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भारी बारिश से डूबी रेगुलेटेड मार्केट के कारोबारियों की नैया

-फल और सब्जी मंडी के स्टॉलों में घुसा पानी -कुछ ही घंटों में करोड़ों रुपये के नुकसान

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 11:01 PM (IST)
भारी बारिश से डूबी रेगुलेटेड मार्केट के कारोबारियों की नैया
भारी बारिश से डूबी रेगुलेटेड मार्केट के कारोबारियों की नैया

-फल और सब्जी मंडी के स्टॉलों में घुसा पानी

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-कुछ ही घंटों में करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना महामारी के इस दौर में परेशान सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारियों को भारी बारिश ने नुकसान में डुबो दिया है। मंगलवार की रात हुई मूसलाधार बारिश की वजह से सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के फल व सब्जी मंडी के अधिकांश स्टॉल में पानी भर गया। सब्जी व फल के व्यापारियों ने करोड़ो रुपए के नुकसान की संभावना जताई है। इसके लिए व्यापारियों ने सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट प्रबंधन और सिलीगुड़ी नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है।

कोरोना महामारी की वजह से पश्चिम बंगाल समेत देश के कई राज्यों में लाकडाउन का दौर चल रहा है। आवश्यक सामान की श्रेणी में आने की वजह से सीमित समय के लिए बाजार-हाट खुल तो रहा है, लेकिन इससे सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के व्यापारियों का काम नहीं चल रहा है। सीमित समय के लिए बाजार खुलने की वजह से स्वाभाविक रुप से मांग कम हुई है। व्यापार का ग्राफ लगातार गिरने की वजह से मार्केट के थोक व्यापारी भी परेशान है। इधर, मंगलवार की रात अचानक तेज बारिश शुरु हो गई। कई घंटे हुई मूसलाधार बारिश की वजह से सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के फल और सब्जी मंडी के अधिकांश दुकानों में भर गया।

यहां बताते चलें कि सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट से उत्तर बंगाल समेत पूर्वोत्तर के असम, सिक्किम व अन्य राज्यों के खुदरा बाजारों में कच्चे माल की आपूर्ति की जाती है। फिलहाल आम और लीची का सीजन है। सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के फल मंडी की अधिकांश दुकानों में आम की टोकरी और बक्से भरे हुए हैं। वहीं सब्जी मंडी के दुकानों में भी कच्चा माल भरा है। मंगलवार को सिलीगुड़ी में भारी बारिश की वजह से फल-सब्जी मंडी की दुकानों में पानी भर गया। दुकानों में पानी घुसने से रखे आम और लीची के नष्ट होने की पूरी संभावना जताई गई है।

फल मंडी के व्यापरियों ने बताया कि किसान पकने के पहले ही आम तोड़कर मंडी में ले आते हैं। टोकरी, बक्से और ट्रे में आम को पकने के लिए कार्बाइट या अन्य रसायन का उपयोग किया जाता है। इन ट्रे, टोकरी और बक्से में पानी घुसने से सारा आम जल जाएगा। बल्कि लीची भी खराब हो जाएगी। बारिश की पानी के साथ कचरा भी दुकानों में घूस गया है। जिसकी वजह से गद्दी में रहने वाले किसान और मजदूरों को रात-भर जाग कर गुजारना होगा। फल मंडी के व्यापारियों ने बताया कि सिर्फ आम के व्यापारियों को पचास लाख से अधिक का नुकसान होगा। व्यापारियों ने इस नुकसान के लिए सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी और सिलीगुड़ी नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है।

व्यापारियों ने बताया कि मंडी की साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है। जबकि मंडी के हाई ड्रेनों की सफाई वर्षो से नहीं हुई है। जिसकी वजह से हल्की बारिश में भी हाई ड्रेन भरने की वजह से छोटी नालियों का पानी दुकानों में घुसने लगता है। व्यापारियों ने बताया कि मंडी की पिछली दीवार बनाने के क्रम में हाइ ड्रेन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। जिसकी वजह से मंगलवार को बारिश का पानी दुकानों में घूस गया।


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