Move to Jagran APP

बवासीर के हैं मरीज तो करें सूरन का इस्तेमाल, आ गया है इसका मौसम

यदि आप किसी भी तरह की बवासीर के मरीज हैं तो सूरन या ओल (जिमीकंद) का प्रयोग जरूर करें। आइए जानें इसके फायदे और कैसे बनाएंगे इसकी सब्जी, चोखा व अचार।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 02:02 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 10:18 PM (IST)
बवासीर के हैं मरीज तो करें सूरन का इस्तेमाल, आ गया है इसका मौसम

सिलीगुड़ी [जागरण स्पेशल ]। बवासीर से परेशान हैं तो सूरन या ओल (जिमीकंद) का प्रयोग काफी फायदे वाला होता है। यह इस रोग में रामबाण की तरह काम करता है। इसका सीजन भी आ गया है। बवासीर के अलावा इस मौसम में होने वाली तमाम बीमारियों से भी यह बचाता है।

loksabha election banner

यह पचने में हलका, कफ एवं वात शामक, रुचिवर्धक, शूलहर, मासिक धर्म बढ़ानेवाला व बलवर्धक है। सफेद सूरन अरुचि, मंदाग्नि, कब्ज, पेटदर्द, वायुगोला, आमवात तथा यकृत व प्लीहा के मरीजों के लिए एवं कृमि, खांसी व श्वांस की तकलीफ वालों के लिए उपयोगी है। सूरन पोषक रसों के अवशोषण में मदद करके शरीर में शक्ति उत्पन्न करता है। बेचैनी, अपच, गैस, खट्टी डकारें, हाथ-पैरों में दर्द आदि में तथा शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायी है। सूरन की लाल व सफेद इन दो प्रजातियों में से सफेद प्रजाति का उपयोग सब्जी के रूप में विशेष तौर पर किया जाता है।

बवासीर में रामबाण औषधि
– सूरन के टुकड़ों को पहले उबाल लें और फिर सुखाकर उनका चूर्ण बना लें।यह चूर्ण 320 ग्राम, चित्रक 160 ग्राम, सोंठ 40 ग्राम, काली मिर्च 20 ग्राम एवं गुड एक किलाे। इन सबको मिलाकर देशी बेर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इसे ‘सूरन वटक’ कहते हैं। प्रतिदिन सुबह-शाम तीन- गोलियां खाने से बवासीर में खूब लाभ होता हैं |
– सूरन के टुकड़ों को भाप में पका लें और तिल के तेल में सब्जी बनाकर खाएं एवं ऊपर से छाछ पिएं। इससे सभी प्रकार की बवासीर में लाभ होता है। यह प्रयोग तीस दिन तक करें। खूनी बवासीर में सूरन की सब्जी के साथ इमली की पत्तियां एवं चावल खाने से लाभ होता हैं।

सावधानीः त्वचा-विकार, ह्रदयरोग, रक्तस्राव एवं कुष्ठ रोगियों को सूरन का सेवन नही करना चाहिए। अत्यंत कमजोर व्यक्ति के लिए उबाला हुआ सूरन पथ्य होने पर भी इसका ज्यादा मात्रा से निरंतर सेवन हानि करता हैू। सूरन के उपयोग से यदि मुंह आना, कंठदाह या खुजली जैसा हो तो नींबू अथवा इमली का सेवन करें।

क्वार (अश्विन) में बढ़ गई मांग
इस माह में पित्त संबंधी ज्यादा रोग होते हैं। सूरन इसमें काफी लाभकारी होता है। यदि सूरन का प्रयोग इस मौसम में किया जाए तो पित्त संबंधी बीमारियां होंगी ही नहीं। शायद इसीलिए कहा गया है कि हेमंते जे न सेवंते सूरनः, ते नराः मंदभागिनः।

दीपावली के दिन खाना किया गया है अनिवार्य
दीपावली आते ही सूरन (जिमीकंद) की मांग बढ़ जाती है। त्योहार के मौके पर विभिन्न व्यंजनों के साथ ही परंपरागत सूरन की सब्जी व अन्य पकवान दीपावली पर कमोबेश हर घर में बनाए जाते हैं। पीले व श्वेत रंग के व्यंजनों का खास महत्व इसलिए माना गया है कि लक्ष्मी गणेश के पूजन के बाद गणेश जी को प्रिय पीले रंग व लक्ष्मी जी को श्वेत रंग का भोग लगाया जाता है। मौसम के लिहाज से स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के कारण ही इसे परंपरा से जोड़ दिया गया है।

सूरन की सब्जी
दीपावली पर बनने वाले जरूरी व्यंजन में शामिल सूरन (जिमीकंद) की सब्जी सूखी व रसेदार दोनों तरह की बनाई जाती है। सब्जी बनाने से पहले सूरन का कसैलापन दूर करने के लिए इमली की पत्ती, नीबू के रस अथवा खटाई के साथ उबाला जाता है। तत्पश्चात छिलका उतारकर टुकड़े काटकर सूखी या रसेदार सब्जी बनायी जाती है। कुछ लोग इसका चोखा भी बनाते हैं।

सूरन का चोखा
इसे पहले अच्छी तरह से उबाल लें। उबालते समय पानी में थोड़ी सी फिटकिरी जरूर डालें। ठीक से उबल जाने के बाद इसका चोखा तैयार करें। इसमें थोड़ी सी खटाई जरूर डालें, नहीं तो गला काटता है।

अचार
सूरन का अचार भी बहुत स्वादिष्ट होता है। इसे बनाने के लिए भी कोई अलग से विधि नहीं है। इसके टुकड़ों को सुखाकर सिरका में भी डाला जा सकता है। इसके अलावा मटर, मूली या मिर्च आदि के जिस तरह से मौसमी अचार बनाए जाते हैं, उसी तरह से इसे भी कद्दू कस पर रेतकर मसाले मिलाकर अचार बनाया जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि सूरन का प्रयोग कई रूपों में किया जा सकता है। फायदा जरूर करेगा। संभव हो तो भोजन के साथ थोड़ी मात्रा में इसका सेवन प्रतिदिन करें, नहीं तो क्वार और कार्तिक भर इसका सेवन जरूर करें। इससे बवासीर में तो फायदा होगा ही, अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.