खालपाड़ा-नयाबाजार में बंदी को लेकर विवाद शुरू
-एसएमए के कई सदस्यों ने निर्णय पर उठाया सवाल - पदाधिकारियों पर मनमानी करने का लगाया आरोप
-एसएमए के कई सदस्यों ने निर्णय पर उठाया सवाल
- पदाधिकारियों पर मनमानी करने का लगाया आरोप
- अध्यक्ष और महासचिव ने भी बोला जवाबी हमला
-कहा, प्रशासन के निर्देशों पर होता है काम
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी:
खालपाड़ा-नया बाजार खाद्यान्न मंडी में बंदी को लेकर सिलीगुड़ी मर्चेट एसोसिएशन में विवाद खड़ा हो गया है। बंदी के तौर तरीके को लेकर संगठन के सदस्य और पूर्व पदाधिकारियों ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। हालाकि सिलीगुड़ी मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष करण सिंह जैन और महासचिव गौरी शकर गोयल ने स्पष्ट किया है कि आरोप लगाने वाले एसोसिएशन के सदस्य व्यापारियों के हितैषी नहीं हैं। ये वे सदस्य हैं जो चुनाव में पराजित होकर एसोसिएशन को बदनाम करने की कोशिश में लगे है।
एसोसिएशन की कार्यकारिणी पूरी तरह एकजुट है। जो भी निर्णय लिया जाता है और सर्वसम्मति से ही लेकर अनुपालन कराया जाता है। मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव का कहना है कि एसोसिएशन के विरोधी दल के लोगों को सकारात्मक भूमिका में हमेशा होना चाहिए ना की नकारात्मक भूमिका में। ऐसा करके वे सदस्य व्यापारियों के बीच आपसी विवाद उत्पन्न कराना चाहते हैं, जो ठीक नहीं है। दोनों ने आगे कहा कि एसोसिएशन कभी भी कोई कदम उठाती है तो उसके पीछे व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखती है। उदाहरण के लिए पिछले दिनों एनजेपी में चल रहे ट्रेड यूनियन की मनमानी का विरोध कर समस्या का समाधान कराया गया। आयकर विभाग की मनमानी पर अंकुश लगाने का काम हुआ। वहीं दूसरी ओर एसोसिएशन के सदस्य व पूर्व पदाधिकारी रहे नरेश टेबरीवाल ने एसोसिएशन को एक पत्र दिया है। इसमें बाजार की बंदी को लेकर उठाए गए तरीके पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को सिलीगुड़ी मर्चेंट्स एसोसिएशन के द्वारा व्यापारियों को मोबाइल के जरिए मैसेज दिया गया। इसमें सिलीगुड़ी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 6 और 7 जुलाई को अपनी दुकान बंद रखेंगे और और उसके बाद 8 जुलाई से एक दिन के बाद दूसरे दिन दुकानें खोलेंगे। आठ जुलाई को अचानक से फिर मैसेज आता है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 9 जुलाई से 12 जुलाई तक नया बाजार बंद रखेगा। आश्चर्य की बात है कि इस फैसले का अनुमोदन स्थानीय प्रशासन से नहीं लिया गया। संगठन के चंद लोगों ने फैसला कर लिया। 8 जुलाई को स्थानीय प्रशासन ने सिलीगुड़ी नगर निगम के 9 वार्डो में लॉकडाउन लगा दिया। उसमें वार्ड नंबर 7, 8 और 9 का कोई जिक्र नहीं था। हालाकि बाद में इसको लेकर जिलाधिकारी का आदेश आ गया। एसोसिएशन के एक पूर्व पदाधिकारी और सदस्य संजय सिंघल का कहना है कि सिलीगुड़ी मर्चेंट्स एसोसिएशन अनेक संगठनों का एक महासंगठन है। जिसके अनेक सदस्य हैं। सिलीगुड़ी मर्चेंट्स एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के चुनाव में इन सभी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जबकि मर्चेंट्स एसोसिएशन के वर्तमान पदाधिकारी किसी को विश्वास में लिए बगैर एकतरफा फैसला करते हैं। एसोसिएशन की परंपरा रही है कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी फैसला लेने में कार्यकारिणी के साथ एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और महासचिव से सलाह मशविरा किया जाता रहा है। इस परंपरा का पालन वर्तमान में नहीं हो पा रहा है। सिंघल ने एसोसिएशन द्वारा कोरोना काल में किए गए कार्यो की प्रशसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार की कार्य पद्धति से इस बाजार में कोरोना महामारी को रोका गया वह इसके लिए एसोसिएशन पदाधिकारियों को सलाम करते हैं। हमारी सिर्फ यही माग है कि एसोसिएशन काफी पुराना है और इसकी अलग गरिमा है। काई गलत निर्णय ना हो इस पर ध्यान रखा जाना चाहिए। एसोसिएशन जो भी निर्णय ले उसमें व्यापारियों की सहमति होनी चाहिए। यही सबके हित में होगा।