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होली से पहले वन विभाग सतर्क

-जंगल में आग लगाने वालों की खैर नहीं -शिकारियों पर भी रखी जा रही है कड़ी नजर -फायर

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 08:04 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 08:04 PM (IST)
होली से पहले वन विभाग सतर्क
होली से पहले वन विभाग सतर्क

-जंगल में आग लगाने वालों की खैर नहीं

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-शिकारियों पर भी रखी जा रही है कड़ी नजर

-फायर वाचरों को लेकर कुल पांच टीमें गठित

जागरण संवाददाता,बागडोगरा: होली से पहले वन विभाग ने जंगलों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। जंगलों में आग लगने की घटना रोकने के साथ ही जानवरों की शिकार से बचाने के लिए यह कवायद शुरू की गई है। जानवरों को मारने के लिए यदि कोई आग लगाते पकड़ा गया तो उसकी खैर नहीं होगी। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए दो फायर वाचिंग टीम तथा ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी जेएफएमसी को मिलाकर कुल पांच टीमों का गठन किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बागडोगरा जंगल क्षेत्र के चारों ओर कई चाय बागान के साथ ही घनी आबादी वाली बस्तियां भी हैं। इन बस्तियों मे रहने वाले एक खास संप्रदाय के लोग होली से पहले जंगलों में जानवरों का शिकार करते हैं। आमतौर पर जंगल में आग लगाकर जंगली जानवरों का शिकार किया जाता है। इसी को रोकने के लिए वन विभाग ने बड़े पैमाने पर निगरानी अभियान शुरू किया है। कर्सियांग वन विभाग के डीएफओ जे शेख फरीद ने कहा कि जंगल में किसी भी तरह की आग लगने की घटना रोकने के लिए बड़ी सावधानी बरती जा रही है। हाल ही में जल्दापाड़ा जंगल में आग लगने की घटना हुई थी। इसके अलावा एक विशेष संप्रदाय द्वारा होली के अवसर पर शिकार उत्सव का आयोजन किया जाता है। इससे पहले कर्सियांग वन विभाग के अधीन बागडोगरा वनाचल क्षेत्र में जंगल में आग लगाकर वन्य प्राणियों की हत्या की कई घटनाएं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि जंगल में गोलाकार में आग लगा दी जाती है। चारों ओर से आग से घिर जके के कारण जंगली जानवर एक स्थाना पर जमा हो जाते हैं। उसके बाद शिकारी जंगली जानवरों को मार गिराते हैं।

एक विशेष संप्रदाय के लोग होली उत्सव के नाम पर मारे गए जानवरों का मास खाते हैं। होली से पहले इस तरह की घटना होती है। अतीत से शिक्षा लेकर इस बार जंगलों की कड़ी निगरानी की जा रही है। जंगल में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जेएमएफसी के सदस्यों को लेकर कुल 5 टीमें गठित की गई है। फायर वाचर टीम को जंगल की पहरेदारी की जिम्मेदारी दी गई है। यदि आग लगने की घटना होती है तो तत्काल उस पर काबू करने की व्यवस्था भी की जा रही है। जंगल में सूखे पत्तों को हटाने का काम किया जाएगा। ऐसे जंगल में अचानक आग नहीं लग सकती है। जब कोई आग लगाएगा तभी आग लगने की संभावना रहती है और तब सूखे पत्ते के कारण स्थिति काफी भयावह हो जाएगी।


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