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विश्व शाति के लिए गुरु पूजा संपन्न

दीप प्रज्जवलन के साथ पूजा में पानफूल के साथ पंचोली युमा पूजा की गई -- संवाद सूत्रदार्जिलिंग ि

By JagranEdited By: Tue, 18 Jan 2022 07:32 PM (IST)
विश्व शाति के लिए गुरु पूजा संपन्न
विश्व शाति के लिए गुरु पूजा संपन्न

दीप प्रज्जवलन के साथ पूजा में पान,फूल के साथ पंचोली युमा पूजा की गई

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संवाद सूत्र,दार्जिलिंग: सिंघामारी सिंगताम फाटक, कृष्णा ग्राम दार्जिलिंग में लिंबू जनजातीय प्राकृतिक गुरु पूजा संपन्न हुई। मन बहादुर माबोहंग की अगुवाई में पूजा आयोजित की गई। सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर पूजा में पान फूल के साथ पंचोली युमा पूजा की गई ,साथ ही 108 दीप जलाया गया ,इस प्राकृतिक पूजा को संपन्न कराने हेतु नेपाल और कालिम्पोंग के गुरुजनों को लाया गया था। विश्व में फैली महामारी से रक्षा के लिए प्रार्थना किया गया पूजा के पश्चात नूर बस्ती विजनबारी से आए स्वजातिय कलाकारों द्वारा लिंबू नृत्य और गीत ,प्रश्न प्रस्तुत किया गया इस पूजा में सम्मिलित होने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण आए थे जिन्होंने मन बहादुर माबोहाग को खदा लगाकर सम्मान किया । इस अवसर पर मन बहादुर माबोहाग ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध के कारण हमारे युवा युवती का आकर्षण ज्यादा है इस कारण हमारे जातीय वेशभूषा ,शिक्षा ,संगीत विलुप्त हो रहा है इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमें अपने आने वाले भावी पीढ़ी को इसका ज्ञान देना आवश्यक है और अपने गुरुओं द्वारा शक्ति प्राप्त करने और जनकल्याण के लिए उक्त पूजा आयोजित की गई है। कोविड के कारण ज्यादा भक्तो को शामिल नही किया गया परंतु सभी के लिए प्रार्थना की गई है ।

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सिंघामारी सिंगताम फाटक, कृष्णा ग्राम दार्जिलिंग में लिंबू जनजातीय प्राकृतिक गुरु पूजा संपन्न हुई। मन बहादुर माबोहंग की अगुवाई में पूजा का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर पूजा में पान फूल के साथ पंचोली युमा पूजा की गई ,साथ ही 108 दीप जलाया गया ,इस प्राकृतिक पूजा को संपन्न कराने हेतु नेपाल और कालिम्पोंग के गुरुजनों को लाया गया था ।विश्व में फैली महामारी से रक्षा के लिए प्रार्थना किया गया पूजा के पश्चात नूर बस्ती विजनबारी से आए स्वजातिय कलाकारों द्वारा लिंबू नृत्य और गीत ,प्रश्न प्रस्तुत किया गया इस पूजा में सम्मिलित होने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण आए थे जिन्होंने मन बहादुर माबोहाग को खदा लगाकर सम्मान किया । इस अवसर पर मन बहादुर माबोहाग ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता के चकाचौंध के कारण हमारे युवा युवती का आकर्षण ज्यादा है इस कारण हमारे जातीय वेशभूषा ,शिक्षा ,संगीत विलुप्त हो रहा है इन सभी को ध्यान में रखते हुए हमें अपने आने वाले भावी पीढ़ी को इसका ज्ञान देना आवश्यक है और अपने गुरुओं द्वारा शक्ति प्राप्त करने और जनकल्याण के लिए उक्त पूजा आयोजित की गई है। कोविड के कारण ज्यादा भक्तो को शामिल नही किया गया परंतु सभी के लिए प्रार्थना किया गया है ।