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गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ऊर्जा का इंतजाम करेगा आइआइटी खड़गपुर

गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ऊर्जा का इंतजाम करेगा आइआइटी खड़गपुर परियोजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 44000 माइक्रो सोलर डोम बांटने की योजनावित्तपोषित है परियोजना

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 01:47 PM (IST)
गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ऊर्जा का इंतजाम करेगा आइआइटी खड़गपुर
गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ऊर्जा का इंतजाम करेगा आइआइटी खड़गपुर

कोलकाता, जागरण संवाददाता। आइआइटी खड़गपुर की ओर से 10 राज्यों के गरीब परिवारों को नाममात्र की कीमत पर स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की परियोजना पर काम शुरू किया गया है। परियोजना के तहत संस्थान की ओर से इन 10 राज्यों में लगभग 44000 माइक्रो सोलर डोम उपलब्ध कराए जाएंगे।

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गुरुवार को आइआइटी खड़गपुर की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार अक्सर गरीब परिवारों तक बिजली की पहुंच नहीं होती है। कहीं-कहीं प्राकृतिक आपदाएं अक्सर बिजली आपूर्ति को बाधित करती हैं। एनबी इंस्टीट्यूट आफ रूरल टेक्नोलॉजी (एनबीआईआरटी )के संयुक्त तत्वावधान में चल रही यह परियोजना इन समस्याओं का सटीक समाधान हैं।

परियोजना के तहत पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश , केरल, असम, ओडिशा, त्रिपुरा, मणिपुर, राजस्थान व बिहार के ग्रामीण इलाकों के गरीब परिवारों में लगभग 44000 माइक्रो सोलर डोम बांटे जाएंगे। नवंबर 2019 से फरवरी 2020 तक परियोजना के पहले दौर में 20,000 डोम लगाए जाएंगे।

आइआइटी खड़गपुर में परियोजना के संयुक्त परियोजना निरीक्षक प्रोफेसर प्रियदर्शी पट्टनायक ने बताया कि केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित इस परियोजना के माध्यम से हम ग्रामीण क्षेत्र में भी सौर ऊर्जा की स्वीकार्यता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार त्रिपुरा के ग्रामीण इलाकों के साथ ओडिशा के फानी तूफान प्रभावित इलाके में डोम लगाए गए हैं।

क्या है माइक्रो सोलर डोम

आइआइटी खड़गपुर की ओर से 10 राज्यों के गरीब परिवारों को नाममात्र की कीमत पर स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की परियोजना पर काम शुरू किया गया है। परियोजना के तहत संस्थान की ओर से इन 10 राज्यों में लगभग 44000 माइक्रो सोलर डोम उपलब्ध कराए जाएंगे। 

यह डोम फोटोवोल्टाइक सौर ऊर्जा से रात में भी रोशनी देता है। केंद्रीय विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय के तहत एनबीआईआरटी द्वारा इसको विकसित किया गया है। इसका पारदर्शी अ‌र्द्धगोलाकार उपरी हिस्सा सूर्य के प्रकाश को ग्रहण कर उसे अंधेरे कमरे में केंद्रित करता है। इसमें एक लोअर डोम भी होता है, जिसमें शटर लगा होता है। जिसे रोशनी की जरूरत न होने पर बंद किया जा सकता है। यह रोजाना 16 घंटे रोशनी दे सकता है। 


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