चाय श्रमिकों को 105 दिन के बकाए वेतन को दिलाने का काम करें यूनियनें : दया
कैचवर्ड कुप्रबंधन -यूनियनें श्रमिकों को न्याय दिलाने में विफल साबित हो रही -गोरखालैं
कैचवर्ड : कुप्रबंधन
-यूनियनें श्रमिकों को न्याय दिलाने में विफल साबित हो रही
-गोरखालैंड आंदोलन के दौरान चाय बागान मालिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ था
जागरण संवाददाता, कर्सियाग :
गोजमुमो कर्सियाग महकमा कमेटी के प्रचार-प्रसार सचिव दया देवान ने बताया है कि अलग राज्य गोरखालैंड की माग में वर्ष-2017 में दार्जिलिंग क्षेत्र में हुई 105 दिवसीय अनिश्चितकालिन बंद को ध्यान में रखकर चाय बागानों के मालिकों ने बागानों में कार्यरत श्रमिकों का बोनस वर्ष - 2018 में 15 प्रतिशत तय किया था। जिसे यूनियनों ने मान लिया। वर्ष-2018 में दार्जिलिंग क्षेत्र में किसी प्रकार की अशाति नहीं हुई। संपूर्ण पहाड़ी क्षेत्र गोजमुमो केंद्रीय कमेटी अध्यक्ष विनय तामंग व महासचिव अनित थापा के नेतृत्व में शात रहा। इस दौरान चायपत्ति के उत्पादन में वृद्धि हुई। इसलिए बागान मालिकों को नुकसान होने का प्रश्न ही नहीं उठता। आदोलन के नाम पर अभी तक 105 दिन का वेतन या दैनिक पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण चाय बागान में कार्यरत श्रमिकों व मजदूरों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। सभी सरकारी कर्मचारियों को 105 दिन का वेतन वर्ष - 2018 में ही मिल गया। परंतु चाय बागान के श्रमिकों को आजतक 105 दिन के बकाए वेतन या दैनिक पारिश्रमिक नहीं दिए गए। इसके लिए श्रमिकवर्ग मासिक रूप में यूनियन को चंदा भी देते हैं। परंतु श्रमिकों द्वारा भोगे जा रहे समस्याओं का समाधान कराने में यूनियन असफल रहे हैं। इसे हमें स्वीकार करना होगा। इस वर्ष श्रमिकों ने प्रण किया है कि 20 प्रतिशत बोनस नहीं मिलने से वे लोग दशहरा व दीपावली नहीं मनाएंगे। इसी बीच यदि श्रमिकों को यूनियन की ओर से आदोलन की अवधि का 105 दिन के बकाए वेतन या दैनिक पारिश्रमिक दिलाने के पक्ष में कार्य किया जाता तो,यूनियन के प्रति श्रमिकों की आस्था में वृद्धि होती। इसलिए यूनियन को यह कार्य करके दिखाने का आग्रह उन्होंने किया है।