पांव में बिवाईयों के फटने का मौसम आ गया, ऐसे करें बचाव व घरेलू उपचार
बिवाइयों का दर्द वही जानता है, जिसकी एड़ियां फटी हों। बिवाइयों के फटने का मौसम भी आ रहा है। यह दर्दनाक तो होता ही है, पैर की सुंदरता भी खत्म हो जाती है। आइए जाने इसका बचाव व उपचार।
By Rajesh PatelEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 12:35 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 01:49 PM (IST)
सिलीगुड़ी [जागरण स्पेशल]। जाके पांव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई। जी हां, बिवाइयों के फटने का मौसम आ गया है। दर्दनाक तो होता ही है, पैर की खूबसूरती भी चली जाती है। लेकिन जरा सी सावधानी हमें इस परेशानी से निजात दिला सकती है। इसके लिए किसी डॉक्टर के पास भी जाने की जरूरत नहीं है। घरेलू उपचार से ही इसे ठीक कर सकते हैं या सावधानी बरत कर एड़ियों को फटने से ही रोक सकते हैं।
आम समस्या है यह
बिवाई या एड़ी फटना (Cracked Heal) एक आम समस्या है। पैरों के तलवों की त्वचा विशेष कर एड़ी की त्वचा सूख कर तड़क जाती है और वहां दरारें बन जाती हैं । इनमे दर्द होने लगता है तथा कभी-कभी खून भी रिसने लगता है। बता दें कि पैर के तलवों की त्वचा में केवल पसीने वाली ग्रंथियां होती है।तेल की ग्रंथियां नहीं होती हैं। किसी कारण से पैरों की पसीने वाली ग्रंथियां सुचारू रूप से काम नहीं करती तो नमी कम हो जाने पर एड़ी की त्वचा सूखी होकर चटकने लगती है। एड़ी फटना नुकसानदेह नहीं होता लेकिन दरारें गहरी होने पर दर्द हो सकता है तथा वहां रक्त बहना शुरू हो सकता है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो एड़ी में पड़ी दरारों में संक्रमण हो सकता है। डायबिटीज इस समस्या को अधिक बिगाड़ सकती है। एड़ियों का फटना पैरों की केयर सही तरीके से नही होना दर्शाता है।
घरेलू उपाय
-एक टब में गुनगुना पानी लें। इसमें एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी डालें। इसमें अपने पैर डालकर 10 मिनट भिगोएं । इस प्रकार पैर भिगोने के बाद रगड़ कर मृत त्वचा को निकालें।
-देसी मोम ( छत्ते का प्राकृतिक मोम ) 25 ग्राम और 50 ग्राम तिल का तेल मिलाकर गर्म करें।अच्छी तरह मिक्स हो जाने पर इसे किसी चौड़े मुंह वाली शीशी में भर लें। ये मलहम तैयार है। पैर सूखने के बाद ये मोम बिवाइयों में लगाएं। इस प्रकार रोज इसे लगाने से एक सप्ताह में ही बिवाइयां ठीक हो सकती हैं।
-पका केला और नारियल मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें। ये पेस्ट 15 -20 मिनट पैर पर लगा कर रखें फिर रगड़ कर धो लें। यह क्रेक ठीक भी करता है और क्रेक होने से बचाता भी है। रोजाना इसे करने से एड़ी मुलायम बनी रहती है।
-यदि दरारें नहीं हों, सिर्फ स्किन कड़क और भुरभुरी हो गई हो तो एड़ी पर नींबू का रस दस मिनट लगाकर रखें। उसके बाद प्यूमिक स्टोन या ब्रश की सहायता से रगड़ कर मृत त्वचा को निकाल दें।
- रात को सोते समय 15 मिनट पैरों को साबुन वाले गुनगुने पानी में डुबो कर रखें। रगड़ कर साफ करें और सूखा लें। एक चम्मच वैसलीन में एक नीबू का रस निचोड़ कर अच्छे से मिक्स कर लें। इसको फटी एड़ियों पर और बाकि पैर पर हल्की मालिश करते हुए लगाएं। इसके बाद मोजे पहन कर सोएं। मोजे पहनने से बिस्तर गंदा नहीं होगा तथा ये सोलुशन स्किन मे रम जाएगा। अगली सुबह स्किन सॉफ्ट हो जाने से डेड स्किन भी आराम से निकाल सकते हैं। कुछ दिन इस प्रयोग से एड़ी चमकने लगेगी।
-पैराफिन मोम पिघला लें। इसमें सरसों का तेल या नारियल का तेल मिला लें। इसे रात को सोते समय फटी या सूखी एड़ियों पर लगा लें। अगले दिन धो कर साफ कर लें। 10 -15 दिन ऐसा करने से एड़ियां सही होकर मुलायम हो जाएंगी।
-रोजाना अरंड के तेल की मालिश करने से पैर की स्किन का सूखापन खत्म हो जाता है। स्किन फटी हो तो ठीक हो जाती है।
- नीम की 15 -20 पत्तियां पीस लें। इसमें दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सुबह शाम आधा घंटा लगा कर धो लें। एड़ियां सही हो जाएंगी।
-कच्चा पपीता पीस लें । दस चम्मच ये पिसा पपीता, तीन चम्मच सरसों का तेल और तीन चम्मच हल्दी इन सबको मिलाकर हलवे की तरह सेक लें। पैर को ठीक से साफ करके इसे लगाएं। निश्चित रूप से आराम मिलेगा।
-एक चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच गुलाब जल मिलाकर रोज दिन में दो बार पैरों पर लगाने से फटी एड़ियां ठीक हो जाती है।
एड़ियां फटने के मुख्य कारण
रोज अधिक देर तक खड़े रहना। कठोर फर्श पर नंगे पांव अधिक देर घूमना। प्राकृतिक रूप से सूखी त्वचा। अधिक वजन के कारण तलवे का अधिक फैलना। पीछे से खुली चप्पल या सैंडल। किसी बीमारी के कारण जैसे सोरायसिस, एक्ज़िमा, थायरॉइड, डायबिटीज आदि। अधिक देर तक पानी में खड़े रहना। उम्र ज्यादा होना।गलत फिटिंग के जूते चप्पल पहनना। बहुत सूखे वातावरण में रहना। पोष्टिक भोजन की कमी।
आम समस्या है यह
बिवाई या एड़ी फटना (Cracked Heal) एक आम समस्या है। पैरों के तलवों की त्वचा विशेष कर एड़ी की त्वचा सूख कर तड़क जाती है और वहां दरारें बन जाती हैं । इनमे दर्द होने लगता है तथा कभी-कभी खून भी रिसने लगता है। बता दें कि पैर के तलवों की त्वचा में केवल पसीने वाली ग्रंथियां होती है।तेल की ग्रंथियां नहीं होती हैं। किसी कारण से पैरों की पसीने वाली ग्रंथियां सुचारू रूप से काम नहीं करती तो नमी कम हो जाने पर एड़ी की त्वचा सूखी होकर चटकने लगती है। एड़ी फटना नुकसानदेह नहीं होता लेकिन दरारें गहरी होने पर दर्द हो सकता है तथा वहां रक्त बहना शुरू हो सकता है। यदि इसका उपचार न किया जाए तो एड़ी में पड़ी दरारों में संक्रमण हो सकता है। डायबिटीज इस समस्या को अधिक बिगाड़ सकती है। एड़ियों का फटना पैरों की केयर सही तरीके से नही होना दर्शाता है।
घरेलू उपाय
-एक टब में गुनगुना पानी लें। इसमें एक चम्मच नमक और आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी डालें। इसमें अपने पैर डालकर 10 मिनट भिगोएं । इस प्रकार पैर भिगोने के बाद रगड़ कर मृत त्वचा को निकालें।
-देसी मोम ( छत्ते का प्राकृतिक मोम ) 25 ग्राम और 50 ग्राम तिल का तेल मिलाकर गर्म करें।अच्छी तरह मिक्स हो जाने पर इसे किसी चौड़े मुंह वाली शीशी में भर लें। ये मलहम तैयार है। पैर सूखने के बाद ये मोम बिवाइयों में लगाएं। इस प्रकार रोज इसे लगाने से एक सप्ताह में ही बिवाइयां ठीक हो सकती हैं।
-पका केला और नारियल मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें। ये पेस्ट 15 -20 मिनट पैर पर लगा कर रखें फिर रगड़ कर धो लें। यह क्रेक ठीक भी करता है और क्रेक होने से बचाता भी है। रोजाना इसे करने से एड़ी मुलायम बनी रहती है।
-यदि दरारें नहीं हों, सिर्फ स्किन कड़क और भुरभुरी हो गई हो तो एड़ी पर नींबू का रस दस मिनट लगाकर रखें। उसके बाद प्यूमिक स्टोन या ब्रश की सहायता से रगड़ कर मृत त्वचा को निकाल दें।
- रात को सोते समय 15 मिनट पैरों को साबुन वाले गुनगुने पानी में डुबो कर रखें। रगड़ कर साफ करें और सूखा लें। एक चम्मच वैसलीन में एक नीबू का रस निचोड़ कर अच्छे से मिक्स कर लें। इसको फटी एड़ियों पर और बाकि पैर पर हल्की मालिश करते हुए लगाएं। इसके बाद मोजे पहन कर सोएं। मोजे पहनने से बिस्तर गंदा नहीं होगा तथा ये सोलुशन स्किन मे रम जाएगा। अगली सुबह स्किन सॉफ्ट हो जाने से डेड स्किन भी आराम से निकाल सकते हैं। कुछ दिन इस प्रयोग से एड़ी चमकने लगेगी।
-पैराफिन मोम पिघला लें। इसमें सरसों का तेल या नारियल का तेल मिला लें। इसे रात को सोते समय फटी या सूखी एड़ियों पर लगा लें। अगले दिन धो कर साफ कर लें। 10 -15 दिन ऐसा करने से एड़ियां सही होकर मुलायम हो जाएंगी।
-रोजाना अरंड के तेल की मालिश करने से पैर की स्किन का सूखापन खत्म हो जाता है। स्किन फटी हो तो ठीक हो जाती है।
- नीम की 15 -20 पत्तियां पीस लें। इसमें दो चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सुबह शाम आधा घंटा लगा कर धो लें। एड़ियां सही हो जाएंगी।
-कच्चा पपीता पीस लें । दस चम्मच ये पिसा पपीता, तीन चम्मच सरसों का तेल और तीन चम्मच हल्दी इन सबको मिलाकर हलवे की तरह सेक लें। पैर को ठीक से साफ करके इसे लगाएं। निश्चित रूप से आराम मिलेगा।
-एक चम्मच ग्लिसरीन और एक चम्मच गुलाब जल मिलाकर रोज दिन में दो बार पैरों पर लगाने से फटी एड़ियां ठीक हो जाती है।
एड़ियां फटने के मुख्य कारण
रोज अधिक देर तक खड़े रहना। कठोर फर्श पर नंगे पांव अधिक देर घूमना। प्राकृतिक रूप से सूखी त्वचा। अधिक वजन के कारण तलवे का अधिक फैलना। पीछे से खुली चप्पल या सैंडल। किसी बीमारी के कारण जैसे सोरायसिस, एक्ज़िमा, थायरॉइड, डायबिटीज आदि। अधिक देर तक पानी में खड़े रहना। उम्र ज्यादा होना।गलत फिटिंग के जूते चप्पल पहनना। बहुत सूखे वातावरण में रहना। पोष्टिक भोजन की कमी।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें