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कोरोना काल में दु:ख सुख भी हो गया ऑन लाइन

जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी पूरी तरह ऑनलाइन ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Apr 2021 04:50 PM (IST)Updated: Wed, 28 Apr 2021 04:50 PM (IST)
कोरोना काल में दु:ख सुख भी हो गया ऑन लाइन

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है। यह कहना है मिलनमोड़ निवासी संजय कुमार का। उन्होंने बताया कि सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गये। ऐसे में आसपास या रिश्तेदारों के पास जाकर हालचाल जानने के बदले लोग हर कार्य के लिए इंटरनेट पर निर्भर है। दुख सुख को भी लोग ऑन लाइन ही साझा कर रहे है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में लोग अब शादी विवाह का निमंत्रण ही ऑन लाइन देने लगे है। किसी के देहांत होने के बाद वहां लोग उनके घरों में भी नहीं जा रहे है। कारण भीड़ कही कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन ना हो जाए। लोग ऐसे घड़ी में भी मोबाइल से शोक जताने में लगे है। कोरोना का मामला बढ़ने से कई लोगों ने घरों से ही ऑनलाइन काम शुरू कर दिया है। यदि किसी परिचित या फिर रिश्तेदारों के घर खुशी का मौका है तो व्हॉट्सएप, स्काइप, गूगल जैसे अन्य सोशल प्लेटफार्म के जरिये वीडियो कॉल कर बधाई दी जा रही है। वहीं, एक-दूसरे के दुख में भी ऑनलाइन ही शामिल होकर फर्ज निभाया जा रहा है। यही नहीं, कई लोग तो पूजा से लेकर क्रिया कर्म भी ऑनलाइन ही संपन्न करा रहे हैं। सरकार के निर्देश पर इन दिनों सरकारी दफ्तरों व बैंकों में भी कर्मचारी पचास प्रतिशत ही आ रहे है। संक्रमण के डर से अधिकारी, कर्मचारी और फरियादी कार्यालय आने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में लोग ऑनलाइन बिल जमा कर व्हॉट्सएप पर शिकायतें दर्ज करा रहे हैं।

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पैसा लेने से भी डर रहे है लोग

मिलनपल्ली निवासी दिलीप चौधरी का कहना है कि लोगों में कोरोना को लेकर तरह-तरह की भ्रातिया हैं। एक भ्राति यह भी है कि कोरोना वायरस कागज के नोटों और सिक्कों से भी फैलता है। ऐसे में लोग सामान लेकर डिजिटल लेनदेन कर रहे हैं, ताकि एक-दूसरे से कम से कम संपर्क में आएं। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओ के माध्यम से जरूरतमंदों के बीच सामग्री देने के साथ कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा हैं।

अपनों से रहे लगातार संपर्क में

कोरोना महामारी को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि इस कठिन समय मे अपनों के बीच एक-दूसरे से बात करें, कठिन समय में उन्हें हौसला प्रदान करें और जोक्स का आदान-प्रदान करें। हंसने या मुस्कराने का कोई मौका न गंवाएं। हो सकता है, किसी रिश्तेदार को आपने बहुत दिनों से फोन न किया हो, ऐसे में उनका हालचाल जरूर लें। हम सबकी जिंदगी में अपने परिवार के अलावा कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं। मकान मालिक, शिक्षक या फिर कोई ऐसा व्यक्ति जिसने कभी हमारी मदद की हो। उन्हें भी फोन करें और पुरानी यादें साझा करें। अकेले रहने वाले अपने दोस्तों, माता-पिता या रिश्तेदारों को दिन में एक बार जरूर फोन करें। उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है, वे किसी समस्या से तो नहीं जूझ रहे, यह जानना जरूरी है। खासतौर पर बुजुर्ग माता-पिता अगर साथ नहीं रहते तो दिन में उन्हें एक-दो बार फोन जरूर करें। अगर उन्हें दवा या किसी चीज की जरूरत है तो आसपास रहने वाले किसी दोस्त या रिश्तेदार को इस बारे में अवगत कराएं।


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