दुकानें बनाई जा रही है क्या कहते हैं बीएलएलआरओ
डीड ऑफ लीज के रजिस्ट्रेशन बिना ही सरकारी भेस्ट जमीन पर इमारत खड़ी करने के संबंध मे खोरीबाड़ी ब्लॉक के भूमि व भूमि सुधार अधिकारी (बीएलएलआरओ) शुभ्रजीत मजूमदार ने बताया कि जमीन का कानूनन अधिकार मेची मार्केट व्यवसायी वेलफेयर एसोसिएशन को दे दिया गया है। डीड ऑफ लीज को फिर से ड्राफ्ट करा कर कोलकाता भेजना होगा। कोलकाता से हरी झडी मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। लेकिन उसके लिए निर्माण कार्य को रोका नहीं जा सकता है।
कौन देगा इन सवालों का जवाब
अब सवाल यह है कि एक फर्जी संस्था को सरकारी भेस्ट जमीन पर निर्माण कार्य का कैसा कानूनन अधिकार दिया गया। वहीं कानूनी जानकारों कि मानें तो डीड ऑफ लीज का रजिस्ट्रेशन कराये बगैर सरकारी भेस्ट जमीन पर निर्माण कार्य नहीं हो सकता है।
24 को कोलकाता गए थे बीएलएलआरओ
उगाही के इस खेल को लेकर बीते 24 जुलाई की सुबह दैनिक जागरण ने भूमि व भूमि सुधार मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी से बात की थी। उसी दिन बीएलएलआरओ खोरीबाड़ी आनन-फानन मे कोलकाता रवाना हुए और बीते 31 जुलाई को वापस लौटे। उनके वापस लौटने के बाद फर्जी संस्था के सदस्य राम कुमार छेत्री को कई बार बीएलएलआरओ कार्यालय मे देखा गया।