Move to Jagran APP

हिंदी चीनी भाई-भाई नारा गलत कदम: तिब्बती लेखक सूनड्यू

भारतीय हिमाली राज्यों में चीनी प्रभाव को ले लोगों को कर रहे जागरुक संसू.गंगटोकचीन के दादाि

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 07:37 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 07:37 PM (IST)
हिंदी चीनी भाई-भाई नारा गलत कदम: तिब्बती लेखक सूनड्यू

भारतीय हिमाली राज्यों में चीनी प्रभाव को ले लोगों को कर रहे जागरुक

loksabha election banner

संसू.गंगटोक:चीन के दादागिरी शासन से दबे तिब्बती नागरिकों को जागरुक करते हुए तिब्बती लेखक एवं एक्टिविस्ट तेंजिंग सूनड्यू शुक्रवार को यहां पहुंचे है। तिब्बत पर चीन के दखल और भारतीय हिमाली राज्यों में चीनी प्रभाव को लेकर वह लोगों में जागरुकता फैला रहे है। हिमाचल प्रदेश स्थित धर्मशाला निवासी तिब्बती लेखक एवं एक्टिविस्ट तेंजिंग सूनड्यू लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड होकर आज यहां पहुंचे।

वह यहा से कालिम्पोंग, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी होते हुए अरुणाचल पहुंचकर अपनी यात्रा का समापन करेंगे। इसी क्रम में यहां पहुंचने पर तेंजिंग ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तिब्बत पर चीनी दखल और भारतीय हिमाली राज्यों में इसका प्रभाव विरुद्ध वह लोगों में जागरुकता फैला रहे है। अपनी यात्रा अवधि में वह तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बत से कैसे भागकर भारत आए, इस विषय में बनी फिल्म प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाली राज्य के सुदूर ग्रामीण अब तक भी राजनीति के विषय में अनभिज्ञ हैं, यात्रा के अनुभव में उन्होंने कहा। उनका कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से भारत और तिब्बत बीच कायम पारम्परिक, सास्कृतिक और राजनीतिक संबंध को पुन: जगा जा सकेगा। चीन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चीन के विरुद्ध सबको एक होने का समय आया है। उन्होंने भारत को भी चीन के विरुद्ध सशक्त रूप से खड़ा होना जरूरी बताया। उन्होंने दावे के साथ कहा कि चीन का लक्ष्य केवल विश्व पर राज करना है। गलवान घाटी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत द्वारा चीन को मित्र मानना गलत है। उन्होंने चीन के संदर्भ में कहा कि हिंदी चीनी भाई-भाई भारत का नारा गलत कदम है कहा।

----------

-----------

-----------

--------------

चीन के दादागिरी शासन से दबे तिब्बती नागरिकों को जागरुक करते हुए तिब्बती लेखक एवं एक्टिविस्ट तेंजिंग सूनड्यू शुक्रवार को यहां पहुंचे है। तिब्बत पर चीन के दखल और भारतीय हिमाली राज्यों में चीनी प्रभाव को लेकर वह लोगों में जागरुकता फैला रहे है। हिमाचल प्रदेश स्थित धर्मशाला निवासी तिब्बती लेखक एवं एक्टिविस्ट तेंजिंग सूनड्यू लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड होकर आज यहां पहुंचे।

वह यहा से कालिम्पोंग, दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी होते हुए अरुणाचल पहुंचकर अपनी यात्रा का समापन करेंगे। इसी क्रम में यहां पहुंचने पर तेंजिंग ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि तिब्बत पर चीनी दखल और भारतीय हिमाली राज्यों में इसका प्रभाव विरुद्ध वह लोगों में जागरुकता फैला रहे है। अपनी यात्रा अवधि में वह तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा तिब्बत से कैसे भागकर भारत आए, इस विषय में बनी फिल्म प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाली राज्य के सुदूर ग्रामीण अब तक भी राजनीति के विषय में अनभिज्ञ हैं, यात्रा के अनुभव में उन्होंने कहा। उनका कहना है कि इस यात्रा के माध्यम से भारत और तिब्बत बीच कायम पारम्परिक, सास्कृतिक और राजनीतिक संबंध को पुन: जगा जा सकेगा। चीन के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि चीन के विरुद्ध सबको एक होने का समय आया है। उन्होंने भारत को भी चीन के विरुद्ध सशक्त रूप से खड़ा होना जरूरी बताया। उन्होंने दावे के साथ कहा कि चीन का लक्ष्य केवल विश्व पर राज करना है। गलवान घाटी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत द्वारा चीन को मित्र मानना गलत है। उन्होंने चीन के संदर्भ में कहा कि हिंदी चीनी भाई-भाई भारत का नारा गलत कदम है कहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.