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15 जुलाई को चौरास्ता पर प्रारंभ होगा आमरण अनशन

विनय तमांग ने बताया कि 15 से दार्जिलिंग चौरास्ता पर गोरखालैंड मूवमेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के द्वितीय प्रमुख नेताओं द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 12 Jul 2017 11:33 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jul 2017 11:33 AM (IST)
15 जुलाई को चौरास्ता पर प्रारंभ होगा आमरण अनशन
15 जुलाई को चौरास्ता पर प्रारंभ होगा आमरण अनशन

सिलीगुड़ी, [ जागरण संवाददाता]  अलग गोरखालैंड राज्य आंदोलन को लेकर मंगलवार देर शाम मिरिक में गोरखालैंड मूवमेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला अमंगल रहा। बैठक में नौ बिंदुओं पर निर्णय लिया। उसके हिल्स में जारी बेमियादी बंद जारी रखने का निर्णय हुआ। यह जानकारी गोरखालैंड को-ऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक कल्याण देवान व गोजमुमो के राष्ट्रीय सह सचिव विनय तमांग ने दी।

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उन्होंने बताया कि 15 जुलाई से दार्जिलिंग के चौरास्ता पर गोरखालैंड मूवमेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के द्वितीय प्रमुख नेताओं द्वारा आमरण अनशन किया जाएगा। 13 जुलाई को भानूभक्त जयंती पर सरकार द्वारा प्राप्त पदकों व पुरस्कार वापस किया जाएगा। हिल्स में अघोषित नाकाबंदी को अविलंब खोलने के लिए आंदोलनकारी बड़ी संख्या में जिलाधिकारी, एसडीओ और बीडीओ कार्यालय का घेराव करेंगे।

राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, मानवाधिकार संगठन,सांसद एसएस अहलूवालिया से केंद्रीय सतर्कता विभाग से इस पूरे मामले की जांच कराने का दबाव डाला जाएगा, यदि जरुरत पड़ी तो महारैली लेकर सिलीगुड़ी से खाद्यान्न लाया जाएगा। इसके लिए झोली लेकर आंदोलनकारी घर-घर जाएंगे। 14 जुलाई के अंदर सभी बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पदाधिकारियों को त्यागपत्र देना होगा। ऐसा नहीं होने से उन्हें गोरखा विरोधी घोषित किया जाएगा। आमरण अनशन के साथ नयी दिल्ली को जंतर -मंतर में धरना प्रदर्शन और सांसद पर दबाव डालते हुए इस मांग को मानसून सत्र में उठाने की मांग करेंगे। अगली बैठक 18 जुलाई को होगी। विनय तमांग ने बताया कि आठ जुलाई को पुलिस लाठी चार्ज व गोली कांड में घायल लुइस जुबली निवासी अशोक तमांग की मौत सिक्किम में इलाज के दौरान हो गयी।

गोरखा आंदोलन से जुड़े सभी नेताओं ने शहीद के प्रति शोक व्यक्त किया है। तमांग ने कहा कि बैठक प्रारंभ होने के पूर्व आंदोलन में शहीद हुए गोरखा आंदोलनकारी और अमरनाथ यात्रा में मारे गये श्रद्धालुओं की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मिरिक के यूथ होस्टल के सामने बड़ी संख्या में आंदोलनकारी पहुंचे और बंद को वापस नहीं लेने की मांग करने लगे। दार्जिलिंग में आंदोलन के समर्थन में खुकरी रैली निकाली गयी। इसमें भी यही मांग थी। बैठक में हर बिंदु पर विचार किया गया। कहा गया कि जिस प्रकार राज्य सरकार दमन करके आंदोलन को कुचलना चाहती है उसके खिलाफ ही यह बंदी और गोरखाओं की हठ को और बढ़ा दिया है।

आंदोलन में गोरखाओं के अलावा सभी जाति और धर्म के लोगों को साथ लिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता संयोजक कल्याण देवान ने की। बैठक में 11 पार्टियों व संगठन के दो-दो सदस्यों को इसमें शामिल थे। बैठक में विनय तमांग, डी के प्रधान, तिलक रोका, त्रिलोक चंद्र रोका, हेमंत गौतम, शंकर अधिकारी, प्रेम कुमार तमांग, एन एल तमांग, आर मुक्तान, सरिता राई, डा.आरबी राई, एन बी छेत्री, सरिता राई, कल्याण देवान, सैमुअल गुरुंग, विप्लव राई, सुदर्शन राई, रेवेश गुरुंग, नारायण प्रकाश प्रधान, अरुण घटानी, नीरज जिब्बा, एमके सुब्बा,मौरिस कालीकोटे, सुमन मोक्तान और मुनीष तमांग समेत कई अन्य प्रतिनिधि भी शामिल थे।


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